शादी के पहले दिन छोरा confuse हो रहा था कि
पत्नी से कैसे बात शुरू की जाये।
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कमरे में पहुंचा, तो 5 मिनट के लिए तो दुल्हन के पास चुपचाप
बैठा रहा, उसके बाद धीरे से बोला:
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“के नाम है तेरा ?”
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दुल्हन शरमाते हुए बोली:
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“क्यों, कार्ड मे थारी बुआ का नाम लिखवाया था के ?
म्हारी म्हैस नै तीन दन होगे , रोज सांज नै बोलै अक आज रात ब्याउंगी … सारी रात उसके सिराहणे बैठे रवां दो तीन जणे कम्बल सोड़ औढ़ कै … अर तड़की फेर दांदरे काड्ढ कै दिखा दे है … अक इबी मूढ नाहै …
हद ऐ यार मतबल … डांगर बी जाड्डे मैं सुआद लेरे हैं …
देविओ और सज्जनो ( वैसे छौ मैं मत आइयो भाइयो मन्नैं थारे तै सज्जन बोल दिया ) तो आइए आज इस राज से पर्दा उठाते हैं कि पति हमेशा रात को घर लेट क्यों आता है … ?
No. 01 :- शादी के तुरंत बाद … सब घर वाले सो जांए फिर जांऊगा … और जाते ही मनमोहनी संग डाइरैक्ट ईलू ईलू …
No . 02 :- शादी के पाँच साल बाद … यार थोड़ा लेट घर जांऊगा तब तक बच्चे सो जाएंगे … नो डिस्ट्रबैंस प्राणप्यारी से जाते ही प्यार भरी गुटरगूँ करूंगा …
No. 03 :- दस साल बाद … रात बारां बजे … बार में पीने बैठे पति को वेटर बोलता है “ए शाब बश करो अबी घर जाओ बार बंद होने का टाइम हो गया है ” तो सामने से वो एक दर्द भरी मुस्कान चेहरे पे ला के बोलता है … “चल्या जाउंगा मेरे दोस्त , भाई चल्या जाउंगा थोड़ी देर और डट ज्या बस तब तक वा मेरी सास्सु आली सो लेगी तो मैं बी जाकै अराम तै सो जाउंगा मेरे बीर … ना तो फेर दिमाग का दही करैगी रोज की ढाल … चल्या जाउंगा बेट्टे , वेटर साब चल्या जाउंगा ..
छोरी :- या लिपस्टिक कितने की है …?
दुकानदार :- सतरां रुपए की ,
छोरी :- ओ माई गॉड सैवन्टी … फिफ्टी रुपए लेदां हो तो बोल …?
दुकानदार :- सैवन्टी नि मैडम सैवनटीन सतरां रुपए ,
छोरी :- ओह सैवनटीन …. बारां रुपए लेले
भगवान नै दो कान क्यां तै दिए ?
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दोनूंआ नै गर्म कपड़े तै लपेट द्यो तो जाडा कम लागै है ,
थैंक्यू कैहण की जरुरत ना है हीहीही … सर्दियां आरी हैं याद राखिओ बस .
एक भाई एक तीस मंजिल बिल्डिंग की छत पै बैठ्या था …
जब्बे किसे नै आकै उसतै रुक्का दिया … औ परकासे तेरी बहू तेरे पड़ोसी राजबीर गैल्यां भाजगी …
दिल टूट ग्या माणस का अर घणी बेज्जती बी फील कर ग्या … बस दुख मैं उपर तै छाल मारदी ,
पच्चिसवीं मंजिल धौरै उसके ध्यान आई … अक मेरे पड़ोस मैं तो कोए राजबीर ना रैहता …
बीसवीं मंजिल पै दिमाग मैं आया अक रै मेरा तो ब्याह ए ना हो रया …
दसवीं मंजिल तक याद आया … ओ तेरी बेब्बे कै मेरा नाम तो सरेंदर है … या परकासा कौण है … ???
हट मेरे यार … तो मिसटर सरेंदर आपका समय समाप्त होता है … अब