Life की हर Situation मे आपके पास दो रास्ते है :-
(1) भाग लो (Run Away)
(2) भाग लो (Participate)
जिँदगी आपकी,फैसला आपका
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Life की हर Situation मे आपके पास दो रास्ते है :-
(1) भाग लो (Run Away)
(2) भाग लो (Participate)
जिँदगी आपकी,फैसला आपका
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कभी हम भी.. बहुत अमीर हुआ करते थे* *हमारे भी जहाज.. चला करते थे।*
*हवा में.. भी।*
*पानी में.. भी।*
*दो दुर्घटनाएं हुई।*
*सब कुछ.. ख़त्म हो गया।*
*पहली दुर्घटना*
जब क्लास में.. हवाई जहाज उड़ाया।
टीचर के सिर से.. टकराया।
स्कूल से.. निकलने की नौबत आ गई।
बहुत फजीहत हुई।
कसम दिलाई गई।
औऱ जहाज बनाना और.. उडाना सब छूट गया।
*दूसरी दुर्घटना*
बारिश के मौसम में, मां ने.. अठन्नी दी।
चाय के लिए.. दूध लाना था।कोई मेहमान आया था।
हमने अठन्नी.. गली की नाली में तैरते.. अपने जहाज में.. बिठा दी।
तैरते जहाज के साथ.. हम शान से.. चल रहे थे।
ठसक के साथ।
खुशी खुशी।
अचानक..
तेज बहाब आया।
और..
जहाज.. डूब गया।
साथ में.. अठन्नी भी डूब गई।
ढूंढे से ना मिली।
मेहमान बिना चाय पीये चले गये।
फिर..
जमकर.. ठुकाई हुई।
घंटे भर.. मुर्गा बनाया गया।
औऱ हमारा.. पानी में जहाज तैराना भी.. बंद हो गया।
आज जब.. प्लेन औऱ क्रूज के सफर की बातें चलती हैं , तो.. उन दिनों की याद दिलाती हैं।
वो भी क्या जमाना था !
और..
आज के जमाने में..
मेरे बेटे ने…
पंद्रह हजार का मोबाइल गुमाया तो..
मां बोली ~ कोई बात नहीं ! पापा..
दूसरा दिला देंगे।
हमें अठन्नी पर.. मिली सजा याद आ गई।
फिर भी आलम यह है कि.. आज भी.. हमारे सर.. मां-बाप के चरणों में.. श्रद्धा से झुकते हैं।
औऱ हमारे बच्चे.. ‘यार पापा ! यार मम्मी !
कहकर.. बात करते हैं।
हम प्रगतिशील से.. प्रगतिवान.. हो गये हैं।
कोई लौटा दे.. मेरे बीते हुए दिन।।
माँ बाप की लाइफ गुजर जाती है *बेटे
की लाइफ बनाने में……*
और बेटा status_ रखता है—
” *My wife is my Life*”
ईस पोस्ट को भेजने की कृपा करे जिससे सबके बचपन की याद की झलकिया आ
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Article 370 को हटाने की पूरी कहानी
मेरे विचार से मोदी सरकार
ने सबसे बड़ा जुआ खेला था PDP से समर्थन वापस लेकर मुफ्ती सरकार गिराने का।
अगर काँग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP को जरा भी भनक होती या अंदेशा होता कि मोदी सरकार को अगले आम चुनावों में इतना प्रचण्ड जनादेश मिलेगा और 370 हटा दी जाएगी, वे एक साथ आकर सरकार बनाने का दावा पेश कर देते और राज्य में राज्यपाल शासन नहीं लग पाता।
370 हटाने की जो शर्त थी कि राष्ट्रपति से 370 हटाने की अनुशंसा राज्य की विधानसभा को करनी होगी वो शर्त पूरी नहीं होती। क्योंकि PDP नेशनल कॉन्फ्रेंस कभी भी यह अनुशंसा नहीं करते।
यही वह शर्त थी जिसके भरोसे कश्मीरी लीडर फुदकते थे कि केंद्र में कितनी भी मजबूत सरकार हो 370 हटा नहीं सकती। उन्हें विश्वास था कि कश्मीर में किसी की भी सरकार बने, विधानसभा से 370 हटाने की अनुशंसा कभी होगी ही नहीं।
BJP का PDP के साथ गठबंधन बहुतो को रास नहीं आया था। लेकिन इस गठबंधन का फायदा भाजपा को यह हुआ कि उन्हें मुफ़्ती के क्षीण जनाधार की जानकारी मिल गयी और साथ ही भाजपा के साथ जाने की वजह से PDP अब्दुल्ला और काँग्रेस के लिए अछूत हो गयी।
अब्दुल्ला और कांग्रेस दोनों को लगा कि BJP की साथी रही पार्टी को अगर अभी सपोर्ट किया तो उनका मुस्लिम वोट बैंक नाराज हो जाएगा। इसी वजह से भाजपा की समर्थन वापसी के बाद दोनों ही दलों ने PDP से किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना को नकार दिया।
यही 370 खत्म होने की नींव पड़ गयी थी।
BJP की इस स्ट्रेटेजी को न मूर्ख काँग्रेस, न घमंडी महबूबा और न लालची अब्दुल्ला समझ पाया। और उनकी इन्ही मूर्खता का लाभ भारत को मिला।
हम जहाँ सोचना बन्द करते है, मोदी सरकार उसके 5 किलोमीटर आगे से सोचना शुरू करती है।
मोदी को समझना मुश्किल ही नही नामुमकिन है ।
धारा 370 वैसे तो जम्मू-कश्मीर सरकार की अनुमति के बगैर हट नही सकती।
पर , मोदी फरवरी में SC/ ST AMENDMENT BILL से कश्मीर में कानून बना चुके थे कि, अगर कश्मीर में चुनी हुई सरकार न हो तो गवर्नर सारे निर्णय ले सकते है ।
ये बिल जब पास हो रहा था तब मूर्ख विपक्ष को ये पता ही नही चला कि मोदी ये क्यों कर रहा है!
