खवाब टूटे मगर हौसले जिंदा है ।
हम वो है जहाँ मुश्किले भी शर्मिंदा हैं ।
सुनो आज आखरी बार अपनी बाँहों में सुला लो .
अगर आँख खुले तो उठा देना , वरना सुबह हमे जला देना ।
दिल तो चाहता हैं में भी किसी से प्यार करू
पर मेरी तनख्वा बहोत कम है जनाब
मंजिल नजदीक ही थी कि बीच में तूफ़ान आ गया …!!
फिर जो मुझ पर गुज़री वो किनारों से पूछ लेना …!!
मेरी पागल सी महोब्बत उस पल याद आएगी
जब हँसाने वाले कम रुलाने वाले ज्यादा होंगे
किसी से कुछ नही कहूंगा में
देख लेना एक दिन यूँही मर जाऊंगा में
मुझे सिर्फ इतना बता दो….इन्तजार करु…..
या बदल जाऊ मै भी तुम्हारी तरह….
बहुत शख्स मिले जो समझाते थे मुझे….
काश…कोई मुझे समझने वाला भी मिलता….
काश में लौट जाओ बचपन की वादियो में
जहाँ कोई न जरूरत थी और ना कोई जरुली था
ये दुनियाँ के तमाम चेहरे तुम्हें गुमराह कर देंगें..
तुम बस मेरे दिल में रहो, यहाँ कोई आता जाता नहीं
बस वो मुस्कुराहट ही कहीं खो गई है.!!*
*बाकी तो मैं भी बहुत खुश हूँ आजकल.
अगर आँसूं बहा लेने से यादे बह जाती
तो तेरी कसम एक ही दिन में हम तेरी याद मिटा देते
दर्द तो ऐसे पीछे पड़ा है मेरे,*
*जैसे मैं उसकी पहली मोहब्बत हूँ !!*
किताबें भी पढ़ने का शौक़ नहीं था हमें,
और इस इश्क़ ने आँखें पढ़ना सिखा दिया !!
सुना है, शहर में ज़ख़्मी दिलो का मेला है,
.
चलो हम भी कुछ गम अपने पेश करते है.
*फिर उड़ गयी नींद ये सोच कर……*
*सरहद पर बहा वो खून मेरी नींद के लिए था…..!!