~ Meri Zindagii Ke Taliban Ho Tum
Be’Maqsad Tabahi Macha Rakhii Haii ..’



~Lagtii Hain Jinke Dil Par Woh Aankho Se Nahi Rote,

Jo Apno Ke Hi Naa Ho Paye Wo Kisii Ke Nahii Hote ..’

अक्ल कहती है, ना जा कूचा-ए-क़ातिल की तरफ;
सरफ़रोशी की हवस कहती है चल क्या होगा।

je pyr bhi ajeeb h,
jo ise jan le….
ye kmbkhat usi ki jaan le leta h….


जब दो लोगों के बीच तीसरा इंसान आ जाता है….
तो दूरियां अपने आप बढ़ जाती हैं !!!!

यूँ बार बार निहारती हो आईना,
ख़ूबसूरती पे गुमान है.. या शक।


मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला
अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता…


तू रूठा रूठा सा लगता है कोई तरकीब बता मनाने की
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा तू क़ीमत बता मुस्कुराने की…

बहन का प्यार है इसमें हिफाज़त का तक़ाज़ा भी,
इसी रेशम के धागे पर कलाई नाज़ करती है।

मन की मैं पौसो से गरीब हु,
पर कोई माझे अपना बनाये तो उसके सारे गम खरीद सकता हूं


😥😥😥जीने भी दे ,,,😓😓दुनिया हमें इल्जाम न लगा एक बार तो करते हैं सब कोई हँसी गुन्हा,,,,,,😢😢


जब सुकून नही मिलता दिखावे की बस्ती में…
तब खो जाता हूँ मेरे महाकाल की मस्ती में…

सहजता से निभ सके वे ही रिश्ते सुखद है
जिन्हें निभाना पड़े वो रिश्ते नहीं दुनियादारी है !!


क्यों पहनती हो चूड़ी, क्यों पहनती हो कंगना,*

*सजने का ही शोक है तो फिर बना लो न सजना .😀

~Toot Kar Chubh Raha Hai Aankhon Main,
Aaina To Nahi Tha Khawab Mera .. ^