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एक बार एक अँग्रेज रोहतक मेँ रास्ता भूल गया, उसने उड़ै पुलिस आळ्यां तै पूछा

Will you please guide me the way to bus stand?

पुलिस वाला: के कहवै है ?

अँग्रेज ने फेर दूसरे पुलिस वाले तै पूछा

Will you please tell me the way to reach bus stand?

पुलिस वाला: के कह रहा है भाई?

अँग्रेज वहाँ से चुपचाप चला गया

पहले पुलिस वाले ने दूसरे को कहा
रामबिलास भाई, आदमी नै अँग्रेजी जरूर आणी चाहिए, किम्मै एमरजैँसी मैँ काम आ जा है

दूसरा पुलिस वाला: उस अँग्रेज नै तो अँग्रेजी आवै थी
उसके काम आयी के???



पति बैडरूम मैं बैठ्या था लुगाई झाड़ू मारण आगी बोल्ली थोड़ा सरकिओ …
पति ड्राईंग रूम मैं आकै बैठ ग्या झाड़ू लेकै वंहा बी पोंहचगी … थोड़ा सरकिओ …
पति आंगण मैं चल्या गया … थोड़ी हाण पाच्छै औढ़ै बी … थोड़ा सरकिओ …
पति घर तै बाहर लिक्ड़ ग्या , पांच घंटे बाद लुगाई तै फोन आया … मैं चंडिगढ़ सत्तरां सैक्टर बस अड्डे पै हूं और सरकूं के

उसका मैसेज आया … मन्नै अपणे दिल पै तेरा नाम लिख लिया … 😗😗😗

पढ़ कै दिल तो जब का डांस रया है … पर दिमाग रुक्के दे रया … रै बावले कदे मस्जिद मैं जै श्री राम लिखया देख्या …

धोखा है या मूरख पराणी धोखा

दो आदमियों की बीवीयाँ मेले में खो गईं।
:
जिसमे से एक हरियाणा से था, और एक दिल्ली से।
:
अपनी – अपनी बीवी ढूंढते हुए वो आपस में मिले।
:
हरियाणा वाले ने दिल्ली वाले से पूछा..? तुम्हारी बीवी की पहचान क्या है..?
:
दिल्ली वाला बोला -> कद 5’7″, गोरी, भूरी आँखें और पतली है, स्लीवलेस पिंक टी-शर्ट और लाल मिनी स्कर्ट पहने है।
:
तुम्हारी बीवी की क्या पहचान है..?
:
हरियाणा वाला -> मेरे आली कै मार गोली, चाल तेरे वाली को ढूंढते है।


पत्थर उठा के मारते हैं मेरे ही मुझको …

दीवाना हो गया हूं मैं … देख के तुझको ,

तूं खुद भी खुद के जलवे से अंजान है शायद …

तिरछी नजर से आइने में देख तो खुद को

जोणसी न्यू कहया करती :-
“तू नी मिल्या जे मर जाऊगी”
उसे कै आज दूसरा छोरा होया है!!


क्या आप जानते हैं …

चमगाद्दड़ ( सचमुच आली मेरी गर्लफ्रैंड ना 😂 ) लगभग अंधी होए करै … पर उड़दे होए उसका कदे ऐक्सिडैंट ना होंदा …

क्यों … ???


पद्मावती मूवी का नाम पद्मावत करके रीलीज करने की तैयारी …

अर यंहा करनी सेना वाले भी अपणा नाम बदल कै करण सेणा रखण की सोचरे हैं ,

तूम डाल डाल … हम पात पात ..

इंटरव्यू लेने वाले ने पूछा : तुम्हारा नाम क्या है?
हरियाणवी : विजय दीनानाथ चौहान।
इंटरव्यू लेने वाला : लेकिन फॉर्म में तो
तुमने अपना नाम रामफल लिखा है?
हरियाणवी: फेर क्यों सुआद ले है?

मृत्यु क्या है … ???

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जब चार आदमी कुछ और माणसां गैल्या़ रल कै कंध्यां पै ठा कै राम नाम सत्य है बोल्दे होए लकड़ियां गेर कै एक आदमी नैं फूंक दें …

उसे कहते हैं मृत्यू … आई समझ


इंटरयू देण गया था इधर उधर के सवाल करकै वा बोल्या :- तो आपकी कोई कमजोरी भी है तो बताओ …

मखा जी मेरै पैग लाग रहा हो अर मेरे को कोए गंवार कैह दे तो मैं उसको साला बावली बूच बोल देता हूं जी …

