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आइये 25 दिसंबर से 1 जनवरी 2018 तक… पर्यावरण बचाने का संकल्प लें।

1.देश मे व विदेश में पटाके न फोड़े व प्रदूषण कम करें।

2.मोमबत्ती प्रार्थना में व्यर्थ न जलाएं, गांव में इसे बांटें जिससे किसी का अंधेरा दूर हो।

3. सांता के कपड़े बनाकर हर दुकान में, गिरिजाघर में, मॉल में न टांगे, इससे गरीबों के कपड़े बनाये।

4. क्रिसमस ट्री बनाने में सामग्री व्यर्थ न गंवाएं, अस्पताल में गरीब मरीजों को धन की मदद करें।

एक विचार यदि अच्छा लगे तो औरों को भी बताएं, आखिर सभी धर्मों का फर्ज बनता है हर बार हिन्दू त्योहारों पर ही क्यों त्याग की भावना आये। सभी धर्म एक समान है। बोलो भारत माता की जय, विश्व का कल्याण हो, लोगो मे सद्भावना हो।



WhatsApp हो या ज़िंदगी,
लोग हमेशा status ही देखते हैं।

“Aap Kudrat ki banayi tasveer ho,
Mere dil se judi ek janjeer ho,
Hum to us haath ko hi kaat denge,
Jis hath me Aap se judai ki lakeer ho.

चुप हैं किसी सब्र से तो पत्थर न समझ हमें…..
दिल पे असर हुआ है तेरी बातो का…


~Yaad Toh Barii Aati Haii
Par Phir Puraanii Conversations
Parh Kay Tumharii Aukaat
Phir Sey Dekh Letay Haiin .. ‘

Dil Lagta Nahi Hai ab Tumhare Bina
Khamosh Se Rehne Lage Hein Tumhare Bina
Jaldi Laut Aao Ab Yahi Chaah Hai
Warna Ji Na Payenge Tumhare Bina…!!!


-Kya Itne Door Nikal Aaye Hai Hum,
Ke Tere Khayalo Me Bhi Nahi Aatey .. ‘


आजकल की लड़कियां गोल रोटी से ज्यादा
सिगरेट के धुँए का छल्ला बनाने में माहीर होती जा रही हैं !

-Terii Qurbat Nahii Haasil Toh Na Sahii,
Tera Khyaal Har Waqt Mere Saath Rehta Haii .. ‘

HUM to tere hi rahe 1 jheel ke pani ki tarah
AGAR drya bnte to bohat door nikal skte the!!


मायके से पत्नी फोन पर:-

Wife: आपके बिना जी नहीं लगता..

Husband: अरे पगली,
ZEE नहीं लगता तो
स्टार और सोनी लगा कर देख लिया कर..
वो भी अच्छे चैनल हैं!


कक्षा में मास्टर जी ने पूछा-

“बच्चों, बताओ तो भारत के राष्ट्रीय ध्वज में कितने रंग है ?”

“तीन”। सारे बच्चों के स्वर कक्षा में एक साथ गूंजा।

शोर थमने के बाद एक सहमा-सा बच्चा धीरे धीरे खड़ा होकर विनम्र स्वर में बोला,

“मास्टर जी, पांच”।

सारे बच्चे यह सुन कर हँसने लगे।

मास्टर जी अपने गुस्से को दबाने की कोशिश करते हुए बोले :

“चलिए, आप ही सबको बता दीजिए कौन कौन से पाँच रंग है हमारे तिरंगे में”?

तिरंगे के नाम सुनने के बाद भी बच्चा धीरे धीरे बोलने लगा-“सबसे उपर केसरिया, उसके नीचे सफेद, सबसे नीचे हरा और बीच में एक चक्र जिसका रंग नीला है।”

मास्टर जी ने अपने हाथ दायें-बायें हिलाते हुए हल्के से ऊंची आवाज में पूछा-

“फिर भी तो चार ही हुआ। ये पांचवां रंग कौन सा है?”

मासूम बच्चे ने आंख झुकाए सरलता से उत्तर दिया-“वो है पूरे ध्वज में फैला हुआ लाल-लाल धब्बा, मुझे याद है मास्टर जी, जब मैंने पापा को अंतिम बार देखा था”

घर के आंगन में एक ताबूत के अंदर पापा एक वैसे ही ध्वज को ओढ़ कर सोये हुए थे।”🇮

कक्षा का शोर अचानक थम सा गया।
मास्टर जी का गुस्सा गायब हो चुका था।
गला भर आया था। कुछ बोल नहीं पाये।

सिर्फ हाथ के इशारे से सबको शाँत बैठने को कह कर सर झुकाए कक्षा के बाहर निकल आए
और
भीगी आँखों से आसमान के तरफ़ देखते हुए सोंचने लगे-

“तिरंगे में लगे खून के उन लाल धब्बों को हम कैसे भूल गए?


मै मंदीर गया था एक बाबा ने कहा दस रूपये दे
दे
.
मैने दस रूपये नीकाल कर दिया .
बाबा ने कहा मे खुश हूआ माँग क्या मागता है
.
मैने कहा मुझे 100 रूपये दे😋
.
😋😝बाबा बेहोश

बस वो मुस्कुराहट ही कहीं खो गई है.!!*
*बाकी तो मैं भी बहुत खुश हूँ आजकल.

अरे महोब्बत 💑 तो दिल 💖 से की जाती हैं
face 👷 देखकर तो सैटिंग की जाती हैं……….