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बेट्टा :- मां आज ना बाब्बू कामआली तै बैडरूम मैं पोट्टी करण की कवै था …😩

बाब्बू के अपणी लुगाई के स्यामी तोत्ते से उड़गे बोल्या :- ओ हरामजादे मन्नै कद कई थी … 😡

बेट्टा :- आच्छया तूंए ना तड़की बैड पै पड़या पड़या उसतै बोल रया था मेरी जान वैलेनटांइन चल रया आजा हग दे ..



पूनम : कोई आवाज दे है बाहर गेट पै , देखियो ।
अनिल : कौण है ?
पूनम : मैं ना पिछाणती
अनिल : अच्छा , रुकण की कह , मैं आऊं हुँ बाहर नै ।
एक तै इस घर मैं कुछ मिलता नी बख्त पै , मेरी घड़ी कित गई इब ?
किसे काम की नहीं या लुगाई , कोय चीज ठिकाणे पै नी पाती , बेरा ना के करती रह है सारे दिन बैठ्ठी बैठ्ठी ।
किस्मत फूट गी मेरी जो या पल्लै पड़ी ।
पूनम : तू पहल्या कोस ले अपणी किस्मत नै जी भर कै, तन्नै तो ज्युकर जीवन सफल कर दिया मेरा , तन्नै पा कै तो सारी इच्छा पूरी होगी मेरी ।
मौका मिलते ए जहर काढण लाग ज्या अपणा , कदे मिठास भी आया है इस जबान पै मेरे नाम का ??
इतणे मैं दुबारा किवाड़ खुड़कै है …..
अनिल : आऊं हूँ , आऊं हूँ , शांति राख ।
“नारंगी पीला सूट पहरे एक सुथरा सा चेहरा, जमीन मैं नजर ग़ाड्डे खड़ा था ।
ज्युकर कुछ छिन ग्या हो उसका”
अनिल : जी बोलो ,
पिछाणे नी आप !!
“उसकी आंख ईब भी जमीन पै थी, ज्युकर कुछ
उकेरणा चाहती हो, उस संगमरमर के धोले फर्श पै ।”
ब्होत हिम्मत जुटा कै वा उप्पर लखाई ।
अनिल : सुमन तू !!
“इस बोल के पाछै जो सन्नाटा ब्यखरा , उसकी चीख मैं , वे सारे ‘घा’ जो भर कै , नई खाल मैं ढल गे थे, एक बार फेर हरे हो गे ।”
” वो घर का गेट एक सीमा रेखा मैं बदलग्या ।”
“एक पासै रिवाजां की रस्सी तै गांठ मार कै गला घोंटी होई गृहस्थी थी और दूसरे पासै बख्त अर झूठे अहंकार की मार खाया होया प्यार।”
“बसी होई गृहस्थी मैं अलगाव का विलाप था अर उजड़े होए , दीमक के खाए होए प्यार मैं सुकून।”
“करुणा तै एक जीसी थी दोनूं पासै , बस बख्त सही ना था।”
“दिल के स्वार्थ नै गृहस्थी के किवाड़ लात मार कै बंद कर दिए थे ।”
अहमद फ़राज़ साहब की ग़ज़ल का यो शेर ब्होत सही लागै है आडै :
” रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ …
तू फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ “

एक बार ताऊ फिल्म देखण गया, फिल्म का नाम था बॉबी, अर गाणा चाल रया था, “मैं मायके चली जाऊंगी”।

Dimple: मैं मायके चली जाऊंगी, तुम देखते रहियो।

ताऊ: न्यू क्यूकर चली ज्यागी, यो तेरी टांग ने तोड़ देगा।

Rishi Kapoor: मैं दूजा ब्याह रचाउंगा

ताऊ: येह्ह्ह्ह बात .. छोरे ने कट्या रोग

Dimple: मैं कुवें में गिर जाउंगी।

ताऊ: छोरे बहकाए में मत आ ज्याइये .. पाखण्ड कर रिह सै।

Rishi Kapoor: मैं रस्सी से खिंचवाऊंगा।

ताऊ: अरे क्या ने खिंचवावे सै….. आगे फेर सेधेगी।

Dimple: मैं पेड़ पर चढ़ जाउंगी।

ताऊ: टंगी रहन्दे सासु की नै।

Rishi Kapoor: मैं आरी से कटवाऊंगा

ताऊ: अरे तू भी मैंने तो किमे नकली सा ए लाग्या… खामखाँ अपनी बुआ नै सिर पै चढ़ा रया सै।

