~Mohabbat Ki Na Bat Karo Ye Purani Batain Hain,
Hum Se Aj Ki Bat Karo Ab Tum Kis K Ho .. ^

Loading views...



जब छोटे थे तब बड़े होने की बड़ी चाहत थी !
पर अब पता चला कि :
अधूरे एहसास और टूटे सपनों से,
अधूरे होमवर्क और टूटे खिलौने अच्छे थे !

Loading views...

“मजबूरियों के नाम पर दामन चुरा गये,
वो लोग जिन की मोहब्बतों में दावे हजार थे ।”

Loading views...

इश्क के नाम से अब डर लगता है,
के दिल अब और दर्द सहन ना कर पायेगा..!!

Loading views...


Teri Talash Mein Nikloon Bhi To Kya Fayeda…!!
Tu Badal Gaya Hai” Khoya Hota To Alag Baat Thi..

Loading views...

Hamare baad nhi aaye ga tumhe chahto ka aisa mja!!
Tum logo ko khte firo ge,
hume chaho uski tarah!!

Loading views...


मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है,
ये कागज कलम ये गजल आख़िरी है,
मैं फिर ना मिलूँगा कहीं ढूंढ लेना,
तेरे दर्द का अब ये असर आख़िरी है।

Loading views...


बेवज़ह बिछड तो गये हो..
बस इतना बता दो…
कि.. सुकून मिला या नहीं…

Loading views...

अब* *तो* *बड़ा* *मुश्किल* *काम* *दे* *दिया*
*किस्मत* *ने* *मुझको*,

*कहती* *है*

*तुम* *तो* *सबके* *हो* *गए* *अब* *ढूंढो* *उनको*
*जो* *तुम्हारे* *है*

Loading views...

Ankhe ro padhi unka na paigam aaya,
Chale gaye humein akela chhod ke ye kesa mukam aaya,
Meri tanhai Hansi mujhpe
Aur boli Bata
Aakhir mere siva tere kon kaam aaya…???

Loading views...


मैं अपने हौसले को यक़ीनन बचाऊँगा..
घर से निकल पड़ा हूँ तो फिर दूर जाऊँगा…बादल को दे के दावतें इस फ़िक्र में हूँ मैं
कागज़ के घर में उसको कहाँ पर बिठाऊँगा.

Loading views...


वो खुस है इतनी कि अब जी नही करता कि
उ्स्से पूछू कि हमारी याद आती है या नही.
#sattu

Loading views...

उसने कहा की, ख़्वाब में आने का वक़्त दो..
मैंने कहा की, नींद का मौसम गुज़र गया.!

Loading views...


दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते!
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते!
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ!
हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!

Loading views...

तेरे ही ख्वाबों की रंगीन तस्वीर हूँ मैं…
अब मर्जी तेरी…
तू चाहे तो मिटा दे
या फिर
अपने दिल से लगा लें..!!

Loading views...

उनसे मिलने को जो सोचों अब वो ज़माना नहीं,
घर भी कैसे जाऊं अब तो कोई बहाना नहीं,
मुझे याद रखना कहीं तुम भुला न देना,
माना के बरसों से तेरी गली में आना-जाना नहीं।

Loading views...