रस्ते कांट्यां भरे हों तो बाब्बु भाई यार दोस्त कोए साथ ना देता …
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ऐसे मोके पै अपणी चप्पल ए काम आवै …
हर बार इमोसनल होणा जरुरी है के



भगवान नै दो कान क्यां तै दिए ?
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दोनूंआ नै गर्म कपड़े तै लपेट द्यो तो जाडा कम लागै है ,
थैंक्यू कैहण की जरुरत ना है हीहीही … सर्दियां आरी हैं याद राखिओ बस .

या न्यूज चैनल आल्यां की मानै तो वा कोरिया का कुत्तरु बेरा ना कद दुनिया का खात्मा करदै …

बस एक आखरी अवाज आवैगी …

सूंऊंऊंऊंऊंऊंऊं ठांआंआंआंअअ……. .. . .

हाम तो ज्यांतै तावली तावली पोस्ट गेरां हाँ … रै बैरियो ले ल्यो जी सा … बेरा ना कल हो ना हो .

या चुटकला तो ना है सच्ची घटना है मेरे साथ घटी थी …
एअरइंडिया मैं युनियन बाजी के चलदे एअर होस्टैस बी पचपन छप्पन की हो कै रिटायर होवैं सैं समझै वे खुद नै सोलां साल की सैं … अर इकोनमी क्लास आले कस्टमर गैल्यां बिहेव न्यू करैं जणूं वा उनकी छात्ती पै बैठ कै जा रया हो … ढाई घंटे की फ्लाइट थी दिल्ली तै आबूधाबी की मेरी एकबै … वा नास्ता ब्रेड बटर , चटनी बर्गर सा दे कै गई …
अर पैग तो दो प्हल्यां ए ला लिए थे …
तीस लागगी … धौरै तै जावै थी मखा मैडम थोड़ा पानी ला दिजीए प्लीज …
ना सुणी …
अगली बार नजदीक तै लिक्ड़न लाग्गी मखा मैडम पानी ला दो …
ना जी …
तीसरी बार बी कोए असर ना …
फेर तो मेरे अंदर का हरयाणवी जाग ग्या घणी दूर थी मैं रुक्का दे कै बोल्या … ओ आंटी जी पाणी प्यादे गला सूख रया है …
दस सैकेंड मैं ले कै आई आंख्यां तै अंगारे बरस रे थे अर बोतल मेरे स्यामी एडजस्टेबल टेबल पै पटक कै गई … ड्युटी थी ना तो मेरे सिर पै मारती ..


आज पेपर था ग्रामीण बैंक का, बाहर चैकिंग करण आळा नै भीतर ना बड़ण दिया, मराबटा न्यूं बोल्या तेरी आधार कार्ड की फ़ोटो ना मिलती, भूंडी फ़ोटो है……. मखा आधार कार्ड में कोए भी टॉम क्रूज ना लाग्या करता…. ना मान्या मेरा सुसरा…. मखा जाऊं सूँ, याद राखिए भूखा मैं भी नहीं मरूं, हिसार के जाट कॉलेज आगै गोल गप्प्यां की रेहड़ी लाऊंगा अर तेरी छोरी मेरे ए धोरै आया करैगी पाणी के पतासे खाण 😜
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खैर… घरां आया अर आकै अलमारी खोली जिसमें मेरे आज तक के भरे होड़ सारे फॉर्म थे..IIT तै लेकै MTS तक, कैलकुलेटर लेकै हिसाब लगाया तो बेरा पाट्या इन फार्मां कै पाछै घणे रपिये फूक दिए, इतणे में एक Bullet आ जाती अर विडम्बना देखो…. ईब साली नौकरी की उम्र भी जा ली 😂😂

दो बात उनके खिलाफ क्या लिखदी … शपथग्रहण समारोह मैं बी ना बुलाया ,
मैं बी ऐडमिन हूं बिन बुलाए मैं बी ना गया …


मैं अपणे छोरे तै बोल्या … देख ब्रो मैं रुढ़ीवादी बाब्बू ना हूं … मैं अर तूं फ्रैंड हैं आज तै तूं मेरी गैल्यां खुल कै बात कर सकै है बडी …

