एक अंग्रेज ट्रेन से सफ़र कर रहा था …..
सामने एक बच्चा बैठा था…
अंग्रेज ने बच्चे से पूछा, यहाँ सबसे ज्यादा खतरनाक लोग कौन सी जगह के हैं ???

बच्चा: “महाराष्ट्रीयन, पंजाबी, गुजराती, हरयाणवी, और सबसे ज्यादा तो UP wale…”

अंग्रेज : ‘ओह ~~~ इनके पास जाना डेंजरस है’..
[कुछ देर पश्चात]

अंग्रेज : ‘मैं कैसे जान सकता हूँ कि कौन
सा व्यक्ति कितना खतरनाक है ?’

बच्चा: ‘बैठा रह शान्ति से … अभी दस घंटे के सफ़र
में सबसे मिलवा दूंगा’….

कुछ ही देर बाद हरियाणा का एक
चौधरी मूंछों पे ताव देता हुआ बैठ गया ।
बच्चा: ‘भाई ये हरियाणवी है …’

अंग्रेज : ‘इससे बात कैसे करूँ?’
बच्चा: “चुपचाप बैठा रह और मूंछों पर ताव देता रह.. ये खुद बात करेगा तेरे से’…

अंग्रेज ने अपनी सफाचट मूछों पर ताव दिया..
चौधरी उठा और अंग्रेज के दो कंटाप जड़े –
‘बिन खेती के ही हल चला रिया है तू ..?’

थोड़ी देर बाद एक मराठी आ के बैठ गया …
बच्चा : ‘भाई ये मराठी है …’
अंग्रेज : ‘इससे बात कैसे करूँ ?’

बच्चा : ‘इससे बोल कि बाम्बे बहुत बढ़िया ..’
अंग्रेज ने मराठी से यही बोल दिया..

मराठी उठा और थप्पड़ लगाया – “साले बाम्बे नहीं मुम्बई … समझा क्या”

थोड़ी देर बाद एक गुजराती सामने आकर बैठ गया।

बच्चा : ‘भाई ये गुजराती है …’
अंग्रेज गाल सहलाते हुए : ‘इससे कैसे बात करूँ ?’

बच्चा : ‘इससे बोल सोनिया गांधी जिंदाबाद …’
अंग्रेज ने गुजराती से यही कह दिया
गुजराती ने कसकर घूंसा मारा – ‘नरेन्द्र
मोदी जिंदाबाद…एक ही विकल्प- मोदी’..

थोड़ी देर बाद एक सरदार जी आकर बैठ गए ।
बच्चा : ‘देख भाई ये पंजाबी है …’

अंग्रेज ने कराहते हुए पूछा – ‘इससे कैसे बात करूँ ..’
बच्चा : ‘बात न कर बस पूछ ले कि 12 बज गए क्या ?’

अंग्रेज ने ठीक यही किया …
अंग्रेज : ‘ओ सरदार जी 12 बज गए क्या ?

सरदार जी ने आव देखा न ताव अंग्रेज को उठा के नीचे पटक दिया…

सरदार : साले खोतया नू … तेरे को मैं मनमोहन सिंह लगता हूँ जो चुप रहूँगा’….

पहले से परेशान अंग्रेज बिलबिला गया .
खीझ के बच्चे से बोला : इन सबसे
मिलवा दिया अब UP वाले से भी मिलवा दो’

बच्चा बोला- “इतनी देर से तेरे को पिटवा कौन रहा है….!”


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