पत्थर समझ कर हमे मत ठुकराओ कल हम मंदिर मे भी हो सकते है
गर तू पुलिस वाली होती, पा लेते तुझे कुछ ले दे कर।
मौहब्बत की मिसाल में,बस इतना ही कहूँगा । बेमिसाल सज़ा है,किसी बेगुनाह के लिए ।
नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा, जा इजाजत है ज़माना आजमा ले.
*खुद बीमार होकर भी पूछती है तबीयत मेरी…* *माँ कमजोर है थोड़ी लेकिन मजबूत बड़ी है
बहुत देर करदी तुमने मेरी धडकनें महसूस करने में. वो दिल नीलाम हो गया, जिस पर कभी हकुमत तुम्हारी थी.
-Ghar Mera Kash Tere Ghar Kay Barabar Hota, Tu Na Aata Terii Aawaz To Aya Kartii .. ‘
~Humari Kashtiyaan To Be-Yaqeeni K Bhanwar Main Hain, Chalo Acha Kiya Hum Se Kinaara Kr Lyia Tum Ne .. ^
हम एक दिन महरूफ़ क्या हुए, जनाब ने तोहमत लगा दी खुद को भूल जाने की.
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *