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वो जवानी ही क्या
जिसे लोग पलट कर न देँखेँ



उन्हें शिकायतों से शिकायत रहने लगी है,
अब हम शिकायत जो नहीं करते!

..है एक कर्ज़ जो हरदम सवार रहता है ।
…वो मम्मी पापा का प्यार है जो सब पर उधार रहता है ॥

छोड़ना आसान होता है
लेकिन
भूलना नही


मोह्ह्ब्ब्त की कहानी को मुकम्म्ल नही कर पाये…
अधूरा था जो किस्सा अधूरा ही छोड आये


अच्छा हुआ तूने ठुकरा दिया ..
तेरा प्यार चाहिये था, एहसान नही


वो ‪‎ना‬ ही मिलते तो ‪‎अच्छा‬ था…
बेकार में ‪‎मोह्हबत‬ से ‪‎नफ़रत‬ हो गयी

पत्थर‬ भी मारोगे तो भर लेंगे झोली ‪‎अपनी‬ …
हम ‪यारो‬ के तोहफ़े कभी ‪‎ठुकराया‬ नही करते

मेरी बरबादियों में तेरा हाथ है मगर…….
में सबसे कह रहा हूँ ये मुकद्दर की बात है…


मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला
अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता…


तू रूठा रूठा सा लगता है कोई तरकीब बता मनाने की
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा तू क़ीमत बता मुस्कुराने की…

Koi Aisa Ho Jo Galay Laga Kar Kahe
Teri Dard Se Mujhe Bhi Takleef Hoti Hai…


मुंह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन ,

आवाज़ों के बाजारों में, ख़ामोशी पहचाने कौन !

फासले कहाँ मोहब्बत को कम कर पाते है ,,,,,
बिना मुलाकात के भी कई रिश्ते ,अक्सर साथ निभाते है।

मैं तो दिल को साफ रखा करता था
हमें क्या पता कि कीमत तो चेहरे की होती हैं