सोया रहा नसीब एक अरसे तक, जागने पर जरूरत सी खत्म हो गई अब
राहों का ख़याल है मुझे.. मंज़िल का हिसाब नहीं रखती। अल्फ़ाज़ दिल से निकलते है.. मैं कोई किताब नहीं रखती।।
उस शाम तुमने मुड़कर मुझे देखा जब… यूँ लगा जैसे हर दुआ कुबूल हो गयी
~Sochti Hun Kabhi Utar Keh Daikhun Us Keh Dil Mein, Kon Basa Hai Us Mein Jo Mujhe Basne Nahii Deta Continue Reading..
नसीहत देता हूँ इसका मतलब ये नही….. मैं समझदार हुँ…. बस हमने गलतिया आपसे ज्यादा की है।
जरा सी बात पर बरसों के याराने गए चलो अच्छा है पर कुछ लोग तो पहचाने गए
जीवन में एक दोस्त कर्ण जैसा भी जरूर होना चाहिए, जो तुम्हारे गलत होते हुए भी तुम्हारे लिए युद्ध करे.
Mujhko Mujh Mein Jagha Nahi Milti, Tu Hai Maujood Iss Qadar Mujhe Mein.
~Terii Soorat Ko Jab Sey Dekha Haii, Merii Aankhon Pe Log Martey Haiin Tab Sey .. ‘
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *