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~Kabhii Aaye Ga Use Bhi Mera Khayal,
Shayad Yeh Bhi Mera Khayal Hy .. ‘



Masroof Hum Bi Bohut Hain Zindagi Ki Uljhanon Mein
*~*~dost~*~*
Par Uljhanon Mein Doston Ko Bhula Dena Dosti Nahi Hoti,. . . .

एक बात नोटिस की है मैंने जबसे कोरोना आया है..
केजरीवाल झूठ-मूठ में भी नहीं खांस रहा है

बाहर तेज बारिश हो रही थी
.
घर से पत्नि फोन पर : ‘बारिश बहुत तेज हो रही है, सब दूर पानी भरा हुआ है, बारिश रुकने तक जहां हो वहीं रुके रहना, मनमानी मत करना, मुझे चिंता होती है आपकी… कहना माना करो मेरा”
.
पति : “ठीक है… ठीक है मेरी माँ”
.
पत्नि : “आखिर रुके कहाँ हो तुम?”
.
पति : “मेरी एक पुरानी दोस्त के घर हूँ, अचानक रास्ते में मिल गई, चाय के लिए घर ले आई है”
.
एकदम सन्नाटा…
.
अगले ही पल पत्नि : “अभी के अभी निकलो और घर पहुँचो… और हाँ… बारिश वारिश का बहाना मत बनाना, समझे?”


ये भी एक तमाशा है, इश्क और मोहब्बत में
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है.

~Mere Lafz’On Se
Nikal Jaye Asar
Koii Khawahiish Jo
Tere Baad Karoon .. ‘


‘बड़ी बारीकी से तोडा है, उसने दिल का हर कोना,

मुझे तो सच कहुँ, उस के हुनर पे नाज़ होता है…!


एक बार एक पंजाबी U.P. गया,
और वहां एक कुए में गिर गया…
एक आदमी वहां से गुजरा और उसने पंजाबी के चिल्लाने की आवाज सुनी…
U.P. वाला :- “अबे कौन है बे कुए के भीतर?”
पंजाबी :- “ओ पाजी ! अस्सी हां”
U.P. वाला :- अबे दो-चार होते तो निकाल भी देते…
अब अस्सी को कौन निकाले…
पडे रहो भीतर ही…

एक लड़की पुल के ऊपर से
छलांग लगाने ही वाली थी कि..
एक लड़का वहां से गुजरा
उसके पास आकर रुका
और बोला..
अगर तुम सुसाइड करने जा रही हो
तो मुझे एक लंबी किस दे जाओ
वो लड़की तैयार हो गयी
उसने इतनी लंबी और गहरी किस दी
जो लड़के ने पहले किसी से नहीं ली
लड़के ने लड़की से सुसाइड की वजह पूछी
तो लड़की ने कहा
मेरा नाम सोनू चमेली है
मेरे घरवालों को पसंद नहीं
कि मैं लड़की बनकर घूमूं

“मजबूरियों के नाम पर दामन चुरा गये,
वो लोग जिन की मोहब्बतों में दावे हजार थे ।”


गिला भी तुझ से बहुत है, मगर मोहब्बत भी,
वो बात अपनी जगह है, ये बात अपनी जगह


इतनी ठोकरे देने के लिए शुकरि्य़ा ‘ऐ’ जिन्दगी….
चलने का ना सही….. सम्भलने का हुनर ताे आ ही गया….

डॉक्टर* : डिप्रेशन की पेशेंट से-
🤣
क्या तकलीफ़ है..?
😀
*लेडी पेशेंट* : सर, दिमाग में बहुत उल्टे पुलटे विचार आते हैं, रुकते ही नहीं…
🤪
*डॉक्टर* : कैसे विचार आते हैं ..?
😄
*लेडी पेशेंट* : जैसे अब मैं यहाँ आई हूँ तो आपके ओपीडी में एक भी पेशेंट नहीं था.. तो मैं सोचने लगी कि डॉक्टर साहब के पास कोई भी पेशेंट नहीं है, इनकी कमाई कैसे होगी, घर कैसे चलेगा, इतना पैसा डाला पढ़ाई में, अब क्या करेंगे.. हॉस्पिटल बनाने में भी बहुत पैसा लगाया होगा, अब लोन कैसे चुकाएंगे ? कहीं किसानों के माफ़िक लटक तो नहीं जाएंगे एक दिन…!! ऐसे कुछ भी विचार आते रहते हैं…
😁
अब *डॉक्टर* डिप्रेशन मे है।


कोई लौटादे वो प्यारे-प्यारे दिन..

कटती नहीं रातें उसके बिन..

Chehre pe mere zulf ko phailao kisi din,
kya roz garajty ho,barass jao kisi din.
Raazon ki tarah utro mere dil me kisi shab,
dasak pe mere haath ki khul jao kisi din.
perun ki tarah husn ki barish me naha lon,
badal ki tarah jhoom k aao kisi din .
khushbo ki tarah guzro mere dil ki gali se,
pholon ki tarah mujh pe bikhar jao kisi din.
phir haath ki khairat mile band qaba ko,
phir lutf sabhe wasal ko duhrao kisi din.
Guzrain jo mere ghar se to ruk jaen sitaare,
iss tarah meri raat ko chamkaao kisi din.
main apni har saans uss raat ko de don,
Sarr rakh k seene pe mere Soo jao kisi din…

Hamari rooh me na samaye hote to bhool jate tumhe
Itna kareeb na aaye hote to bhool jate tumhe.,
Ye kahtey hue ki mera talluk nahin tumse koyi,
Ankhon mein aansu na aaye hote to bhul jate tumhe.