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बेट्टा :- मां आज ना बाब्बू कामआली तै बैडरूम मैं पोट्टी करण की कवै था …😩

बाब्बू के अपणी लुगाई के स्यामी तोत्ते से उड़गे बोल्या :- ओ हरामजादे मन्नै कद कई थी … 😡

बेट्टा :- आच्छया तूंए ना तड़की बैड पै पड़या पड़या उसतै बोल रया था मेरी जान वैलेनटांइन चल रया आजा हग दे ..



उपर आला ठाल्ली बेठ्या था एक दन … के करूं … के करूं …
उसके तो सोचने की देर थी ( बइ पावरफुल तो है ) सृष्टी रच दी … गोल गोल गेंद से ग्रह कोई इसके चक्कर काट रया कोए उसके अर जिसके सारे चक्कर काटरे वो बी चक्कर काट रया बेरा ना किसके …

इतना कन्फ्यूजन पर ना कोई लड़ाई ना झगड़ा ना दंगा ना फसाद ना ऐक्सिडैंट … मतलब मजेदार तो था पर कोए थ्रिल ना था … फेर बोरिंग सा माहौल हो ग्या थोड़े दन पाच्छै ( उसका एक दन बी करोड़ों साल का होए करै )

फेर उसनैं एक गेंद ( ग्रह ) चुनी उसपै पेड़ पौधे , जीव जंतू से बणा दिए … फेर कुछ दन जी सा लाग ग्या … पर मजे आली बात ना थी …

फेर उसनै बनाया इंसान …

अर उसके बाद आज तंई ढंग तै वा खुद बी ना सो पाया … जो उसनैं मान्नैं वा चौबिसों घंटे उसतै मांगे …
अर जो ना मानते वो … उसतै चैलेंज करदे रवैं … अक तूं है तो या करकै दिखा वा करकै दिखा …
अर जो बीच आले हैं … वे उसका नाम ले कै सारी दुनियां मैं नफरत फैलावें … देश , धर्म , रंग , नस्ल के नाम पै अर उसके बनाए इंसान तै उसी का नाम ले कै बेकूफ बणारे हैं अपणे सुख की खात्तर …
भाई मान जाओ … दुखी हो लिया वो ईब थारे लच्छना तै … रात बतावै था मेरे तै न्यू कवै था यार ईब तो या खेल खत्म करणा पड़ैगा घणा बेकार हो लिया ..

कड़ै गऐ बचपन के मित्र,

पाटी कच्छी टुटे लित्र ।

भैसैया गेल्यां गऐ जोहड पै,

काढ़ी कच्छी बडगे भित्तर ।

माचिस के ताश बणाया करदे,

नहर पै खेलण जाया करदे ।

घर तै लुकमा बेच कै दाणे,

खा गे खुरमे खिल मखाणे ।

मिश्री तै मिठे होया करदे,

खिल्लां तै फ़िक्के होगे….

वे यार पुराणे रै…

बेरा ना कित्त खोगे।

पकड लिये फेर स्कूल के रस्ते,

हाथ मै तख्ती काँख मैं बस्ते ।

गरमी गई फेर आ गया पाला,

एक दिन नहा लिऐ एक दिन टाला ।

पैंट ओर बुरसट मिलगी ताजी,

एक दो दिन गए राजी राजी ।

हाथ जोड फेर रोवण लागे,

आज आज घर पै रहण दैयो मां जी ।

आखयां मै आंसु आए ना…

हाम्म थुक लगा कै रोगे ।

वे यार पुराणे रै…

बेरा ना कित्त खोगे ।

कॉलेज मै फेर होग्या एडमिशन,

बाहर जाण की थी परमिशन ।

रोडवेज मै जाया करदे,

नकली पास कटाया करदे ।

बीस रुप्पली करकै कट्ठी,

ले लिया करदे चा और मट्ठी ।

स्पलैंडर पै मारे गेडे,

सैट करली थी दो दो पट्ठी ।

मास्टर पाठ पठाया करदा,

आंख मिच कै सोगे ।

वे यार पुराणे रै…

बेरा ना कित्त खौगे ।

वक्त गेल गऐ बदल नजारे,

बिखर गऐ सब न्यारे न्यारे ।

घरां पडया;कोए करै नौकरी,

घरक्यां नै करी पसंद छोकरी ।

शादी करली बणगे पापा,

कापी छोडी लिया लफाफा ।

रोऐ जा सै दिल मरज्याणा,

भुल गऐ क्यु टैम पुराणा ।

“saare balak” याद करै..

