हम उस जमाने के हैं …

जब मास्टरनी जी क्लास मैं ना होती थी तो कोई बच्चा उठ के अगर ये एक लाइन बोल्ता था :- ये काली काली आंखे …

और पूरी क्लास एकजुट होके एकाग्रता से तन मन से समर्पित होके बोलती थी …

तूरूरू … तूरूरू


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