अजीब सौदागर हैं यह वक़्त भी,
जवानी का लालच देकर बचपन ले गया,
अब अमीरी का लालच देकर जवानी छिन रहा हैं…!



जिनकी नजरो में हम नहीं अच्छे ,
कुछ तो वो लोग भी बुरे होंगे ।।
अब मुझे फर्क नहीं पड़ता…
तुम्हारे फर्क पड़ने से..

इश्क करने से पहले पूछी नहीं जाती ज़ात
महबूब की,

कुछ तो है दुनिया में जो आज
तक मजहबी नही हुआ…

जिन्हे गुस्सा आता है
वह लोग सच्चे होते है
मैने झूठो को अक्सर
मुस्कुराते हुए देखा है


दुनिया का बेहद मुश्किल काम
“अपनों ” में से
“अपनों ” को खोजना

“एक बार नही सौ बार कहेगें”

पाकिस्तान की सबसे बड़ी ताकत पाकिस्तान का परमाणु बम नही
बल्कि भारत में रहने वाले गद्दार है…


मुझे क्या हक है
किसी को मै मतलबी कहूँ
मै तो खुद अपने रब्ब को
मुसीबतोँ मे याद करता हूँ


रोज़ याद न कर पाऊँ तो
खुदग़रज़ ना समझ लेना,

दरअसल छोटी सी जिन्दगी है।
और परेशानियां बहुत हैं..!!

मैं भूला नहीं हूँ किसी को…
मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ..

बस जिंदगी उलझी पड़ी है ..
दो वक़्त की रोटी कमाने में।. .

मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है।

वर्ना भीगी पलकों से तो आईना

भी धुंधला दिखता है।।

होगा तेरा हीरो सलमान खान जो जमानत ना मिलने पर रोया था ✋🏻🤬

हमारा हीरो तो भगत सिंह था जो फाँसी पर चढ़कर भी मुस्कुराया था ।। 👌🏻🙏🏻


किसी ने क्या खूब लिखा है “वक़्त निकालकर”
मिल लिया करो अपनों से,अगर अपने ही न रहेंगे ,
“तो वक़्त का क्या करोगे”.


kehte hain zindagi kaa aakhri thikaana khuda
kaa ghr hai,
kuch achaa kr le musaafir kisi k ghar khaali
haath nahi jaate.

Article 370 को हटाने की पूरी कहानी

मेरे विचार से मोदी सरकार
ने सबसे बड़ा जुआ खेला था PDP से समर्थन वापस लेकर मुफ्ती सरकार गिराने का।

अगर काँग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP को जरा भी भनक होती या अंदेशा होता कि मोदी सरकार को अगले आम चुनावों में इतना प्रचण्ड जनादेश मिलेगा और 370 हटा दी जाएगी, वे एक साथ आकर सरकार बनाने का दावा पेश कर देते और राज्य में राज्यपाल शासन नहीं लग पाता।

370 हटाने की जो शर्त थी कि राष्ट्रपति से 370 हटाने की अनुशंसा राज्य की विधानसभा को करनी होगी वो शर्त पूरी नहीं होती। क्योंकि PDP नेशनल कॉन्फ्रेंस कभी भी यह अनुशंसा नहीं करते।
यही वह शर्त थी जिसके भरोसे कश्मीरी लीडर फुदकते थे कि केंद्र में कितनी भी मजबूत सरकार हो 370 हटा नहीं सकती। उन्हें विश्वास था कि कश्मीर में किसी की भी सरकार बने, विधानसभा से 370 हटाने की अनुशंसा कभी होगी ही नहीं।

BJP का PDP के साथ गठबंधन बहुतो को रास नहीं आया था। लेकिन इस गठबंधन का फायदा भाजपा को यह हुआ कि उन्हें मुफ़्ती के क्षीण जनाधार की जानकारी मिल गयी और साथ ही भाजपा के साथ जाने की वजह से PDP अब्दुल्ला और काँग्रेस के लिए अछूत हो गयी।
अब्दुल्ला और कांग्रेस दोनों को लगा कि BJP की साथी रही पार्टी को अगर अभी सपोर्ट किया तो उनका मुस्लिम वोट बैंक नाराज हो जाएगा। इसी वजह से भाजपा की समर्थन वापसी के बाद दोनों ही दलों ने PDP से किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना को नकार दिया।

यही 370 खत्म होने की नींव पड़ गयी थी।

BJP की इस स्ट्रेटेजी को न मूर्ख काँग्रेस, न घमंडी महबूबा और न लालची अब्दुल्ला समझ पाया। और उनकी इन्ही मूर्खता का लाभ भारत को मिला।

हम जहाँ सोचना बन्द करते है, मोदी सरकार उसके 5 किलोमीटर आगे से सोचना शुरू करती है।

मोदी को समझना मुश्किल ही नही नामुमकिन है ।

धारा 370 वैसे तो जम्मू-कश्मीर सरकार की अनुमति के बगैर हट नही सकती।

पर , मोदी फरवरी में SC/ ST AMENDMENT BILL से कश्मीर में कानून बना चुके थे कि, अगर कश्मीर में चुनी हुई सरकार न हो तो गवर्नर सारे निर्णय ले सकते है ।

ये बिल जब पास हो रहा था तब मूर्ख विपक्ष को ये पता ही नही चला कि मोदी ये क्यों कर रहा है!

आरक्षण की बात थी इस लिये विपक्ष ने बड़े जोश से इस बिल का समर्थन किया, पर आरक्षण के बहाने मोदी ने गवर्नर को सारे हक दे दिए ।

जब 370 धारा हट रही थी तब पता चला कि मोदीजी ये गेम कब से सेट कर रहे थे।

और धारा 370 हटाने से दो दिन पहले UAPA बिल पास किया, मतलब अगर कोई अड़ंगा डालेगा तो सीधा जेल जाएगा।

Check and Mate

धारा 370 हटाने की नींव 2014 से रखी गयी थी, पूरे घटनाक्रम में महबूबा मुफ्ती की सबसे बड़ी गलती की उसने मोदी से हाथ मिला कर कश्मीर में अपनी सरकार बनाई ।

मोदी को बहाना चाहिए था राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए, जो महबूबा की गलतियों की वजह से लगा दिया गया ।
जो अब लाइफटाइम रहेगा ।

अगर, महबूबा कांग्रेस से हाथ मिलाती तो शायद ये संभव न होता।

मोदी के बिछाए शतरंज के इस खेल में सारे प्यादे एक एक करके गिरते गए, आखिर में बची रानी के लिए वजीर ही काफी था ।

द्वंद कहाँ तक पाला जाए,
युद्ध कहाँ तक टाला जाए,
तू भी है राणा का वंशज,
फेंक जहाँ तक भाला जाए ,
दोनों तरफ़ लिखा हो भारत,
सिक्का वही उछाला जाए।


मुश्किल वक़्त का सबसे बड़ा सहारा है-
‘ उम्मीद ‘ !!
जो एक प्यारी सी ‘मुस्कान’ देकर…
कानों में धीरे से कहती है-
” सब अच्छा होगा !! “

घर में अगर मच्छर ज्यादा हो गए हो तो
उन्हें अलग-अलग जाति-धर्म में बाँट दीजिये…
एक दूसरे को काटकर मर जायेंगे

Udasiyo ki vajah to bhut mil jati hai…
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Par bewajah hasne ki to baat e kuch aur hai… 🙂 😀