गुज़र रहा हूँ तेरे शहर से क्या कहूँ क्या गुज़र रही है.
~ Kab Do Ge Nijaat Mujhe In Raato’n Ki Tanhai Se Aye Ishq Apne Zulm Dekh Aur Meri Umer Dekh Continue Reading..
*न जाने कैसी “नज़र” लगी है “ज़माने” की…* कमब्खत *”वजह”* ही नही मिलती *”मुस्कुराने”* की.
Ehsas badal jate hain bas aur kuch nahi, Warna mohabbat aur nafrat ek hi dil se hoti hai.
बाहुबली की हत्या देखकर भयभीत हुआ बालक… बोला… ‘छुट्टियों में नहीं जाऊंगा मामा के घर’
वक़्त और प्यार दोनों ज़िन्दगी में ख़ास होते हैं .. वक़्त किसे का नहीं होता और प्यार हर किसी से Continue Reading..
कितने अंदाज से किया “नजर अंदाज” उसने, ऐ खुदा” उसके इस अंदाज को “नज़र” ना लगे.
चलता रहूँगा मै पथ पर, चलने में माहिर बन जाउंगा, या तो मंज़िल मिल जायेगी, या मुसाफिर बन जाउंगा !
जो मेरी आँखो मे पलको पे रहता था, आज काजल लगाया तो बहुत याद आया।
Good morning
तेरि एक नजरकी बात है मेरि जिन्दगिका सवाल है ।
Good
Very Good
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Good morning
तेरि एक नजरकी बात है मेरि जिन्दगिका सवाल है ।
Good
Very Good