क्यु बीज बिघन के बो गे रै ।

वे यार पुराणे रै,

बेरा ना कित्त खोगे….

नाक अर होंठ के बीच की जगाह नै के कए करैं ?
.
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मुच्छां की पार्किंग


मृत्यु क्या है … ???

बचपन मैं पड़़ोस आली लड़की दोस्त के स्यामी माँ के रैहप्टे खाणा है मृत्यू …

स्कूल मैं छोरियां के स्यामी मास्टर का मुर्गा बनाणा है मृत्यू …

नौकरी पै बॉस छोह मैं आ रया हो अर उस्से टैम चुतड़ां मैं खुजली होणा है मृत्यू …

ब्याह के बाद सालियां के बीच बैठ होए पाद लिकड़ जाणा है मृत्यू …

अर बुढ़ापे मैं बुढ़िया का “अपणा ख्याल राखिओ जी” बोल कै साथ छोड़ जाणा है मृत्यू .

पैसा ही सब कुछ नही होता …

ये एक ऐसा झूठ है जो पैसेवाले गरीब तै बेवकूफ बणान खात्तर अर गरीब अपणें बालकां तै तसल्ली देण खात्तर सदियों तै बोल्दे आरे हैं ..


काल मैं बस में सफर करु था..
मेरे साइड आली सीट प एक छोरा अर छोरी बैठे थे।
दोनों एक दूसरे ताइं अजनबी थे।
थोड़े टेम बाद वे आपस में बात करण लाग्गे।
बातचीत उस मुकाम तक पहुँचगी जीत मोबाइल नंबर का आदान प्रदान होया करे
छोरे का फोन बेरा ना क्यूं ऑफ था।
फेर छोरे ने अपनी जेब म त एक कागज लिकाड़ा, लेकिन लिखने के लिए उसपे पेन कोनी था।
अर मैं जब्बे समझ गया कि, उसने मोबाइल नंबर लिखण ताई पेन की जरूत स।
उसने बड़ी आशा से मेरी कहन देख्या।
मैंने अपनी शर्ट के ऊपरी जेब में टांग्या होड पेन लिकाडा
अर चालती बस त बाहर फेंक दिया।
.
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“…ना खाऊँगा, ना खाण दूँगा..।।”


हूं तो मैं बी एक आम से घर का बालक , बाब्बु नै प्लस टू करवादी … फेर मेरे सपने सरु होए अक ईब माँ बाब्बु तै राज कराउंगा , उनके सपने पूरे करुंगा …

फेर किसी नै बताई अक बेट्टे कोई कोरस करना जरूरी है … बाब्बु नैं हिम्मत करकै कोरस बी करवा दिया दो साल का … ईब मैं खुश था , अक आण दे वकैंसी …

माँ बाब्बु खात्तर शहर मैं नवा घर बनांउगा … एक बैठक गाम तै आण आले चाचा ताऊ अर यारां दोस्तां खात्तर बी बणाऊंगा … जड़ै मेरा बाब्बु होक्का ले कै सबके बीच शान से बैठ्या होगा ,

अर फेर एक कोई मेरे सपनों की राजकुमारी बी होगी जो अपने माँ बाब्बु तै या कवैगी अक … अब क्या प्रोबल्म है अब तो आप हमारी शादी करवादो वरना मैं मर जाउंगी …

पर यार सपने तो सपने होते हैं … मेरी जॉब की वेकैंसी आई … टोटल अट्ठारह … अर अप्लाई करण आले कैंडिडेट साड्डे तीन लाख ,

मतलब उन साड्डे तीन लाख दोस्तां के सपने बी मेरे जैसे होंगे जो मेरे आला कोरस कररे हैं …

मेरा नंबर तो लाग्गै यां नां पर भगवान जी मजे लेणे हो तो मेरे ले … मेरे सपने मतना तोड़ै , बेसक एक आध्धी हड्डी तोड़ दे …

