जरूरी नहीं हमेशा अच्छे बनकर
रहना !!!!
लोग अक्सर कमजोर समझने लगते है !!!!!!!!
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जरूरी नहीं हमेशा अच्छे बनकर
रहना !!!!
लोग अक्सर कमजोर समझने लगते है !!!!!!!!
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कहता है वो जनता की भीड़ है।
सही तो है, यही तो भीड़ है।
उस भीड़ का तू भी हिस्सा है
जिंदगी का बस यही तो किस्सा है।
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अपनी कीमत उतनी रखिए,
जो अदा हो सके …
अगर अनमोल हो गए तो,
तन्हा हो जाओगे ….
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गरीब की इबादत को देख कर,
भगवान खुश हुए और पूछा की क्या चाहिए …??
.
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भगवान भी शर्मिंदा हो गए जब उसने
कहा “रोटी” …!!
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जब हम बोलना नहीं जानते थे,
तो हमें बोले बिना माँ हमारी बातों को समझ जाती थी;
और आज हम हर बात पर कहते हैं छोड़ो माँ आप नहीं समझोगी।
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नन्हीं नन्हीं बच्चियों को चार किताबें पढने दो साहब !
कोख से बच आई हैं, दहेज से भी बच जायेगी !!”👧
गंदी सोच और नियत जहन की ही होती है…
वरना अंगों की बनावट तो बहन की भी होती है!!
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हार और जीत
आपकी सोच पर
निर्भर करती है
.
मान ली तो हार
ठान ली तो जीत
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समझ नही आता * जिंदगी तेरा फैसला… ; एक तरफ तू केहती है ;
सबर का फल मिठा होता है ; और दूसरी तरफ Zindagi केहती है., वक्त किसी का इंतजार नही करता……!!
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एक चीज़ शेयर करना जरा सब लोग…
2013 : पेट्रोल 83 रु लीटर और 1 लाख करोड़ का तेल कम्पनियों पर कर्ज
2018 : पेट्रोल 80 रु लीटर और तेल कम्पनियों पर ZERO कर्ज
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बच्चे झगड़ रहे थे मोहल्ले के जाने किस बात पर …
सूकून इस बात का था न मंदिर का ज़िक्र था न मस्जिद का .
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बुद्ध अपने शिष्यों के साथ बैठे थे। एक शिष्य ने पूछा- “कर्म क्या है?”
बुद्ध ने कहा- “मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ।”
एक राजा हाथी पर बैठकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था।अचानक वह एक दुकान के सामने रुका और अपने मंत्री से कहा- “मुझे नहीं पता क्यों, पर मैं इस दुकान के स्वामी को फाँसी देना चाहता हूँ।”
यह सुनकर मंत्री को बहुत दु:ख हुआ। लेकिन जब तक वह राजा से कोई कारण पूछता, तब तक राजा आगे बढ़ गया।
अगले दिन, मंत्री उस दुकानदार से मिलने के लिए एक साधारण नागरिक के वेष में उसकी दुकान पर पहुँचा। उसने दुकानदार से ऐसे ही पूछ लिया कि उसका व्यापार कैसा चल रहा है? दुकानदार चंदन की लकड़ी बेचता था। उसने बहुत दुखी होकर बताया कि मुश्किल से ही उसे कोई ग्राहक मिलता है। लोग उसकी दुकान पर आते हैं, चंदन को सूँघते हैं और चले जाते हैं। वे चंदन कि गुणवत्ता की प्रशंसा भी करते हैं, पर ख़रीदते कुछ नहीं। अब उसकी आशा केवल इस बात पर टिकी है कि राजा जल्दी ही मर जाएगा। उसकी अन्त्येष्टि के लिए बड़ी मात्रा में चंदन की लकड़ी खरीदी जाएगी। वह आसपास अकेला चंदन की लकड़ी का दुकानदार था, इसलिए उसे पक्का विश्वास था कि राजा के मरने पर उसके दिन बदलेंगे।
अब मंत्री की समझ में आ गया कि राजा उसकी दुकान के सामने क्यों रुका था और क्यों दुकानदार को मार डालने की इच्छा व्यक्त की थी। शायद दुकानदार के नकारात्मक विचारों की तरंगों ने राजा पर वैसा प्रभाव डाला था, जिसने उसके बदले में दुकानदार के प्रति अपने अन्दर उसी तरह के नकारात्मक विचारों का अनुभव किया था।
बुद्धिमान मंत्री ने इस विषय पर कुछ क्षण तक विचार किया। फिर उसने अपनी पहचान और पिछले दिन की घटना बताये बिना कुछ चन्दन की लकड़ी ख़रीदने की इच्छा व्यक्त की। दुकानदार बहुत खुश हुआ। उसने चंदन को अच्छी तरह कागज में लपेटकर मंत्री को दे दिया।
