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दिलों की बात करता है ज़माना
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पर मोहब्बत आज भी चेहरे से शुरू होती है.



ताल्लुक अगर हो तो रूह से रूह का होना चाहिए
दिल तो अक्सर एक – दुसरे से भर जाया करते है

तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर
वरना
मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर

मेरे लफ्जो से मत कर मेरे किरदार का फैसला
.
तेरा वजूद मिट जाएगा मेरी हकीकत ढुढते ढुढते ණ™


पतंग सी हैं जिंदगी, कहाँ तक जाएगी..!
रात हो या उम्र, एक ना एक दिन कट ही जाएगी.

जिँदगी से हम अपनी कुछ भी उधार नही लेते
.
कफन भी लेते है तो अपनी जिँदगी देकर


ज़िंदगी भर मौत के लिए दुआ करते रहे खुद से..

और जब जीना चाहा तो दुआ क़बूल हो गई…!!


ज़िंदगी भर मौत के लिए दुआ करते रहे खुद से..

और जब जीना चाहा तो दुआ क़बूल हो गई…!!

दर्द कहां मोहताज़ होता है शब्दों का

बस दो आंसू ही काफ़ी है,
बयां करने को…..!!

किसी को भूलने की कोशिश ना करना कभी,
ये दवा जख्मो को और भी हरा कर देती है…!!


में बहुत ज़ालिम हूँ ऐ मेरे दिल…..
तुझे हमेशा उसके हवाले किया है,
जिसे तेरी कदर ही नहीं…!!


एक तो कातिल सर्दी, ऊपर से तेरी यादो की धुंध,
बेहाल कर रखा है इश्क मे मौसमो ने भी।….

वो तो हम जैसे शायरों ने लफ़्ज़ों सेसजा रखा है…
वरना मोहब्बत इतनी भी हसीं नहीँ होती…


जीवन में एक दोस्त कर्ण जैसा भी जरूर होना चाहिए,
जो तुम्हारे गलत होते हुए भी तुम्हारे लिए युद्ध करे.

रोकना मेरी हसरत थी, जाना उसका शौक . . . .
वो शौक पूरा कर गया, मेरी हसरतेँ तोङ कर .

प्रेम के चक्रव्युह को तोड़ना जानती थी तुम….!!
मैं अभिमन्यु था,तो मारा गया….!!