आरक्षण की बात थी इस लिये विपक्ष ने बड़े जोश से इस बिल का समर्थन किया, पर आरक्षण के बहाने मोदी ने गवर्नर को सारे हक दे दिए ।
जब 370 धारा हट रही थी तब पता चला कि मोदीजी ये गेम कब से सेट कर रहे थे।
और धारा 370 हटाने से दो दिन पहले UAPA बिल पास किया, मतलब अगर कोई अड़ंगा डालेगा तो सीधा जेल जाएगा।
Check and Mate
धारा 370 हटाने की नींव 2014 से रखी गयी थी, पूरे घटनाक्रम में महबूबा मुफ्ती की सबसे बड़ी गलती की उसने मोदी से हाथ मिला कर कश्मीर में अपनी सरकार बनाई ।
मोदी को बहाना चाहिए था राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए, जो महबूबा की गलतियों की वजह से लगा दिया गया ।
जो अब लाइफटाइम रहेगा ।
अगर, महबूबा कांग्रेस से हाथ मिलाती तो शायद ये संभव न होता।
मोदी के बिछाए शतरंज के इस खेल में सारे प्यादे एक एक करके गिरते गए, आखिर में बची रानी के लिए वजीर ही काफी था ।
द्वंद कहाँ तक पाला जाए,
युद्ध कहाँ तक टाला जाए,
तू भी है राणा का वंशज,
फेंक जहाँ तक भाला जाए ,
दोनों तरफ़ लिखा हो भारत,
सिक्का वही उछाला जाए।
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Good morning thoughts
1. दुनिया के दो असम्भव काम- माँ की “ममता” और पिता की “क्षमता” का अंदाज़ा लगा पाना ।
2. यदि कोई व्यक्ति आपको गुस्सा दिलाने मे सफल रहता हैं तो समझ लीजिये आप उसके हाथ की कठपुतली हैं ।
3. यदि कोई तुम्हें नजरअंदाज कर दे तो बुरा मत मानना, Q कि लोग अक्सर हैसियत से बाहर मंहगी चीज को नजरंअदाज कर ही देते हैं
4. गलती कबूल़ करने और गुनाह छोङने में कभी देर ना करना, Q कि सफर जितना लंबा होगा वापसी उतनी ही मुशिकल हो जाती हैं ।
5. कोई देख ना सका उसकी बेबसी जो सांसें बेच रहा हैं गुब्बारों मे डालकर ।
6. हँसते रहो तो दुनिया साथ हैं, वरना आँसुओं को तो आँखो में भी जगह नही मिलती ।
7. दुनिया में भगवान का संतुलन कितना अद्भुत हैं, 100 कि.ग्रा.अनाज का बोरा जो उठा सकता हैं वो खरीद नही सकता और जो खरीद सकता हैं वो उठा नही सकता ।
8. जब आप गुस्सें में हो तब कोई फैसला न लेना और जब आप खुश हो तब कोई वादा न करना (ये याद रखना कभी नीचा नही देखना पड़ेगा) ।
9. मुझे कौन याद करेगा इस भरी दुनिया में, हे ईशवर बिना मतल़ब के तो लोग तुझे भी याद नही करते ।
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दुश्मनों की महफ़िल में चल रही थी….
मेरे कत्ल की सािजश..!
मैं पहुंचा तो बोलें
यार तेरी उम्र बहुत लम्बी है..!!
