अगर में कहुँ उदास हु तुम बिन
तो तुम लौट आओगी ना
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मैंने कहा आज झूठ का दिन है…….
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वो मुस्करा कर बोले, फिर तुम मेरे हो.
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,
मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की
जब जहाँ जो मिला अपना लिया,
जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की।
नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा,
जा इजाजत है ज़माना आजमा ले.
पति:- ये कैसा खाना बनाया है तुमने,
बिलकुल गोबर जैसा…..?
पत्नी:- हे भगवान, इस आदमी ने हर चीज़ चख रखी है…..
=हरि बोल=
पत्नी पति से –
तुम बालकनी में यूं नंगे क्यों घूम रहे हो ?
सारे मौहल्ले वाले देख रहे है।
पति – मैं नंगा घूम रहा हूँ, तो क्या हुआ ?
तुमको जलन हो रही है ?
पत्नी – जलन … माय फुट !!
तुम्हारे और अपने भले के बारे में बोल रही हूँ,
लोग सोचेगे कि मैंने तुमसे पैसो के लिए शादी की
छोटी सी जिंदगी है, हर बात में खुश रहो।
जो पास में ना हो, उनकी आवाज़ में खुश रहो।
कोई रूठा हो तुमसे, उसके इस अंदाज़ में खुश रहो।
जो लौट के नही आने वाले है, उन लम्हो कि याद में खुश रहो।
कल किसने देखा है, अपने आज में खुश रहो।
खुशियों का इन्तेजार किसलिए, दुसरो कि मुस्कान में खुश रहो।
क्यूँ तड़पते हो हर पल किसी के साथ को , कभी तो अपने आप में खुश रहो।
छोटी सी जिंदगी है, हर हाल में खुश रहो।
जब भी देखती है मुझे, नज़रें झुका लेती है वो,
खुदा का शुक्र है, हमें पहचान तो लेती है वो।
ये दोस्ती का रिश्ता भी कितना अजीब होता है…….
दूरिया होते हुए भी दिल कितने करीब होता है……..!!!
नही देखते हम रंग,जाति और हैसियत को
क्यों की ये सभी रिस्तो से ज़्यादा अजीज होता है……..!!!!!
कैसे करूँ मैं साबित…कि तुम याद बहुत आते हो…
एहसास तुम समझते नही…और अदाएं हमे आती नहीं…
है एक शख़्स ऐसा भी,
जो किश्तों में मार रहा है मुझे !!
कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है…
मेरी दुकान के 4 नोकर
*आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले है*
*उनका कहना है की*
*सेठ हमारी बात नही मानता*
*और हमे गल्ले पे बैठने नही देता*
पगली जितनी तेरे शरीर मे हड्डिया है,
उससे जादा तो कोलेज मे सेट मुझसे लडकिया है.
हम जिंदगी की भागदौड़ मे इतने लीन हो गए,
पता ही नहीं चला गोलगप्पे कब 10 के तीन हो गए…
आज मैंने अपनी घड़ी, चैन, मोबाइल और पर्स एक ग़रीब आदमी को डोनेट कर दिया………..!!
आप सोच भी नही सकते, के मुझे कितनी खुशी हुयी
जब उसने…
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चाकू मेरी गर्दन से हटा लिया