Dimple: मैं मायके नहीं जाउंगी, मैं मायके नहीं जाउंगी।

ताऊ: तावलिये होश ठिकाणे आगे

पत्नी हरियाणा पुलिस से- जी म्हारा
घरवाला 5 दिन पेहला गोभी लेन
गया था इब तक कोणी आया
हरियाणा पुलिस- फेर के होया,
कोई और सब्जी बना ले, जरुरी है
गोभी बनानी .


बुलेट ट्रेन तो उन देशों के लिए बनी है जहां समय की कमी हो।
हमारे देश मे तो अगर कहीं JCB लगी हो तो आधा गांव उसे देखने चला जाता है।
ड्राइवर बैक कर रहा हो तो 15 आदमी ‘आण दे आण दे’ में लगे रहते हैं।

म्हारे ताऊ नै चाला कर राख्या आज तो ,

न्यू कवै पांया कान्नि तै जाड्डा चढ़ै …

धोती गैंल्यां अपणै पोते के स्पोर्ट शूज पैहरे हांड रया गाम मैं … अर पोता उसकी जुत्ती पैहर के किरकट खेलण जा रया है …


चीन मैं एक कपल के घर दो छोरे जुड़वां पैदा होए उनका नाम रख्या

“Jo hoya”-“So hoya”

वहां दो तै जादा पैदा करना जुर्म , पर अगले साल फेर एक हो ग्या …

उसका नाम राख्या … “Ya ke hoya” 🤔

सरकार उस कपल तै ढूंढ री है … पर वे बालकां समेत फरार हो कै वापस रोहतक आ गए अपणे घर


एक सात साल का छोरा अपणी माँ तै बुज्झण लाग्या … एरी माँ तूँ मन्नैं कित तै ल्याई थी ,

माँ बोली बेट्टा मन्नैं एक गत्ते के डब्बे मैं थोड़ा गुड़ अर पाणी गेर कै रख दिया … चार दिन बाद मन्नैं डब्बे मैं तूं पाया अर तूं मेरी औलाद बण ग्या ,

छोरे नै बी न्युए करी फेर चार दन बाद डब्बा खोल कै देख्या भित्तर एक कॉकरोच हांडै था … छोरा छौ मैं आकै बोल्या … साले जी तो करै तन्नैं ईबी चप्पल मार कै मार द्यूं , पर के करूं औलाद है तूं मेरी …

आजकल के बालक पेपरां मैं नंबर कम आए पाच्छै घर छौड़ कै भाज ज्यां हैं …

अरै बालको या के बुजदिलां आली हरकत करो हो …

अरै मूरखो म्हारे टैम मैं तो नंबर म्हारे कम आया करते अर स्कूल छौड़ कै मास्टर जी भाज जा था … अक ईब समाज मैं के मुंह दिखाउंगा …

अर म्हारा आठवीं आला मास्टर तो म्हारे रिजल्ट आए पाच्छै पकड़या गया था …

आत्महत्या का परयास करदा

मणिशंकर अय्यर बोल्या … मोदी जी की राजनीती नीचता आली है …
मोदी जी नै स्टेज पै रुक्का तार दिया … कांग्रेस आले मन्नै नीच कवैं हैं …
कांग्रेस नै मणिशंकर अय्यर सस्पैंड कर दिया …
ये क्या हो रहा है भाई ये क्या हो रहा है …
सब जनता तै सुतिया बणारे हैं वोट खात्तर …
अर हम इनके खिलाफ कुछ लिख दयां तो थमनै लाग्गै बेरा ना के जुल्म हो गया …


