“दारु की जन्म गाथा”
दुनिया में पहली बार दारू बनाने की भट्ठी एक बरगद के पेड़ के नीचे लगी थी |
पेड़ पर एक कोयल और एक तोता रहते थे |
पेड़ के नीचे एक शेर और एक सूअर अक्सर आराम करने आते थे |
पहले ही दिन दारू बनाते समय भट्ठी से आग लग गयी |
आग में कोयल, तोता, शेर और सूअर जल कर मर गए।
और चारों की आत्मा सदा के लिए दारू में प्रवेश कर गयी |
अब नतीजा ये हुआ कि,,


दो पैग के बाद कोयल की आत्मा का असर और मीठे बोल चालू |
तीसरे पैग के बाद तोते की तरह एक ही बात की टें टें टें |
चौथे पैग के बाद शेर की आत्मा का असर
और फिर मुहल्ले का दादा बन गए |
और अगले पैग के बाद सूअर की आत्मा जग जाती है
और फिर तो आप जानते ही होंगे
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नाली मे ………….


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