कोई फर्क नही पडता कि आपकि,
शायरी और कविताएँ कितनी अच्छी है
क्योकि कुछ लोग इन्हे इस लिए पसंद नही करते,
क्योकि वह आपकी होती है
क्यूँ मरते हो यारे
बेवफा सनम के लिए
दो गज जमीन भी नसीब
ना होगी तेरे बदन के लिए
¤
मरना है तो मरो मेरे दोस्तो
अपने वतन के लिए
हसीना भी दुपट्टा उतार देगी
तेरे कफन के लिए
मेरे व्यकितत्व और मेरे रवैये को मिलाइये मत,
क्योकि मेरे व्यकितत्व मै हूँ और मेरा रवैया,
आप पर निर्भर करता है
मुशकिल कोई आन पडे
तो घबराने से क्या होगा
जीने की तरकीब निकालो
मर जाने से क्या होगा
आपका खुश रहना ही
आपका बुरा चाहने वालोँ
के लिए सबसे बडी सजा है
कोई मुझे पंसन्द करे या नापंसन्द मुझे कोई फर्क नही पडता क्योकि
मै पंसन्द करने वालो के दिल मे रहता हूँ
और
नापंसन्द करने वालो के दिमाग मे
दुनिया मे आपकी ENTRY चाहे जैसी भी हो,
EXIT शानदार होनी चाहिए
हमेशा खुश रहे
एक दिन जिँदगी आपको परेशान
करती करती थक जाएगी
जिँदगी मे उतार-चडाव आना जरूरी है
क्योकि
ECG कि भाषा मे सीधी लाईन का मतलब मौत होता है
लोग चले थे राजनीती सिखाने हमने भी कह दिया,
पहेले निति पे चलो “राज” करना हम सिखा देंगे.
लड़कों और लड़कियों की दोस्ती में ये हैं फर्क
दो लडकियां आमने-सामने जब
बात करती हैं।
,
पहली – हाए स्वीटहार्ट।
,
दूसरी – हाई , मेरी शोना , आई
मिस यू।
,
…और दोनों एक दुसरे के बारे में पीठ
पीछे बोलती हैं।
पहली – अरे वो एक नंबर
की नकचढ़ी हैं, घमंडी हैं।
,
दूसरी – मैं तो उसे भाव
ही नहीं देती , शक्ल से
बंदरिया लगती हैं
,
जब 2 लड़के जब आमने सामने बात करते हैं।
पहला – कैसा हैं कमीने ,
लाल शर्ट में
तो bandar लग रहा हैं बे।
,
दूसरा – अपने बाप से मजाक
करता हैं साले।
,
और दोनों एक दुसरे के बारे में पीठ पीछे बोलते हैं।
पहला – मस्त बंदा हैं यार।
,
दूसरा – खबरदार उसके बारे में कुछ गलत
बोला तो,
भाई हैं वो मेरा
शेयर करना ना भूले
Mujhse agar nafrat karni hai to iraada pakka kar lo!!
Zra si bhi chook hui to mohobbat ho sakti hai!!
कौन कहता है की उसकी खुबसुरती में दम है.
अरे उस पगली को तो लोग इस लिए देखते हे,
की उसके आशिक़ हम है..l
अंजाम की परवाह होती तो हम इश्क
करना छोड देते…
प्यार में जिद्द होती है,
और जिद्द के हम “बादशाह” है..!!
मैं उसका हूँ ये तो सारी दुनिया जान चुकी है,
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नही देता ॥
जिँदगी से हम अपनी कुछ भी उधार नही लेते
.
कफन भी लेते है तो अपनी जिँदगी देकर