मुहब्बत अगर चेहरे से नहीं,दिल से होती…
तो यकीन से कहात हूँ,
जमाने में बेवफाई नाम की कोई चीज़ न होती



aj phir dil udaas hai,,,,
na jane kis cheez ki aas hai,,
hum to is baat ko samjh na paye ,,,
kiya tumko is baat ka abhaas hai??

गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया!
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया!
थक के जब सितारों से पनाह ली!
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया

~Bohat Roya Hoga Woh Khali Kagaz Dekh Kar,
Khat Meiin Usne Pucha Tha Zindagii Kaiise Chal Rahii Haii .. ‘


बड़ी मुस्किल से बनाया था अपने आपको काबिल उसके,
उसने ये कहकर बिखेर दिया….
की तुमसे मोह्बत तो है पर पाने की चाहत नही हैं।

भगवान और इंसान मेँ
फ़र्क सिर्फ इतना है…
भगवान “तन” से पत्थर और
इंसान “मन” से पत्थर है..!!


आज जब हमें मौत लेने आई
तो इतना कहकर चली गई
कि मैं जिंदगी उनकी लेती हूँ
जो जिंदा हो !


Gehri thi raat, lakin hum khoye nahi,
Dard bahoot tha dil mein, lakin hum roye nahi,
Koi nahi hamara jo puche humse,
Jag rahe ho kisi ke liye,
ya kisi ke liye soye hi nahi.

Uski Deed Ko Aj Aankhen Yun Tarass Rhi Hain
Jaise Hassrat Ho Banjar Zameen Ko Muddat Se Ek Barsat Ki

-Woh Ek Mauka Toh De Hame Baat Karne Ke
Waada Haii
Unhe Bhii Rula Dengey Unhi Ke Sitam Suna’Suna Kar .. ‪‬‪‬‪‬


गुजारिश हमारी वह मान न सके,
मज़बूरी हमारी वह जान न सके,
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे,
जीते जी जो हमें पहचान न सके.


पगली तू बात करने का मौका तो दे ..
कसम से कहता हु….
रूला देंगे तुझे तेरे ही सितम गिनाते गिनाते

दूर होकर भी नजदीकियां कायम रही..
हमारा इश्क़,
दूसरों से
अलग था..


मोहब्बत का नतीजा, दुनिया में हमने बुरा देखा,
जिन्हे दावा था वफ़ा का, उन्हें भी हमने बेवफा देखा.

जो छलक न पाए ‘आँसू’ … उन्हें ‘बेबसी’ समझना …
जो छलक जाए, उन्हें मेरी ‘बेसब्री’ समझना ।।

~Meiin Yehii Puchtii Rehtii Hoon Zamaney Bhar Se,
Jiin Kii Taqdeer Bigar Jaye Wo Kya Kartey Haiin .. ‘