ताऊ :- बिंदर की ताई उपर आजा घणी सोहणी हवा चालरी है …
ताई :- बिंदर के ताऊ चुप्प चाल्ला सो ज्या मन्नैं बेरा तन्नैं आग लागरी सै … 😩

कवि समेंलण मैं भेजण जोग्गे होरे ये तो


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