जीवन के 6 सत्य:-
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने खूबसूरत हैं ?
क्योंकि लंगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शरीर कितना विशाल और मज़बूत है ?
क्योंकि श्मशान तक आप अपने आपको नहीं ले जा सकते ।
आप कितने भी लम्बे क्यों न हों,
मगर आने वाले कल को आप नहीं देख सकते ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि, आपकी त्वचा कितनी गोरी और चमकदार है ।
क्योंकि अँधेरे में रोशनी की जरूरत पड़ती ही है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि ” आप ” नहीं हँसेंगे तो सभ्य कहलायेंगे ?
क्योंकि ” आप ” पर हँसने के लिए दुनिया खड़ी है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि, आप कितने अमीर हैं ? और दर्जनों गाड़ियाँ आपके पास हैं ?
क्योंकि घर के बाथरूम तक आपको चल कर ही जाना पड़ेगा ।
इसलिए संभल कर चलिए …ज़िन्दगी का सफर छोटा है , हँसते हँसाते काटिये, आनंद आएगा ।



Good morning ,good afternoon , good evening, good night
wish karne main Kya raha h.
karo wish to kaho shubhprabhat,
jai shri Krishna

एयरलाइन्स के अनुसार सारा मामला अन्त्येष्टि से लौटे एक थके हारे यात्री द्वारा अनजाने में हुई अशिष्टता का है।
यात्री ने विमान में बैठते ही उसे डिस्टर्ब नहीं करने व खाना भी सर्व नहीं करने को कह दिया था।
वह कम्बल तान सो गया, इसी दौरान उसका पांव अगली सीट पर लग गया होगा …
एक एक्ट्रेस की सस्ती पब्लिसिटी की लालसा से एक लापरवाह यात्री को जेल हो सकती,
उसकी नौकरी जा सकती,
अदालतों के चक्कर में उसका पूरा परिवार तबाह हो सकता ….
यात्री ने जायरा से माफी तक मांग ली
इस घटना से एक सवाल सबके मन में उभर रहा –
विमान में पिछली सीट पर बैठा व्यक्ति अपने पांवों से अगली सीट के यात्री की पीठ कैसे सहला सकता? …
गर्दन कैसे सहला सकता?
तमाम पुरूष यात्रियों को चेतावनी – यदि आपकी सीट किसी महिला के आगे-पीछे, अगल-बगल हो तो अपनी सीट बदलवा लें आप चाहे फ्लाइट में हो न हो बस या ट्रेन किसी में भी हो.. उंगली भी अड़ गई तो आपकी बात कोई सुनने वाला नहीं, महिला के बयान से ही आपकी वाट लग जायगी, की दो टके की जायरा आपकी जिंदगी बर्बाद कर सकती है

नया ले आते हैं पुराना सामान कचरे में फैंक के ,
घर में पुरानी चीजें अब अच्छी नंही लगती ,

घर के किसी कोने में उसका भी बिस्तर है ,
नई बैठक में बूढ़ी माँ … अब अच्छी नंही लगती ,


Saans Ruk Ruk K Aa Rahi Hai Meri,
Kuch Na Kuch Baat Hone Wali Hai,
Ya Bahut Door Ja Chuka Hai Koi.
Ya Mulaqaat Hone Wali Hai

जीवन को सुखी बनाने का मूल मंत्र…..
खुद का दु:ख
और
दुसरे का सुख
गिनना छोड़ दें…..!!!!!


6 सवाल और 6 चुनौतियॉं : 
1. किस का जन्मदिन हर साल नहीं आता ?  
2. कौन सी चीज धूप में नहीं सूख सकती.?  
3. कौन सा फल मीठा होने के बावजूद बाजार में नही बिकता ?  
4. कौन सी चीज है जिसका नाम लो तो टूट जाती है ?  
5. वो कौन है जो बगैर पैरों के भागता है और लौटकर नहीं आता ?  
6. कौन सी मछली  समुद्र में तैर नहीं सकती ?  
इन सवालों का जवाब 24 घंटों में देने की कोशिश करें | अपने अन्य मित्रों के पास भी यह संदेश भेजें ताकि आप उनसे भी इनके सही उत्तर जान सकें | आप समय शुरू होता है अब … दिमाग लगाकर देखें …..


भिखारिन – “बच्चा भूखा है, कुछ दे दे सेठ!”
गोद में बच्चे को उठाए एक जवान औरत हाथ फैला कर भीख माँग रही थी।
“इस का बाप कौन है? अगर पाल नहीं सकते तो पैदा क्यों करते हो?”
सेठ झुंझला कर बोला।
औरत चुप रही। सेठ ने उसे सिर से पाँव तक देखा। उसके वस्त्र मैले तथा फटे हुए थे, लेकिन बदन सुंदर व आकर्षक
था।
वह बोला, “मेरे गोदाम में काम
करोगी? खाने को भी मिलेगा और पैसे
भी।”
भिखारिन सेठ को देखती रही, मगर बोली कुछ नहीं।
“बोल, बहुत से पैसे मिलेंगे।”
भिखारिन बोली…
“सेठ तेरा नाम क्या है?”
“नाम !! मेरे नाम से तुझे क्या लेना देना?”
“जब दूसरे बच्चे के लिए भीख
माँगूंगी तो लोग उसके बाप का नाम पूछेंगे तो क्या बताऊँगी ?”
……..अब सेठ चुप था…….

अपनी ज़ुबान की ताक़त उन ‘माँ-बाप’ पर कभी मत आजमाओ..
जिन्होंने तुम्हे बोलना सिखाया है..

*सफलता क्या है ??*

4 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते।

8 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने घर वापिस आने का रास्ता जानते है।

12 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने अच्छे मित्र बना सकते है।

18 वर्ष की उम्र में मदिरा और सिगरेट से दूर रह पाना सफलता है।

25 वर्ष की उम्र तक नौकरी पाना सफलता है।

30 वर्ष की उम्र में एक पारिवारिक व्यक्ति बन जाना सफलता है।

35 वर्ष की उम्र में आपने कुछ जमापूंजी बनाना सीख लिया ये सफलता है।

45 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपना युवावस्था बरकरार रख पाते हैं।

55 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपनी जिम्मेदारियाँ पूरी करने में सक्षम हैं।

65 वर्ष की आयु में सफलता है निरोगी रहना।

70 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप आत्मनिर्भर हैं किसी पर बोझ नहीं।

75 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने पुराने मित्रों से रिश्ता कायम रखे हैं।

80 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आपको अपने घर वापिस आने का रास्ता पता है।

और 85 वर्ष की उम्र में फिर सफलता ये है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते।

अंततः यही तो जीवन चक्र है.. जो घूम फिर कर वापस वहीं आ जाता है जहाँ से उसकी शुरुआत हुई है। और यही जीवन का परम सत्य है।

संभाल कर रखना अपने को
Bcoz……
आपका जीवन अनमोल है ।।


kehte hain zindagi kaa aakhri thikaana khuda
kaa ghr hai,
kuch achaa kr le musaafir kisi k ghar khaali
haath nahi jaate.


Hum bachpan main pensil istemal karte the par ab pen istemal karte hai pata hai kyu

kyun ki bachpan me galtiya mit sakti thi par ab nhi


Udasiyo ki vajah to bhut mil jati hai…
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Par bewajah hasne ki to baat e kuch aur hai… 🙂 😀

एस वार की सर्दियों में अैसा ना होने पाए,
चड़ती रहें चादरें मज़ार पर,
और बाहर बैठा फ़क़ीर
ठंड से मर जाए।