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*एक फ़कीर नदी के किनारे बैठा था. किसी ने पूछा : ‘बाबा क्या कर रहे हो?’ फ़कीर ने कहा : ‘इंतज़ार कर रहा हूँ की पूरी नदी बह जाएं तो फिर पार करूँ’ उस व्यक्ति ने कहा : ‘कैसी बात करते हो बाबा पूरा जल बहने के इंतज़ार मे तो तुम कभी नदी पार ही नही कर पाओगे’ फ़कीर ने कहा “यही तो मै तुम लोगो को समझाना चाहता हूँ की तुम लोग जो सदा यह कहते रहते हो की एक बार जीवन की ज़िम्मेदारियाँ पूरी हो जाये तो मौज करूँ, घूमूँ फिरू, सबसे मिलूँ, सेवा करूँ… जैसे नदी का जल खत्म नही होगा हमको इस जल से ही पार जाने का रास्ता बनाना है इस प्रकार जीवन खत्म हो जायेगा पर जीवन के काम खत्म नही होंगे.”*
*आज ही जीए जिंदगी.
*
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आजकल पेड पर लदे बेर
खुद ही मजबूरी में
नीचे गिरने लगे हैं ..
क्योंकि
बेर को भी पता है
पत्थर मारने वाला बचपन
अब मोबाईल में व्यस्त है
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महोब्बत भी अजीब चीज बनाई खुदा तुने !
तेरे ही मंदिर मे,
तेरी ही मस्जिद मे,
तेरे ही बंदे,
तेरे साहमने रोते है,
तुझे नही, किसी और को पाने के लिए
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सत्य जो लॉकडाऊन के दौरान सभी के सामने आए..
1. अमेरिका अब दुनिया का सबसे बेहतर देश नहीं रहा
2. चीन कभी विश्व कल्याण की नही सोच सकता
3. यूरोपीय देश उतने शिक्षित और सुधरे हुए नहीं जितना हम सोचते हैं
4. भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता विश्व में सबसे ज्यादा है।
5. कोई पादरी, पुजारी या मौलवी एक भी रोगी को ठीक नहीं कर सकता, मारना और बचाना – सब प्रकृति के हाथ में है
6. स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस और प्रशासन कर्मी ही असली हीरो हैं ना कि क्रिकेटर और फिल्मी सितारे
7. बिना उपयोग के विश्व में सोना चाँदी और तेल का कोई महत्व नहीं।
8. पहली बार पशु एवम् पक्षियों को लगा कि यह संसार उनका भी है
9. तारे वास्तव में टिमटिमाते हैं यह विश्वास महानगरों के बच्चों को पहली बार हुआ
10. हम और हमारे बच्चे बिना ‘जंक फूड’ के भी जिन्दा रह सकते है।
11. साफ सुथरा और सादा जीवन जीना कोई कठिन कार्य नहीं है।
11. मीडिया केवल झूठ और बकवास की पोटली है
12. पैसे की कोई वैल्यू नही है
13. भारतीय अमीरों मे मानवता कूट-२ कर भरी हुई है
14. खराब समय को भारतीय सबसे बेहतरीन तरीक़े से संभाल सकते हैं ।
घर पर रहिए…….
सुरक्षित रहिये……
अपनी संस्कृति का पालन कीजिए.
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मुस्कुरा के देखो तो सारा जहाँ रंगीन है।
वर्ना भीगी पलकों से तो आईना
भी धुंधला दिखता है।।
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एक मेढक पहाड़ की चोटी पर चढ़ने का सोचता है और आगे बढ़ता है
बाकी के सारे मेंढक शोर मचाने लगते हैं “ये असंभव है.. आज तक कोई नहीं चढ़ा.. ये असंभव है.. नहीं चढ़ पाओगे”
मगर मेंढक आख़िर पहाड़ की चोटी पर पहुँच ही जाता है.. जानते हैं क्यूँ?
क्योंकि वो मेंढक “बहरा” होता है.. और सारे मेंढकों को चिल्लाते देख सोचता है कि सारे उसका उत्साह बढ़ा रहे हैं
इसलिए अगर आपको अपने लक्ष्य पर पहुंचना है तो नकारात्मक लोगों के प्रति “बहरे” हो जाइए |
———Thought for the Day !!!
*व्यस्त रहें,मस्त रहें,स्वस्थ रहें
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मेहनत इतनी खामोशी से करो कि
.
“सफलता शोर मचा दे”
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किसी की नजर मे अच्छी हूँ तो
किसी की नजर में बूरी हूँ
जो जैसा है उसकी नजर में, वैसी हूँ मै
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एस वार की सर्दियों में अैसा ना होने पाए,
चड़ती रहें चादरें मज़ार पर,
और बाहर बैठा फ़क़ीर
ठंड से मर जाए।
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यूँ जमीन पर बैठकर क्यों आसमान देखता है,
पंखों को खोल जमाना सिर्फ उड़ान देखता है,
लहरों की तो फितरत ही है शोर मचाने की,
मंजिल उसी की है जो नजरों में तूफान देखता है…
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जिंदगी जीलो साहब..
बाकी एक दिन ऐसा आयेगा
कि आपके ही प्रोग्राम में
आपकी गैरहाजिरी होगी
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