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चाँद बहुत दूर है , तड़पाता है , जमाना कहता है ,

मुझे देखो मेरा दिल कितने सितम सहता है …।

डूबा रहता हूँ उसकी रोशनी में हर लम्हा ,

हुस्न का इक दरिया रोज मेरी आँखों के आगे बहता है …।

बनाने वाले को भी नाज़ होगा “शर्मा” अपनी कारीगरी पे ,

अरे … मेरे सामने वाली खिड़की में इक चाँद का टुकड़ा रहता है



चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,
बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं

छोरा दिल्ली आली छोरी तै :- यू लव मी ना … 😎

छोरी :- नो … 😗

छोरा :- प्लीईईईज बोल दे ना यू लव मी … 😍

छोरी :- आई से नो मीन्स नो … 😗

छोरा :- देख ले भाई तै नाट्टै है … ओ तेरी बेब्बे कै थु थु थु … सोरी सोरी

जिदंगी ना होई हिंदी फिल्म के हीरो की
कुंवारी बाहन होगी सुसरी अलजिए रै
किसे ना किसे मुसिबत मैं …


छोटा सा गाम मेरा पुरा बिग् बाजार
था,,
एक नाई, एक खाती, एक काला लुहार
था….
छोटे छोटे घर थे, हर आदमी बङा दिलदार
था,,
छोटा सा गाम मेरा पुरा बिग् बाजार
था..।।
.
कितै भी रोटी खा लेतै, हर घर मे भोजऩ
तैयार
था,,,
बिटोङे पे घिया तौरी हो जाती,,
जिसके आगे शाही पनीर बेकार था..
छोटा सा गाम मेरा पुरा बिग् बाजार
था।।।
.
दो मिऩट की मैगी ना, झटपट दलिया
तैयार
था,,,
नीम की निम्बोली और शहतुत सदाबहार
था…
अपणा घङवा कस कै बजा लेते, लख्मी पुरा
संगीतकार था,,,
छोटा सा गाम मेरा पुरा बिग् बाजार
था।।।
मुल्तानी माटी ते जोहड़ में नहा लेते,
साबुन अर
स्विमिंग पूल बेकार था,,,
अर फेर कबड्डी खेल लेते, कुन्सा म्हारे
क्रिकेट का
खुमार था,,,
छोटा सा गाम मेरा पुरा बिग् बाजार
था।।।
बुढ़या की बात सुन लेते, कुन्सा टेलीविज़न
अर
अखबार था,,,
भाई नै भाई देख कै राज़ी था, सबमै घणा
प्यार
था,,,
छोटा सा गाम मेरा पुरा बिग् बाजार
था।।।
वो प्यार, वो संस्कृति मैं इब कड़े तै ल्याऊं,
या सोच सोच कै मैं घणाए दुखी पाऊं।
जै वोए टैम फेर आज्या, तो घणाए मजा
आज्या,,,
मैं अपनी असली जिन्दगी जी पाऊं, अर मैं
इस
धरती पै सो सो शीश झुकाऊं।

याद करकै तन्नैं ठंडी सांस भरते होंगे कई ,
पर हर सांस मैं याद तन्नै करै है कोई ,
मरणा तै सबनै एक दन है या बात पक्की है ,
पर तेरी याद मैं हर पल मरै है कोई …
मानती हो तो मानजा इसतै उपर शायरी पेलणी मेरे बस की नाहै


आजकाल छोरी उस छोरे नै
‘हाय जानू,
हाय बेबी,
हाय हैडंसम’
कह कै बोलैै हैं
जिसनै हाम कदे लंडर कह कै बोल्या करते


भगतो
काल बिजली फ्लाइंग आले आगे घर में
न्यूँ बोले थारे मीटर तो कोनी ????
मेरी माँ बोली म्हारे तो बहू भी कोनी
करवा दयो रिश्ता म्हारे छोरे का अपनी छोरी गेल????
** सारे काकर पाड़ गये बैठ क गाड़ी म **

हा हा बिघन होग्या!!
जडै मै खडया हूं उसके स्यामी कुर्सी तलै
एक 100 का नोट पड्या है!!
एक छोरी नै भी देख लिया ओ नोट!!
इब शर्म म ना वा ठा री अर ना मै

