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मोहल्ले में नयी बहुत ही खूबसूरत और जवान पड़ोसन आकर आबाद हुई, उसके दो छोटे बच्चे थे, उसका शौहर शक्ल से ही खुर्रांट और बदमिज़ाज लगता था, पड़ोसन की ख़ूबसूरती देखकर ही मोहल्ले के तमाम मर्दों की हमदर्दियां उसके साथ हो गयीं !

पड़ोसन ने धीरे धीरे मोहल्ले के घरों में आना जाना शुरू किया, मिर्ज़ा साहब और शेख साहब को अपनी अपनी बेगमों से पता चला कि उस खूबसूरत पड़ोसन का शौहर बहुत ही शक्की और खब्ती था ! वो पड़ोसन अपने शौहर से बहुत खौफ खाती थी, ये सुन कर दोनों मर्द हज़रात की निगाहें आसमान की ओर उठ गयीं, दिल ही दिल में शिकवा कर डाला कि या अल्लाह कैसे कैसे हीरे नाक़द्रों को दे दिए हैं !

एक दिन वो खूबसूरत पड़ोसन सब्ज़ी वाले की दुकान पर शेख साहब को मिली, उसने खुद आगे बढ़कर शेख साहब को सलाम किया, शेख साहब को अपनी क़िस्मत पर नाज़ हुआ, पड़ोसन बोली शेख साहब बुरा न माने तो आपसे कुछ मश्वरा करना था ? शेख साहब ख़ुशी से बावले हो गए, वजह ये भी थी कि उस पड़ोसन ने आम अनजान औरतों की तरह भाई नहीं कहा था, बल्कि शेख साहब कहा था !

शेख साहब ने बड़ी मुश्किल से अपनी ख़ुशी छुपाते हुए मोतबर अंदाज़ में जवाब दिया ” जी फरमाइए !” पड़ोसन ने कहा कि मेरे शौहर अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं, मैं इतनी पढ़ी लिखी नहीं हूँ, बच्चों के एडमिशन के लिए आपकी रहनुमाई की ज़रुरत थी !

वो आगे बोली कि यूं सड़क पर खड़े होकर बातें करना ठीक नहीं है, आपके पास वक़्त हो तो मेरे घर चल कर कुछ मिनट मुझे समझा दें, ताकि मैं कल ही बच्चों का एडमिशन करा दूँ ! ख़ुशी से बावले हुए शेख साहब चंद मिनट तो क्या सदियां बिताने को तैयार थे, उन्होंने फ़ौरन कहा कि जी ज़रूर चलिए !

शेख साहब पड़ोसन के साथ घर में दाखिल हुए, अभी सोफे पर बैठे ही थे कि बाहर स्कूटर के रुकने की आवाज़ सी आयी, पड़ोसन ने घबराकर कहा कि या अल्लाह लगता है मेरे शौहर आ गए, उन्होंने यहाँ आपको देख लिया तो वो मेरा और आपका दोनों का क़त्ल ही कर डालेंगे, कुछ भी नहीं सुनेंगे, आप एक काम कीजिये वो सामने कपड़ों का ढेर है, आप ये नीला दुपट्टा सर पर डाल लें और उन कपड़ों पर इस्त्री करना शुरू कर दें, मैं उनसे कह दूँगी कि इस्त्री वाली मौसी काम कर रही है !

शेख साहब ने जल्दी से नीला दुपट्टा ओढ़कर शानदार घूंघट निकाला और उस कपडे के ढेर से कपडे लेकर इस्त्री करने लगे, तीन घंटे तक शेख साहब ने ढेर लगे सभी कपड़ों पर इस्त्री कर डाली थी, आखरी कपडे पर इस्त्री पूरी हुई तब तक पड़ोसन का खुर्रांट शौहर भी वापस चला गया !

पसीने से लथपथ और थकान से निढाल शेख साहब दुपट्टा फेंक कर घर से निकले, जैसे ही वो निकल कर चार क़दम चले सामने से उनके पडोसी मिर्ज़ा साहब आते दिखाई दिए, शेख साहब की हालत देख कर मिर्ज़ा साहब ने पूछा “कितनी देर से अंदर थे ?” शेख साहब ने कहा “तीन घंटों से, क्योंकि उसका शौहर आ गया था, इसलिए तीन घंटों से कपड़ों पर इस्त्री कर रहा था !”

मिर्ज़ा साहब ने आह भर कर कहा “जिन कपड़ों पर तुमने तीन घंटे घूंघट निकाल कर इस्त्री की है उस कपड़ों के ढेर को कल मैंने चार घंटे बैठ कर धोया है, क्या तुमने भी नीला दुपट्टा ओढ़ा था ?”



एक ताऊ मरने वाला था
घर वालो ने कहा:
अब तो भगवान का नाम ले लो
.
.
.
ताऊ बोला: अब क्या नाम लेना
10 -15 मिनिट बाद तो आमना-सामना हो ही जाएगा

घोंचू- कौन-सी कास्ट (जाति) के लोग अच्छे नागरिक होते हैं?
पोंचू- बनिए…!
घोंचू- वो कैसे…?
पोंचू- हर जगह लिखा होता है, देश के अच्छे नागरिक ‘बनिए’, देशभक्त ‘बनिए।’