एक मांगण आले नै घर के दरवाजे पै रुक्का दिआ … अरै भुक्खा हूं भाई कुछ खाण नै दे द्यो …
मैं दरवाजे पै जाकै बोल्या … भाई घर कोए ना है एकला हूं कुछ बणा ना राख्या ,
सुसरा आगे तै बोल्या फेर तो बोतल खोल रया होगा एक पैग ए लवा दे


एक बै एक गादडी के पाछे दो कुत्ते लाग रे थे। वा भाज कै एक दूसरे गादड के बिल में बड गई। गादड बडा मसखरा था। वो आपणी बहू तै बोल्या “पुछिये ­ बहू नै क्यूं तंग पा री सै..?”
गादडी बोल्ली “म्हारै ­ छोरी के बटेऊ आरे सै अर आजै ले जाण की जिद कररे सैं।”
गादड छो में भर कै बोल्या “मैं देखूं सूं उन्हें जा कै।”
अकड में गादड ने बिल तै मुंह बाहर काढा तै दोनूं कुत्तां नै उसके दोनूं कान पकड लिये। गादड झटका मार कै उलटा ए बिल में बड ग्या। पर कान कुत्तां के मुंह में ही रह गये। भीतर दूसरी गादडी ने गादड की बहू तै कहा, “पूछिये री मेरे पितसरे के कानां कै के होग्या….?”
गीदड बोल्या “बटेऊ तै घणें ऊंत सैं। वैं छोरी के धोखें में मन्नै ए ट्राली में गेर के ले जावैं थे। बडी मुश्किल तै पिंडा छुड़ा कै आया सूं…!!

एक जाट नै वकालत शुरु कर दी । पहला ही केस जमीन-जायदाद का मिल ग्या ।

कोर्ट में बहस के दौरान सामने वाली पार्टी की तरफ इशारा कर कै बोल्या — जज साहब, इसनै जमीन कोनी मिल सकती, यो तै गैलड़ सै ।

जज साहब की समझ में कुछ नही आया, बोल्या — वकील साहब ये, गैलड़ क्या होता है जरा समझाओ ।

वकील बोल्या — जी समझा तै दूँगा पर आप बुरा मान ज्याओगे ।

जज बोल्या — भाई समझाना तो पड़ेगा, नही तो केस आगे कैसे बढेगा ? जरा विस्तार से समझाओ ।

वकील बोल्या — सुण जज साहब । तेरा बाप मर ज्या अर तेरी माँ मेरे बाप गैल्यां आ-ज्या । फेर पाच्छै-पाच्छै तू भी आ ज्या, तै तू गैलड़ हो-ग्या अर मैं तन्नै चवन्नी भी ना लेवन दूँ आपणे घर तैं । कदे आजमाइश कर-कै देख लिए !!


एक मैडम नै घणी वार सब्जी आले गैल्यां तुंतुं मैंमैं करी फेर उसके धौरै खड़े होकै एक सैल्फी लेकै फेसबुक पै पोस्ट करदी …

Fighting with सब्जीवाला ,
Feeling …. छौ ,
He is too much लुटेरा ,
Never purchase सब्जी from this डाकू ,
Every body पिछान लो ..

उस दोस्त पै कदे जकीन ना करिओ जो थारा रेजर लेजै अर बिना दाढ़ी बणाए उल्टा देजा

टीचर :- अपनी माँ की तारीफ मैं एक ऐस्से लिखो ,

छात्र :- सर दुनिया मैं वा स्याई ना बणी जो मेरी माँ के गुण लिख सकै …

टीचर :- ओह … तो बेट्टा बाब्बू के बारे मैं लिख दे कुछ ,

छात्र :- सर जी वा कागज इ ना है सृष्टी मैं जिसपै मेरे बाब्बू की महानता लिखी जा सकै …

मास्टर जी की आंख्यां मैं पाणी आ गया छोरे तै गले लाकै बोल्या :- वाह रै महान आत्मा मनैं गर्व है तेरे पै … बड़ा हो कै के बणैंगा …

महान आत्मा बोल्या :- जी मास्टर जी बड़ा होकै नेता बणूंगा अर बिना कुछ करे धरे न्युए बड़ी बड़ी बात करकै लोगां का फद्दू बणाउंगा अर ऐश करुंगा ..