Muhabbat hai l nafrat hai kOi itna tO smjhay ..
Kabhi main dil se larti hu ,kabhi dil mujh se larta hai ..



Tum na smjhO gy ….dil_e_nadaan ki hasrtain shayed _____
Jany kyu ye chahta hai tumhary pas pas rehna _____

Rooh men meri bass k bOla wO ..
Itni nazdekiyan achi nhi hOti ..


क्या अजीब सबूत माँगा है उसने मेरी मोहब्बत का……

मुझे भूल जाओ तो मानू की तुम्हे मुझसे मोहब्बत है……..!!!!!!

निगाहों से भी चोट लगती है 

जब हमें कोई देखकर भी अनदेखा कर देतें हैं !!


छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ नहीं पाता उसे,

वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है.. …


हम नींद के शौक़ीन ज्यादा तो नहीं लेकिन,

तेरे ख्वाब न देखूं तो गुज़ारा नहीं होता…

: एक वक़्त था जब हम सोचते थे कि हमारा भी वक़्त आएगा , ….

 और एक ये वक़्त है कि हम सोचते हैं कि वो भी क्या वक़्त था…….

जरूरी नही हर ख्वाब पूरा हो…
सोचा तो उसे ही जाता है जो अधूरा हो….”


देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना।

नफ़रत बता रही है, तूने महोब्बत् गजब की थी।।


kuch Is Qadar Bhi To Aasan Nahi Hai IshQ Tera,
Ye Zeher Dil Mein Utar Kar Hi Raas Aata Hai,


Beet Jaati Hai Jis Ki Puri Raat Siskiyon Mein,
Wo Shaqs Din Ke Ujaalon Mein Saare Jahan Ko Hasata Phirta Hai..

Wo Subha Neend Se Jagey To Mujh Se Larney Aaye …!
K Tum Kon Hotey Ho Mere Khuwabon Mein Aaney Walee .. !!!​