धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल
अभी तो पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका.



वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह..
फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना… ??


Waqt atcha ho to aapki galti bhi mazak lgti hai
Or waqt khrab ho to mazak bhi galti ban jati hain


Itna na sataya kar ke raat bhar na so sake hum,
Subah ko surkh ankhon ka sabab pochte hain log


जिंदगी में बडी शिद्दत से निभाओ अपना किरदार,
कि परदा गिरने के बाद भी तालीयाँ बजती रहे……!!!


मुजे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग,
पर किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे…..!!!!


तू मोहब्बत है मेरी इसीलिए दूर है मुझसे…
अगर जिद होती तो शाम तक बाहों में होती

दिल्लगी कर जिंदगी से, दिल लगा के चल
जिंदगी है थोड़ी, थोडा मुस्कुरा के चल ….


Hote hain shayad sirf nafrat mein hi pakke rishte,
Warna ab to tan se libaas utarne ko mohhabat kehte h

शिकवे तो बहुत है,मगर शिकायत नही कर सकते…!!
मेरे होंठों को इजाजत नही है,तेरे खिलाफ बोलने कि !

गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें हैं कितने
भला कैसे कह दूं कि “माँ” अनपढ़ है मेरी।।