आग्गे तै बोल्या … या ब्रो आई थिंक सो … बट देअर इज सम प्रोब्लम भाई … अपणी आईटम नै समझा ले … कदिए छेत गेरै मन्नै … आई डोंट लाइक दिस हुंह …

कूण मैं बैठया रो रया है इब झकोई … मेरे अंदर का बाब्बू जाग ग्या अर उसनै मेरी इजाजत लिए बिना थप्पड़ा दिया मेरा फ्रैंड … 😏😏😏

अरै कुत्ते तेरी मां है मेरी आइटम …


मैं अपणी सैटिंग के बाब्बू तै :- अंकल जी मैं आपकी बेटी तै ब्याह करणा चांऊ हूं … प्यार करुं हूं जी उस गैल्यां …

बोल्या :- भाई कितनाक कमाले है मिहने मैं …

मखा जी पच्चिस हजार … 😎😎

बोल्या रै बावले बीस हजार तो मेरी छोरी का जेबखर्च है मिहने का …😏😏

मखा जी वा जोड़ कै ए बता रया हूं सर … 😎😎

सुसरे नैं कुत्ते पाच्छे ला दिए … अर ये साले कुत्ते दो किलोमीटर तंइ भजाया मैं … बता इनकी के बेब्बे लाग्गै …

एक दिन पड़ोस का हरयाणवी छोरा आ के बोल्या-
” रे चाचा, अपनी इस्त्री देदे… ”
चाचा ने अपनी जनानी की ओर इसारा करया और बोला- ” ले जा, वा बैठी.. ”
छोरा चुप चाप देखन लाग्या…
बोला- ” चाचा यो नहीं, कपडे वाली..”
चाचा बोल्या- ” भले मानस, यो तन्ने बगेर कपड़े दिखे है के ??? ”
छोरा गुस्से में चीखा- ” रा चाचा
बावला ना बन, करंट वाली इस्त्री..”
चाचा- ” बावले, हाथ ते लगा के देख…जे ना मारे करंट, फेर कहिये…”

जै कोई दस बजे उठै तो
जरूरी ना स की आलसी ए हो
हो सकै है आगला के सपने बड़े हों


सिर्फ पिच्छलग्गु बनके विरोध करने वालो एक बार पद्मावत देख के तो आओ …
राजपूती आन बान शान को कैसे खूबसूरती से दिखाया है इसमें


मै तो इसे जाडे म्य नहाया मखा उसतै विडियो कालिंग करुंगा,
उस बैरण नै फोन काट दिया नू कह के अक मने शर्म आवे से.

एक मॉडर्न छोरी बोल्ली मैं आज की छोरी हूं कुछ बी कह दे मन्नै छौह ना आता …
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मन्नै उस्तै बेब्बे कैह दिया

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अर आज मेरी एक बहन और है अर वा मन्नै सगे भाई जैसा समझै अर मैं धन हो गया … नजरिया है लड़कियों की तरफ देखने का कभी भी बहन गर्ल फ्रैंड से ज्यादा प्यारी होती है क्योंके उसके प्यार में छल नही होता … और जीवन साथी एक होता है एक ही होना चाहिए … भाई बहन हमें जितने हो सकें बनाने चाहिए


ताऊ मास्टर से -” मेरा छोरा
पढाई मै कैसा सै ?”
😎मास्टर -“चौधरी यू समझ ले,……
आर्यभट्ट ने जीरो की खोज इसके खातिर ही करी थी ।”

हद्द ऐ यार …

एक बारां साल की लड़की का फेसबुक स्टेटस ” बहुत हुआ , अब मैं सब भूल के आगे बढ़ना चाहती हूं ”

ना बेब्बे तूं के भूलणा चावै छै का पहाड़ा … फेर तो तेरा सातवीं मैं ऐडमीशन बी कोनी होवै … आग्गै कित बढ़ैगी

आजकाल के बालका की घनघोर समस्या 👇👇👇
तू चाहवै सरकारी नौकरी आला
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याड़ै private की भी आस कोनी