Rooh men meri bass k bOla wO .. Itni nazdekiyan achi nhi hOti ..
बेवफाई तो सभी कर लेते है जानेमन , तू तो समझदार थी कुछ तो नया करती
चंद पन्ने क्या फटे ज़िन्दगी की किताब के. ज़माने ने समझा हमारा दौर ही ख़त्म हो गया.
अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दो, कोई शिकायत होगी भी तो कह नहीं पाउँगा..!!
तुम्हे क्या पता किस “दर्द” मे हूँ मैं ! जो कभी लिया ही नही,उस “कर्ज़” मे हूँ मैं
जो छलक न पाए ‘आँसू’ … उन्हें ‘बेबसी’ समझना … जो छलक जाए, उन्हें मेरी ‘बेसब्री’ समझना ।।
दिलबर मेरे कब तक मुझे ऐसे ही तडपाओगे, एक कान के नीचे लगा दूंगा तो पल में सुधर जाओगे !!
यूँ बार बार निहारती हो आईना, ख़ूबसूरती पे गुमान है.. या शक।
जनाज़ा इसीलिए भारी था उस गरीब का…!! क्योकि वह सारे अरमान साथ लेकर चला गया…!!
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