हम सा काहिल न मिलेगा कहीं खुद ख्वाहिशें हमसे तंग सजन
कितना समेटे खुद को बार बार, टूट के बिखरने की भी सीमा होती है ||
तूने फैसले ही सारे दूर जाने वाले किये, नहीं तो बता मेरे से करीब तेरे और कौन था।
वो तो हम जैसे शायरों ने लफ़्ज़ों सेसजा रखा है… वरना मोहब्बत इतनी भी हसीं नहीँ होती…
Yeh Zaroori Nahi Ki Har Baat vo Meri Samjhe.. Zaroori Yeh Hai Ki vo Mujhe Kuch To SamJhe
बेवफाई तो सभी कर लेते है जानेमन , तू तो समझदार थी कुछ तो नया करती
ये मत सोचना की हम जुदा हो गए तेरी याद से, बस तेरी ख़ुशी की खातिर तुझसे बात करना छोड़ Continue Reading..
वो कर रहे थे महफिल मे जिक्र अपनी वफा का . नजर मुझ पर पडी तो बात ही पलट दी
हम वही हैं बस ज़रा सा ठिकाना बदल दिया है आजकल तेरे दिल से निकल कर अब अपनी औक़ात में Continue Reading..
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