पड़ोस मैं एक भाभी दिल्ली की स। आज तड़के 7 बजे म्हारै घर आयी, मैने दरवाजा खोला तो वो बोली:- कोई बात नही जी मैं फिर आ जाऊँगी।
मनै दरवाजा बंद कर दिया।
7:30 बजे दोबारा आई, दरवाजा खोलते ही बोली:-कोई बात नही जी मैं थोड़ी देर में आ जाऊँगी।
मेरे बात समझ नहीं आई, मनै दरवाजा बंद कर दिया।
8 बजे फिर आई,दरवाजा खोला तो बोली कोई बात नही जी, मैं कल ही आ जाऊँगी।
मैं बोल्या :- रूक भाभी, के चक्कर है???
तीन बार आली, फेर न्यू कहदे है बाद म्हं आऊँगी!
भाभी बोली:- जी मैं जब भी आती हूँ आपके हाथ में चम्मच मिलती है, मैं सोची आप खाना खा रहे हो तो बाद में आ जाऊँ।
मैं बोल्या रै बावलीबूच या चम्मच तो हाम साँकल म्हं लाया कराँ….!!

भाइयोरभैणों डॉलर इक्कत्तर रुपइये का हो गया है … रुपइया गिर रहा है …
क्यों हुआ सोचा है किसी नें …
ये सब कांग्रेस की गल्ती है भाइयोरभैणौंओओओ …

उन्होने एक घटिया चाल चल के रुपए का सिक्का गोल बनाया … इसलिए रुपया लुड़क कर गिर जाता है …

लेकिन अब ऐसा नही होगा मितरोंओंओं … इस बार सिक्का बंदी होगी और हम चकोर सिक्के बनांएगे … जो ना लुड़केंगे ना गिरेंगे …


याद करकै तन्नैं ठंडी सांस भरते होंगे कई ,
पर हर सांस मैं याद तन्नै करै है कोई ,
मरणा तै सबनै एक दन है या बात पक्की है ,
पर तेरी याद मैं हर पल मरै है कोई …
मानती हो तो मानजा इसतै उपर शायरी पेलणी मेरे बस की नाहै


आज पत्नी गैल्यां झगड़ा चल रया था … आधे घन्टे बाद सारे घरआले कट्ठे होगे … फेर उसनै रोणा शुरू कर दिया …
अर डकवर्थ लुइस के नियम के हिसाब तै वा विजेता घोषित कर दी गई … 😬😬
छोरी की कौई गल्ती नाहै भाई , देखिए क्युकर रोण लागरी बचारी .

जै कोय होक्का भर कै नु कह सै नै अक,
.
ले प्रधान..होक्का पी
तो राम की सूं कती ,
राष्ट्रपति आली फिलींग आण लाग ज्या
सैं भीतर त।


छोटे छोटे चैक की लाल बुरशट , डार्क गरे पन्ट , पीटर इंग्लैंड की जर्सी , रेड चीफ के काले जूत्ते , क्लीन शेव , सुथरे पठे बाह क आज घर त लिकड़ा था डयूटी प। पर कोइसी भाईरोई न, ना त देख्या अर ना भाव दिए
फेर मन्ने सोच्या के कमी रह गी र
भीतर त आवाज आई दिल्ली म आ रया स खागड आड़े सकल भी भुंडी होणि चईये

स्कूल मै एक छोरी तै…

प्रोपोज करा था

वा बोली…शक्ल देखी है अपणी

आज उसके खसम की शक्ल

देखी…काळजे म़ै…

ठण्डक सी होगी

🤣🤣

पप्पी की सगाई होई …
सोने की अंगूठी पहरा दी सुसराड़ आल्यां नै …
नोरमल बात सै …

लोगां तै बहाने बहाने तै अंगूठी दिखाण की कौशिश करै था किसी नै ध्यान ना दिया …
ईब बात नोरमल ना रई …

तंग आकै तीसरे दन अपणे घर मैं आग लादी … लोग कट्ठे हो कै पाणी गेर कै आग बुझाण लागरे थे … अर पप्पी वाए अंगूठी आली आंगली तै इशारे कर कर कै रुक्के देण लाग्या … औढ़ै पाणी गेरो , औढ़ै पाणी गेरो …
थोड़ी हाण मैं एक नै बूझ लिआ … रै पप्पी या अंगूठी कित तै लियाया …

पप्पी उस्तै एक रैप्टा मार कै बोल्या … रै फुफ्फा जे पहल्यां ए बूझ लेता तो मेरे घर मैं आग तो ना लागती …