जब मंत्री महल में लौटा तो वह सीधा दरबार में गया जहाँ राजा बैठा हुआ था और सूचना दी कि चंदन की लकड़ी के दुकानदार ने उसे एक भेंट भेजी है। राजा को आश्चर्य हुआ। जब उसने बंडल को खोला तो उसमें सुनहरे रंग के श्रेष्ठ चंदन की लकड़ी और उसकी सुगंध को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। प्रसन्न होकर उसने चंदन के व्यापारी के लिए कुछ सोने के सिक्के भिजवा दिये। राजा को यह सोचकर अपने हृदय में बहुत खेद हुआ कि उसे दुकानदार को मारने का अवांछित विचार आया था।
जब दुकानदार को राजा से सोने के सिक्के प्राप्त हुए, तो वह भी आश्चर्यचकित हो गया। वह राजा के गुण गाने लगा जिसने सोने के सिक्के भेजकर उसे ग़रीबी के अभिशाप से बचा लिया था। कुछ समय बाद उसे अपने उन कलुषित विचारों की याद आयी जो वह राजा के प्रति सोचा करता था। उसे अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए ऐसे नकारात्मक विचार करने पर बहुत पश्चात्ताप हुआ।
यदि हम दूसरे व्यक्तियों के प्रति अच्छे और दयालु विचार रखेंगे, तो वे सकारात्मक विचार हमारे पास अनुकूल रूप में ही लौटेंगे। लेकिन यदि हम बुरे विचारों को पालेंगे, तो वे विचार हमारे पास उसी रूप में लौटेंगे।
यह कहानी सुनाकर बुद्ध ने पूछा- “कर्म क्या है?” अनेक शिष्यों ने उत्तर दिया- “हमारे शब्द, हमारे कार्य, हमारी भावनायें, हमारी गतिविधियाँ…”
बुद्ध ने सिर हिलाया और कहा- *”तुम्हारे विचार ही तुम्हारे कर्म हैं।”*
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दो शेरों की दोस्ती बिगड़ जाती है,
दोनों ही एक दुसरे के दुश्मन हो जाते हैं, फिर दोनों एक दूसरे से 10 साल तक बात तक नही करते……
एक बार पहले शेर और उसकी
बीवी-बच्चों को 25-30 कुत्ते नोचने लगते हैं…….
तभी दूसरा शेर आता है, और उन कुत्तों को केले के छिलके की तरह फाड़ के भाग देता है…… और फिर से दूर जा के बैठ जाता है…..
पहले शेर का बेटा उससे पूछता है कि पापा दूसरे शेर से तो आप बात तक नही करते, फिर भी उसने हमको क्यों बचाया ??
पहले शेर ने कहा
बेटा, भले ही नाराज़गी हो, पर दोस्ती इतनी भी कमजोर नही होना चाहिए कि कुत्ते फायदा उठा लें ।
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जीवन के 6 सत्य:-
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने खूबसूरत हैं ?
क्योंकि लंगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शरीर कितना विशाल और मज़बूत है ?
क्योंकि श्मशान तक आप अपने आपको नहीं ले जा सकते ।
आप कितने भी लम्बे क्यों न हों,
मगर आने वाले कल को आप नहीं देख सकते ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि, आपकी त्वचा कितनी गोरी और चमकदार है ।
क्योंकि अँधेरे में रोशनी की जरूरत पड़ती ही है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि ” आप ” नहीं हँसेंगे तो सभ्य कहलायेंगे ?
क्योंकि ” आप ” पर हँसने के लिए दुनिया खड़ी है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि, आप कितने अमीर हैं ? और दर्जनों गाड़ियाँ आपके पास हैं ?
क्योंकि घर के बाथरूम तक आपको चल कर ही जाना पड़ेगा ।
इसलिए संभल कर चलिए …ज़िन्दगी का सफर छोटा है , हँसते हँसाते काटिये, आनंद आएगा ।
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शेर कभी भी छुप कर शिकार नहीं करते
बुज़दिल कभी भी खुलकर वार नहीं करते
हम हैं वो जो नया साल विश करने के लिए
एक जनवरी का इंतज़ार नहीं करते.
Happy New Year 2021
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वो अपनी गली की रानी होने का गुरुर करती है
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नादान
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ये नही जानती की हम उसी शाहर के बादशाह है
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किसी की नजर👀 मे अच्छी हूँ तो👧
किसी की नजर 👀में बूरी हूँ😵
जो जैसा है उसकी नजर में, वैसी हूँ मै
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