न रुकी वक़्त की गर्दिश और न ज़माना बदला……!!
.
.
पेड़ सूखा तो परिन्दों ने ठिकाना बदला……!!



उसे लगता है
की उसकी चालाकियाँ मुझे समझ
नही आती
मै बड़ी खामोशी से देखता हु
उसको अपनी नजर से गिरते हुए

तू गया है इस बार तो
लौट के मत आना !!

अब तुझे पाने की वो चाह
खत्म सी हो रही है !!

जरा सोचिए – विज्ञान हमे कहाँ ले आया ?
#पहले :-वो कुँए का मैला कुचला पानी पीकर भी 100 वर्ष जी लेते थे
#अब :- RO का शुद्ध पानी पीकर 40 वर्ष में बुढे हो रहे है
◆◆◆◆ ●●●● …….
#पहले :- वो घाणी का मैला सा तैल खाके बुढ़ापे में भी मेहनत कर लेते थे।
#अब :-हम डबल-ट्रिपल फ़िल्टर तैल खा कर जवानी में भी हाँफ जाते है
◆◆◆◆ ●●●● …….
#पहले :-वो डले वाला नमक खाके बीमार ना पड़ते थे।
#अब :- हम आयोडीन युक्त खाके हाई-लो बीपी लिये पड़े है
◆◆◆◆ ●●●● …….
#पहले :-वो नीम-बबूल कोयला नमक से दाँत चमकाते थे और 80 वर्ष तक भी चब्बा-चब्बा कर खाते थे
#अब :-कॉलगेट सुरक्षा वाले रोज डेंटिस्ट के चक्कर लगाते है
◆◆◆◆ ●●●● …….
#पहले :- वो नाड़ी पकड़ कर रोग बता देते थे
#अब :-आज जाँचे कराने पर भी रोग नहीं जान पाते है
◆◆◆◆ ●●●● …….
#पहले :- वो 7-8 बच्चे जन्मने वाली माँ 80 वर्ष की अवस्था में भी खेत का काम करती थी।
#अब :- पहले महीने से डॉक्टर की देख-रेख में रहते है फिर भी बच्चे पेट फाड़ कर जन्मते है
◆◆◆◆ ●●●● …….
#पहले :-काले गुड़ की मिठाइयां ठोक ठोक के खा जाते थे
अब :- खाने से पहले ही सुगर की बीमारी हो जाती है
◆◆◆◆ ●●●● …….
#पहले :-बुजर्गो के भी घुटने नहीं दुखते थे
#अब :-जवान भी घुटनो और कन्धों के दर्द से कहराता है


ट्रेन गुजर रही थी स्टेशन पर..
तुम्हारी यादआई.
मालूम नहीं क्यूँ.
तुम्हें वो गाना याद है..
जो मैं अक्सर तुम्हें देख कर गुनगुनाया करता था.
तुझे ना देखूं तो चैन, मुझे आता नही है..
एक ऐसा भी दौर गुजरा है.
वाकई कैसे भूलना मुमकिन है.
याद है, तुम्हारे शहर में जब बारिश होती थी,
तो तुम मुझे बताती थी.
तुम्हारा शहर भीगा होगा वैसे फिर कभी या शायद नहीं.
मेरे बाद तुम्हारा शहर भी खाली हो गया होगा ना,
पता नहीं.
Fb से दूर हो, अच्छा कर रहे हो.
सच के लोग होते हैं असल ज़िंदगी में,
यहाँ तो सब काल्पनिक है.
अब भी तुम रहते हो मेरी बातों,
मेरे ख़यालों, मेरी कविताओं में कहीं.
पर ना जाने क्यूँ अब तुम मिलते ही नहीं.
कभी सोचता हुँ की फिल्म बनाऊँगा तो मेरे डायलॉग कोई नहीं लिख पाएगा तुम्हारे सिवा.
क्यूंकी तुम मेरे किरदारों को समझोगे,
जैसे मुझे समझते आए हो अभी तक.
अब तो ना जाने तुम कौनसी दुनिया में रहते हो
और मोहब्बत किसका नाम है.
तुम्हारे मेरे बीच में क्या है ये भी मालूम नहीं..
तुम कभी थे नहीं तो क्या है जिसकी कमी महसूस होती है.
तुम्हारी बातें सोच – सोच कर अब भी क्यूँ मुस्कुराता रहता हूँ.
किसी से रुठजाते हो,
तो अब किसे बताते हो.
मेरे जैसे कोई और ढूँढ लिया है क्या?
क्या हम तुम मिलेंगे
फिर कभी या फिर ट्रेन की पटरी की तरह साथ होकर भी अलग रहेंगे हमेशा…
तुम ही तो कहते थे ना कि हमारी मंज़िलें एक हैं
तो फिर रास्ते अलग – अलग क्यूँ हो गये…???

~Toot Kar Chubh Raha Hai Aankhon Main,
Aaina To Nahi Tha Khawab Mera .. ^


उसे लगता है
की उसकी चालाकियाँ मुझे समझ
नही आती
मै बड़ी खामोशी से देखता हु
उसको अपनी नजर से गिरते हुए


वक़्त बदलता है ज़िंदगी के साथ,
ज़िंदगी बदलती है वक़्त के साथ,

वक़्त नहीं बदलता है अपनों के साथ,
बस अपने बदल जाते हैं वक़्त के साथ !!

~ Kuch Khas To Hai Is Shakhs Ki,
Yaado’n Me Warna Har Bar Is K Zikr Pr,
Yoon Aankhen Num Na Hoti .. ^

काश उन्हें चाहने का अरमान नही होता
में होश में होकर भी अंजान नही होता
ये प्यार ना होता ,किसी पत्थर दिल से
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता !!!


वो खुस है इतनी कि अब जी नही करता कि
उ्स्से पूछू कि हमारी याद आती है या नही.
#sattu


मरने के नाम से जो रखते थे मुँह पे उँगलियाँ …..
अफ़सोस वही लोग मेरे दिल के क़ातिल निकले…..😢😢😢😢😢
Abhiroop

उसको बेवफा कहकर
💞
अपनी ही नजर में गिर जाते है हम…
वो प्यार भी अपना था
और वो पसंद भी अपनी थी.


~ Apni Deed Se Mujhe Yoon Umr Bhar Tarsay’Gah
Is Baat Pe Meri Ankhon Ne Khud-Kashi Kar Li .. ^

कितनी💘 अजीब हैं ना ये 💝
💛दुनिया 💖मतलब के लिए 💘लोग
💓पास आते है आदत बनते है 💜
💕और जब हम हद से 💗जादा भरोसा करने
💙लगते हैं 💔तब लोग विना वजह बताये 💙
👄छोड के चले जाते हैं 💋💋💋💋प्रतीक राज

अगर भीगने का इतना शौक है बारिश में

तो देखो न मेरी आँखों में

बारिश तो हर एक के लिए होती है

लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए रोती हैं

…आशिक…