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हाए रै गरमी …

म्हारे झोट्टे नैं छोह मैं आकै लिया जोड़िया तोड़ ,
भाज्या बिदक कै गाली देंदा बड़ गया भित्तर जोहड़ ,

बड़ गया भित्तर जोहड़ , बोल्या बाहर नी आंदा ,
ना तूं कदे नहावै … अर ना मन्नैं नुहांदा …



उपर आला ठाल्ली बेठ्या था एक दन … के करूं … के करूं …
उसके तो सोचने की देर थी ( बइ पावरफुल तो है ) सृष्टी रच दी … गोल गोल गेंद से ग्रह कोई इसके चक्कर काट रया कोए उसके अर जिसके सारे चक्कर काटरे वो बी चक्कर काट रया बेरा ना किसके …

इतना कन्फ्यूजन पर ना कोई लड़ाई ना झगड़ा ना दंगा ना फसाद ना ऐक्सिडैंट … मतलब मजेदार तो था पर कोए थ्रिल ना था … फेर बोरिंग सा माहौल हो ग्या थोड़े दन पाच्छै ( उसका एक दन बी करोड़ों साल का होए करै )

फेर उसनैं एक गेंद ( ग्रह ) चुनी उसपै पेड़ पौधे , जीव जंतू से बणा दिए … फेर कुछ दन जी सा लाग ग्या … पर मजे आली बात ना थी …

फेर उसनै बनाया इंसान …

अर उसके बाद आज तंई ढंग तै वा खुद बी ना सो पाया … जो उसनैं मान्नैं वा चौबिसों घंटे उसतै मांगे …
अर जो ना मानते वो … उसतै चैलेंज करदे रवैं … अक तूं है तो या करकै दिखा वा करकै दिखा …
अर जो बीच आले हैं … वे उसका नाम ले कै सारी दुनियां मैं नफरत फैलावें … देश , धर्म , रंग , नस्ल के नाम पै अर उसके बनाए इंसान तै उसी का नाम ले कै बेकूफ बणारे हैं अपणे सुख की खात्तर …
भाई मान जाओ … दुखी हो लिया वो ईब थारे लच्छना तै … रात बतावै था मेरे तै न्यू कवै था यार ईब तो या खेल खत्म करणा पड़ैगा घणा बेकार हो लिया ..

न्यू कवैं अक वक्त एक बार खुद को दोहराता है …
हे भगवान … इसका मतलब वा फेर आवैगी मेरी जिंदगी मैं …
पिज्जा खुआदे … नंवी मूवी आरी देखण चाल्लै के टिकट के पीसे लेरी मैं … या सूट देखिए किसाक लागै है मेरै मन्नै तो ना जचया

बाब्बू का वाटर हीटर … 😅😅😅

तड़की बाब्बू लट्ठ लेकै खड़या होग्या अक आज तूं ठंडे पाणी गैल नहावैगा गात मैं फुर्ती आई रै सारा दन …

मखा बाब्बू रिस्तेदार बी बुलाले अंतिम किरया करम बी करणा पड़ सकै है …

बाब्बू नै वाए लट्ठ दिया कड़ मैं घुमा कै … बस फेर के उस लट्ठ की गरमी इतनी अत्याअधिक थी यारां नै पाणी की ठंडक महसूस ए ना होई .


कोई भी हरियाणा से बाहर का डाक्टर हरियाणा
में आकर डाक्टर की दुकान नहीं खोल सकता

क्यों? 😉😉

क्योंकि हरियाणा के मरीज की बिमारी हरियाणा के डाक्टर के अलावा कोई समझ ही नहीं सकता

जैसे :-

“भीतरले म धूमा सा उठै है”
“आख्या म त झल सी लकडै हैं”
“गात में उचाटी सी लाग री है।”
“जी कुलमुलावे है।”
“पेट मे धुकड़ धुकड़ हो री है।”
“हाथ झूठे पड़ रे स”
“हरकत हो री स”
“कालजा लकर लकर करे स”
“सिर मै चिड़िया सी बोले सै”
“कड़ मै तरेड़ सी पाटै सै”

ट्रेन मैं एक मॉडर्न ख्याल की छोरी मेरे साथ टाइमपास खात्तर बातचीत कररी थी बात बात मैं बोली :- ये जो smoking करते हैं ना , I hate thos kind of men ,

मै बोल्या … सही बात है आपकी ऐसे लोग अपने साथ साथ आसपास वाले लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ करते हैं … और आजकल तो लड़कियां भी सिगरेट शराब पीने लगी हैं पता नही समाज किस ओर जा रहा है …

जब्बे बिफरगी :- how dere you … आप कौन होते हैं औरत की पसंद नापसंद में दख़ल देने वाले , आप जैसे मनुवादियों की सोच ने औरतों को हजारों साल से गुलाम बना के रखा है …

