” इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग,
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग..” –



-Har Ek Ne Rakha Mujhe Zaroorat Ki Mayar Par
Lekiin
Chorrh Woh Bhi Geya Jeeta Tha Jisey Saanson Ko Haar Kar .. ‘

-Mein Qabiil’E-Nafrat Hoon To Chhod,
Do Mujh Ko Magar Yoon Mujhse,
Dikhawe Ki Mohabbat Na Kiya Karo .. ‘

चलो मान लेता हुँ कि मुझे महोब्बत करनी नही आती
.
पर यह तो बता तुझे दिल तोडना किसने सिखाया


चलो छोड़ो ये बहस कि वफ़ा किसने की
और बेवफा कौन है….??

तुम तो ये बताओ कि आज ‘तन्हा’ कौन
है….?

मुझे क्या हक है
किसी को मै मतलबी कहूँ
मै तो खुद अपने रब्ब को
मुसीबतोँ मे याद करता हूँ