बोल्या … ओह ये तो तुम सचमुच गंवारो वाली हरकत करते हो ,

मखा ओ साले बावली बूच अपणी लिमट मैं रै लिए …

फेर बेरा ना के होया सालेयां नै मेरा मुंह सूंघ सूंघ छेत्या मैं


अमिताभ बच्चन :- एक हजार रुपए के लिए पहला सवाल ये रहा आपकी क्म्पयूटर सक्रीन पे …
किस के नालायक बच्चे अपने पिता की कमाई पे ऐश करते हैं … आपके ऑपशन हैं …
A किसान
B मजदूर
C फिल्म कलाकार
D दुकानदार
मैं :- 😣😣😐😥😨 जी मैं लाइफलाइन ल्यूंगा ,
अमिताभ बच्चन :- हाहाहा काटाबेन शांत हो जांए …पहले ही सवाल पे … खैर कौन सी लाइफलाइन लेंगे आप …
मैं :- जी मैं एक नालायक दोस्त तै फोन करणा चाऊं हूं जो बाप की कमाई पै ऐश कर रया है … 😬😬😬
अमिताभ बच्चन :- ओह तो आपके दोस्त भी नालायक हैं हा हा हा … कौन हैं आपके वो नालायक दोस्त …😝😝
मैं :- सर जी अभिषेक बच्चन तै फोन ला दयो … 😩😩
अमिताभ :- 😡😡😈😈 अरै ठा कै बाहर गेरो इसनै कौणसे नै बुलाया था यो … नातो मैं जा रया हूं …

काम धंधे के चक्कर मैं घर तै बाहर जाणा पड़या पहली बार …

साउथ इंडिया मैं चेन्नई … ओढ़ै एक घर मैं पी जी सैट हो ग्या , दो चार दन तो उनके डोस्सा , उपमा साम्भर बड़ा , इडली ठीक लागे … फेर मन भर ग्या घर की रोटी याद आण लाग्गी ,

होटलां कान्नी चल दिया पर ना रोटी ढंग की अर ना सब्जी रुह सर की … हार माणनियां तो होए ना करते हरयाणा आले मखा रै रोटी मैं बणाउंगा रूम पै खुद …

कर लिआ सारा जुगाड़ अर बणाई आड्डी टेड्डी सी रोटी अर कच्ची पक्की सी दाल … जैसी बी थी घाल्या घी अर खाई … भाई बणी तो बात सी किम्मै पर वा माँ के हाथ का सुआद ना था …

दो तीन दन बाद हाथ तो चालण लाग गया रोटी सब्जी बणान मैं पर वा बात क्यों ना बणरी यार …

फेर के बांध लिआ परणा सर पै … लाल टोप्पी आले बाबा तै ले कै अर लाल चड्डी आले बाबा तक सारेआं के मसाले जो टीवी मैं देखे थे बरते … सब्जी चरचरी सी होजा थी पर वा बात ना ,

मिहनेंक पाच्छै रात साड्डे यांरा बजे रूम पै आया आलू गाजर मटर की सब्जी बणान लाग्या … ना तो लाल मिर्च ना मसाले सब किम्मै निमट रया था … बस थोड़ी हरी मिर्च अदरक लहसण पड़या था … चाल रै आज याए सइ … बणाई सब्जी रोटी अर पहली बुरकी मुंह मैं गेरिए थी माँ के हाथ बरगी सी लाग्गी …

मन्नै तड़कै माँ तै सारी कहानी बताई … माँ बोल्ली रै बेट्टा सुआद किसी बी औरत के हाथ मैं ना होता उसकी नीयत मैं हो सै वा स्वाद गैल्यां परिवार की सेहत का बी ख्याल राक्खै सै अर घणे तेल मसाले ना गेरदी वाए पोस्टिक सुआद मर्दां की जबान पै रच बस जा है … जिसनै थम्म परदेसां मैं याद करो अक माँ के हाथ का खाणा ,

मखा ए माँ मन्नै बी आ लिया थोड़ा थोड़ा माँ के हाथ का खाणा बणाना … बेसक टोह ले कोइ मेरे खात्तर जिसनै रोटी बणानी ना आंदी हो … मैं तो न्यू चांहू अक मेरे बालक याद करैं …

बाब्बू के हाथ का खाणा … 👍👍👍

Love you माँ …


दिल्ली मैं कुछ पटाखा समर्थक स्वंयसेवक संघों नै सुप्रीम कोर्ट की रोक का एक तोड़ काड्या है …
उन्होनै फैसला करया है अक दिवाली के दिन सारे दिल्ली ऐन सी आर आल्यां तै पेट भर कै मूली के परांठे तीन तीन गलास लास्सी अर चार चार हाजमोला की गोली फरी दी जावैगी …
आजो कोर्ट साब रोक ल्यो धमाके अर कर ल्यो पोल्युशन कंट्रोल …

जिस ढाल मोदी जी विपक्ष की हर बात का मजाक बणां दे हैं
दिक्खै नेता बनण तै पहल्यां ऐडमिन थे किसी पेज के …

मुस्कला एक शायरी याद करी थी छोरी फ़सान ताई। अक “एक पल में जान, जिस्म से कैसे जुदा होती है” या बात मन्ने कही तो अपणि सोड म थी। पर मेरे बाब्बू न बेरा ना क्यूकर सुणगी
फेर बाब्बू न बताई कोहणि मार मार के अक एक पल म जान जिस्म से कैसे जुदा होती है। इतने भूंडे भी कोई मारया करे। …!!