आस पास के लोग मेरे कान्नी न्यु देखण लागगे जणो मन्नै छोरी छेड़ दी


अमिताभ बच्चन :- एक हजार रुपए के लिए पहला सवाल ये रहा आपकी क्म्पयूटर सक्रीन पे …
किस के नालायक बच्चे अपने पिता की कमाई पे ऐश करते हैं … आपके ऑपशन हैं …
A किसान
B मजदूर
C फिल्म कलाकार
D दुकानदार
मैं :- 😣😣😐😥😨 जी मैं लाइफलाइन ल्यूंगा ,
अमिताभ बच्चन :- हाहाहा काटाबेन शांत हो जांए …पहले ही सवाल पे … खैर कौन सी लाइफलाइन लेंगे आप …
मैं :- जी मैं एक नालायक दोस्त तै फोन करणा चाऊं हूं जो बाप की कमाई पै ऐश कर रया है … 😬😬😬
अमिताभ बच्चन :- ओह तो आपके दोस्त भी नालायक हैं हा हा हा … कौन हैं आपके वो नालायक दोस्त …😝😝
मैं :- सर जी अभिषेक बच्चन तै फोन ला दयो … 😩😩
अमिताभ :- 😡😡😈😈 अरै ठा कै बाहर गेरो इसनै कौणसे नै बुलाया था यो … नातो मैं जा रया हूं …


घराली बोली :- आप मन्नै चाँद ल्या कै दे सको हो …

मखा हट बावली या के बात करी … बोल कै मैं दूसरे कमरे मैं गया अर अपणा शेविंग आला सिस्सा ल्या कै उसतै पकड़ा दिया … या पकड़ …

सिस्सा हाथ मैं ले कै उसमैं देख कै उसकी आँख भर आई बोली :- आप मन्नै चाँद समझो हो …

मखा ओ गलत फहमी मेरा मतबल है अक जिस मुँह तै चाँद मांगरी है वा मुंह देख पहल्यां फेर बात कर …

भाई मुंह पै चपली मारणा या कैसा पत्नी धर्म है … अर ईब रोण बी लागरी मेरे कान्नी कड़वा कड़वा देख कै .

पद्मावती मूवी का नाम पद्मावत करके रीलीज करने की तैयारी …

अर यंहा करनी सेना वाले भी अपणा नाम बदल कै करण सेणा रखण की सोचरे हैं ,

तूम डाल डाल … हम पात पात ..

इब या किसनै फैलाई…
कोहली ब्याह मै बाज्या आल्या के रपिये मार गया


बोली
कसम खा तेरे जीते जी कोई मेरी सौत ना होवैगी …
मखा
सुणले जो हमनै जुदा करै वा मेरी मौत ही होवैगी
.
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गले लाग कै रोण लाग्गी … रोड छाप शायरी मैं तो बड्डे बड्डे इम्प्रैस कर दिए , आई बड़ी शायर … 😎

( छोह मैं आवैगी तूं जाणूं हूं … पर मैं एक कॉमेडी पेज का ऐडमिन हूं या तूं बी जाणैं है , या लास्ट आली लाइन ना लिखदा तो झकौई मन्नैं ट्रोल करण लाग जांदे … 💏


किलकी पाटी थी उसकै गाम म
जब मने उसका हाथ थाम्या था
इब अपणी के बात करू
मेरी माँ न सुथरा ए इतना जाम्या था

न्यू कवैं मां बाप की इज्जत करो … औरतां की इज्जत करो … बढे बुड्ढयां की इज्जत करो … छोरियां की इज्जत करो …

अरै सबकी इज्जत करो तो … वा के कए करैं सुसरी बेज्जती किसकी करैं , हमनै तो रोटी बी ना बढिया लागती जब तक दन मैं दो चार की नासां मैं तै धुम्मा ना लिकाड़ दैं उनकी बेज्जती करकै …

यार हरीयाणवी सां हम …

एक हल है या किसे नै ना कही अक छोट्टेयां की इज्जत करो … इब कल तै जड़ै बी कोई छोट्टा दिख्खै उसकी गुद्दी पै बेमतलब रैप्टा मार द्यो … 😂😂

मजाक था भाई आग्गै थारी मरजी .


भोलेनाथ: मांगो वत्स क्या चाहिए?
भक्त : मुझे पत्नी के साथ लड़ने की शक्ति दो। हिम्मत दो। बुद्धि दो प्रभु।
भोलेनाथ: इसको एक तरफ बैठाओ शायद भांग ज्यादा पी गया है

*टेम आण दै मोदी*
*तनै प्रधानमंत्री की कुर्सी न्यू: याद आवेगी*
ज्युकर सिरसा आले बाबे ने हनीप्रीत याद आवै

भगतो
काल बिजली फ्लाइंग आले आगे घर में
न्यूँ बोले थारे मीटर तो कोनी ????
मेरी माँ बोली म्हारे तो बहू भी कोनी
करवा दयो रिश्ता म्हारे छोरे का अपनी छोरी गेल????
** सारे काकर पाड़ गये बैठ क गाड़ी म **