सोया रहा नसीब एक अरसे तक,
जागने पर जरूरत सी खत्म हो गई अब
Tu ek bhi baar humse mili nahi warna,
Tere hi dil ko tere hi khilaaf kar dete..!!
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ “इश्क” मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है….!!
वो किताबों में दर्ज था ही नहीं,
सिखाया जो सबक ज़िंदगी ने !!
चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं लेकिन,
रवैये अजनबी हो जाये तो बड़ी तकलीफ देते हैं…….!!
Normal People – थोड़ा है, थोड़े की ज़रूरत है।
Sharabi – दारु है, सोडे की जरूरत है।
Milkar Kho Jana Mera Naseeb Tha,
Wah, Yeh Dard Bhi Kitna Ajeeb Tha…
“Shayad Ye Zamana Unhe Bhi Pujne Lage,
Kuch Log Isi Khayal Se Patthar Ke Hone Lage..”
यहाँ मेरा कोई अपना नहीं है…..
.
…..चलो अच्छा है कुछ ख़तरा नहीं है !!
शतरंज का खेल हम खेलते नही
क्योकि
दुशमनो को हम अपने सामने बैठाते नही
और
दोरतो के साथ हमे चाल चलना आता नही . . .!
Apni halat ka khud ehsaas nahi h mujhko
maine auro se suna hai ki pareshan hu mein.
हवस का आलम तो देखिये हुजूर…
संतरे भी दबा दबाकर खरीदते हैं
Kal tujhse bichrdne ka faisla kar liya tha!!
Aj apne hi dil ko rishwat de rahi hu!! 🙁
Fakar ye h ki tum mere ho!!
Fikar ye hai pta nhi kab tak!!
Dil Kare To Phir Se Wafa Karne Aa Jana…
Dil Hi To Toota Hai, Jaan To Abhi Baqi Hai…!!
Kuch nae mila bus ek sabaq de gaya..!!
Khak ho jata hai insan khak se bane insan k liye