एक गांव में बाढ़ आ गई। घरों में पानी भरने लगा तो गांव के लोग जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की तरफ चले गये। केवल एक आदमी, जो भगवान का बड़ा भक्त था, अपने घर में फंसा रह गया। जब पानी ज्यादा बढ़ने लगा तो वह छत पर चढ़ गया और भगवान से प्रार्थना करने लगा। तभी एक नाव उसके घर के पास से गुजरी। नाव पर सवार आदमी ने चिल्लाकर उसे नाव पर आने के लिए कहा पर आदमी ने मना कर दिया। बोला – मुझे अपने भगवान पर पूरा विश्वास है। वे मुझे जरूर बचा लेंगे। तुम जाओ।
नाव वाला नाव लेकर चला गया। आदमी फिर प्रार्थना करने लगा। करीब एक घंटे बाद एक मोटरबोट उसकी तरफ आई। मोटरबोट सवार ने भी उस आदमी से चलने का अनुरोध किया पर उस आदमी ने उसे भी मना कर दिया – नहीं भाई। तुम जाओ । मेरे प्रभु मुझे बचाने अवश्य आएंगे। और फिर प्रार्थना में तल्लीन हो गया।
कुछ देर बाद एक हेलिकॉप्टर वहां से गुजरा। छत पर खड़े अकेले आदमी को देखकर उन्होंने रस्सी उसकी ओर फेंकी और हेलिकॉप्टर पर आने का इशारा किया। पर उस आदमी ने उनकी भी मदद लेने से इनकार कर दिया। बोला – आप लोग चिन्ता न करें । मेरे भगवान मुझे बचा लेंगे।
अंतत: पानी छत पर आ गया और उस आदमी की डूब कर मौत हो गई।
परलोक पहुंचने पर वह सीधा भगवान के सामने जा खड़ा हुआ और फट पड़ा – भगवान ! ये आपने ठीक नहीं किया ! मैंने सच्चे मन से आपकी प्रार्थना की ! आप पर भरोसा किया, इसके बावजूद आपने मुझे नहीं बचाया ! आखिर क्यों ?
भगवान आवेश में आकर बोले – अरे मूर्ख ! मैंने तुझे बचाने के लिए एक नाव, एक मोटरबोट और एक हेलिकॉप्टर भेजा ! अब और तुझे क्या चाहिए था ………


बन्ता : क्या कर रहे हो ???

सन्ता : बदला ले रहा हूँ..??

बन्ता : किससे

सन्ता : वक़्त ने मुझे बर्बाद किया है मैं अब वक़्त बर्बाद कर रहा हूँ.

पागलपन और जुनून तो आज भी वही है,
बस उसके भाई को देखकर सब ठीक हो जाता है


किसीने ध्यान दिया ?:✋🏽😎

पीड़ित किसान प्याज और लौकी ही सड़क पे फेंक रहे हैं ,😑😧

कोई आम या लीची नही फेंक रहा , ,😋😋

🤢👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼

फेंके तो बताना


hawo se khe do ham aaye hai,
phir bhi na hate to dhaka mar do,
phir bhi na samjhe to,
pyaar se samjha do.

दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,
हम तो दोस्तो के रूठ जाने से डरते है !

शादी के तीन साल बीत गए ,
पर पत्नी का वही पुराना सवाल,’जानू, बताओ तो सही , आखिर आपका कितनी महिलाओं से सम्बन्ध रहा है ‘

‘जब हमारी शादी हुई है , तब से तुम हजार बार ये सवाल दोहरा चुकी हो, अब छोड़ो न इस फालतू बात को।’ पति का वही पुराना जवाब ।

पत्नी : चलो बता भी दो । क्यों आना कानी कर रहे हो ?

पति : अगर मैं बता भी दूंगा तो तुम्हे सहन नही हो पायेगा ।

पत्नी : अच्छा बाबा । मैं पक्का प्रोमिस करती हूँ , मैं बिल्कुल गुस्सा नहीं होउंगी । भरोसा रखो । बस!
अब बताओ । बताओ,कितनी औरतों से आपका सम्बन्ध रह चुका है ।

“ओके” पति ने कहा और उसने अपनी उँगलियों पर गिनना शुरू किया ,
“एक , दो , तीन, चार, पांच, छः, सात, आठ …..
उसके बाद “नवीं तुम” , दस , ग्यारह, बारह, तेरह, चौदह …..
….
….

👊🏻🔪🗡😱🔫💣✂📌
👊🏻📌✂🗡🔪👊🏻
….. पति icu में है ।🤕
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(पता नहीं, पत्नी अपने वादे पर कायम क्यूँ नहीं रह पाई?? )


बहुत दिन हो गए ‘मुहब्बत’ लफ्ज़ सुन सुनकर मुझे….
कल ‘बेवफ़ा’ सुना तो तरी बहुत याद आई मुझे….


मेरे साथ बिताए लम्हो की याद जरा सम्भाल कर रखना
.
क्योकि हम याद तो आएगे मगर लौटकर नही

एक तो कातिल सर्दी, ऊपर से तेरी यादो की धुंध,
बेहाल कर रखा है इश्क मे मौसमो ने भी।….


किसी भी मनुष्य कि वर्तमान स्तिथि को देखकर
उसके भविष्य का उपहास मत उडाऔ
.
क्योकि
.
समय मे इतनी शक्ति है कि वह एक साधारन से कोयलो को भी धीरे-धीरे एक किमती हीरे मे बदल देता है

कितनी मासूम सी है ख्वाहिस आज मेरी
कि नाम अपना तेरी आवाज़ से सुनूँ !!!

हरीश: तुम्हारी आंख क्यों सूजी हुई है ?

पप्पू: कल मैं अपनी पत्नी के जन्मदिन पर केक लाया था।

हरीश: लेकिन इसका आंख सूजने से क्या संबंध है?

पप्पू: मेरी पत्नी का नाम तपस्या है लेकिन केक वाले बेवकूफ दुकानदार ने लिख दिया “हैप्पी बर्थडे समस्या”!