छोङ दिया उसे, उसकी खुशियों की खातिर.
वरना अपनी बदनसीबी उसे भी ले डूबती.



खूबियाँ इतनी तो नही हम में कि
तुम्हे कभी याद आएँगे पर
इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर,
आप हमे कभी भूल नही पाएँगे

ਹਮੇਸਾ ਲੋਕ ਯਕੀਨ ਵੀ ਉਸ ਵੇਲੇ ਤੋੜਦੇ ਹਨ
ਜਦੋਂ ਅਸੀਂ ਉਹਨਾ ਤੇ ਆਪਣੇ ਤੋਂ ਵੱਧ ਯਕੀਨ ਕਰਨ ਲੱਗ ਜਾਂਦੇ ਆ..

हुआ है तुझ से बिछड़ने के बाद ये मालूम……
कि तू नहीं था तेरे साथ एक दुनिया थी….


एहसास मिटा, तलाश मिटी और मिट गयी सारी उम्मीदे,
सब मिट गया पर जो न मिट सका वो हैं सिर्फ तेरी यादें


गज़ब का शिकारी था वों
हज़ारों हूनर थें अपने शिकार के लियें
सारे हूनर की आज़माईश मुझ पे करता था


मुझसे एक दोस्त नहीं बदला जाता, चाहे लाख दूरी होने पर
लोगों के तो भगवान तक बदल जाते हैं एक मुराद पूरी ना होने पर.

दीवार में चुनवा दिया है सब ख्वाइशों को….
.
.
. अनारकली बन कर बहुत नाच रही थी sali.. मेरे सीने mai..

उसकी तो फितरत थी
सबसे मोहब्बत करने की
हम तो बिना बजह अपने आप को
खुशनसीब समझ बेठे…


आज फिर रूला गया उस विधवा औरत को…
क्या जरूरत थी.. ऐ चुड़ीवाले तुझे उसके घर जाने की..


सोचूँ तो सिमट जाऊँ,
देखूँ तो बिखर जाऊँ,,
हर लम्हा तेरी चाहत,
जाऊँ तो कहाँ जाऊँ …?

थोड़ा तो आसुओं के साथ.,
बाहर निकल ए दर्द…
इतना भी क्यूँ जिद्दी..
बना बैठा है सीने में….


आज परछाई से पूछ ही लिया क्यों चलती हो, मेरे साथ ….. उसने भी हँसके कहा, दूसरा और कौन है तेरे साथ

बहुत अजीब है यह बंदिशें मोहब्बत की;
कोई किसी को बहुत टूट कर चाहता है;
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।

मैं अपने हौसले को यक़ीनन बचाऊँगा..
घर से निकल पड़ा हूँ तो फिर दूर जाऊँगा…बादल को दे के दावतें इस फ़िक्र में हूँ मैं
कागज़ के घर में उसको कहाँ पर बिठाऊँगा.