एक भाई एक तीस मंजिल बिल्डिंग की छत पै बैठ्या था …
जब्बे किसे नै आकै उसतै रुक्का दिया … औ परकासे तेरी बहू तेरे पड़ोसी राजबीर गैल्यां भाजगी …
दिल टूट ग्या माणस का अर घणी बेज्जती बी फील कर ग्या … बस दुख मैं उपर तै छाल मारदी ,
पच्चिसवीं मंजिल धौरै उसके ध्यान आई … अक मेरे पड़ोस मैं तो कोए राजबीर ना रैहता …
बीसवीं मंजिल पै दिमाग मैं आया अक रै मेरा तो ब्याह ए ना हो रया …
दसवीं मंजिल तक याद आया … ओ तेरी बेब्बे कै मेरा नाम तो सरेंदर है … या परकासा कौण है … ???
हट मेरे यार … तो मिसटर सरेंदर आपका समय समाप्त होता है … अब


कहानी घर घर की …
पत्नी :- एजी सुणे है सब्जी के बणांऊ रात खात्तर …
पति :- बणाले यार जो तेरा जी करै ,
… ना थम बताओ ,
… दाल बणाले ,
… दपैहरी बी तो दाल थी
… फेर आलू बैंगण बणाले ,
… बालक ना खाते खुश होकै ,
… राजमा …
… ईब भिगो ना राक्खे घणा टैम लाग जागा ,
… अंडे पड़े होंगे फ्रिज मैं ,
… राम राम वीरवार है आज ,
… होटल तै लिआऊं कुछ ,
… ऐं हैं गंदी संदी सब्जी रांद दें हैं होटल आले तो ,
… तो बणाले नै यार जो तेरा जी करै ,
… ना थम बताओ …


इतणी महँगाई,,
अर उसमै तेरा न्युं भा खाणा,,
तेरी कसम भागवान,,
मरग्या यो गरीब बिचारा…!!

एक डाब्बे पै छोटू चाय लेकै आया अर आंगली चाय के गिलास मैं डुबो रया था …

गाहक छोह मैं आ गया … अरै यो के है रै …

छोटू बोल्या … जी हमरा उंगली में चोट लगा था दर्द कर रहा था इसलिए गरम चाय में डुबो दिए आराम मिलता है …

गाहक का पारा हाई हो ग्या … साले अराम तांई मेरिए चाय पाई थी … आंगली अपणे चुतड़ां मैं दे लेंदा …

छोटू भोलेपण तै बोल्या … जी बाऊ जी वंही दिए थे पर आपका चाए लाणे के लिए निकालना पड़ा


क्या आप जानते हैं … ?
कई मछलियां अंडे नही बच्चे देती हैं …
हाथी ढलान की तरफ तेज नही दौड़ सकता …
आप अपनी जीभ नीचे के दांतो से टच करके गर्लफ्रैंड नही बोल सकते …
बंदर कभी भी अप ……………. तूं गर्लफ्रैंड बोल ले प्हल्यां मैं तो ज्ञान बाद मैं बी दे ल्यूंगा

एक बरात किराए पै लिए हवाई जाहज मैं मुम्बई जा थी …

एलियनस नै वा जाहज हाईजैक करकै प्लूटो ग्रह पै रख दिया …

जंहा जाड्डे का राज … माइनस साढे चार सौ डिगरी पै राज कर रया … कोए जीव तो के घास बी ना उगण दे था अगला …

औढ़े जहाज तै उतर कै स्लिवलैस सूट पैहरी छोरियां रुक्के देण लाग्गी … कम ऑन गर्लस लैटस डांस .. पर या डी जे कित सै …

जाड्डा बोरिया बिस्तर बांध कै राम जी धौरै चल्या गया बोल्या … प्रभू मेरा इस्तिफा स्वीकार करिए अब मेरे अंदर वो पहले जैसी बात नही रही …

राम जी बोल्ले … भाई तूं ड्युटी कर अपणी … ये छोरी हरियाणे की हैं इनका जाड्डा कुछ ना बिगाड़ सकता ये वरदान मेराए दिया होड़ सै

किसै नै चाहिए हो तो बता दियो, कदै बाद म्ह उल्हाणा दयो 😂
1 साल चाल्या 2017 का कैलेंडर, 70 का लिया था 30 म्ह दे दूगा