एक बै एक जनैत जीमण लाग री थी। सबकी
पातल (प्लेट) में लाडडू धरे थे। एक ताऊ रह
गया।
कई बार हो गी।
ताऊ ने लाडु ना मिला।
हार के ने ताऊ छात की ओर मुँह करके बोल्या
– राम करे के छात पड़ ज्या। अर सारे दब के मर
ज्या।
एक जना बोल्या -हां ताऊ,जे या छात
पड़ेगी तो तू क्यूकर बचेगा?
ताऊ बोल्या – इब बी तो बच रया सु।



टीचर :- “आंधे की माक्खी राम हटावै” इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग करो ,
छात्र :- जी माणस बेसक दारू पीकै आंधा बोला हो रया हो , पर दारू का गलास आंख बंद करकै पी सकै इतिहास गवाह है दारू के गलास मैं माक्खी ना गिरती क्योंकि “आंधे की माक्खी राम हटावै” … 😝😝
टीचर :- बाहर लिक्ड़ क्लास तै कमीण अर सांझ नै मिलिए .

छोरा दिल्ली आली छोरी तै :- यू लव मी ना … 😎

छोरी :- नो … 😗

छोरा :- प्लीईईईज बोल दे ना यू लव मी … 😍

छोरी :- आई से नो मीन्स नो … 😗

छोरा :- देख ले भाई तै नाट्टै है … ओ तेरी बेब्बे कै थु थु थु … सोरी सोरी

ताऊ दारू पीकै आवै था आगे तै कुत्ता पड़ ग्या …
ताऊ नैं सैड़ देणी अपणा पजामा पाड़ दिया
मखा ताऊ या के करी
बोल्या उसनै बी तो पाड़नाए था


ल्यो भाई भजन सुण ल्यो आज।
राम राम तडके आली।

बीयर पीवैँ गरमिया म्ह
यार मेरे उल्लू के पट्ठे
पूरी पेटी ठा ल्यावैँ
100 100रपिये कर कैँ कट्ठे..
पीयाँ पाच्छै भुँडे बोलैँ
शर्म तार कैँ धर दे सैँ
फोन मिला कैढब्बण धोरै
LOUDSPEAKER On कर दे सैँ
बात करा दे बात करा दे
इसे बात प रोला हो ज्या
बोतल फोङैँ दही खँढादेँ
नया पजामा धोला हो ज्या
कितै कूण म्ह प्याज पङे
और कितै कूण म्ह दाल सै
DAILY रात नै कह कै सोवैँ
भाई आज पाच्छै टाल सै”

एक बाबा दस साल तै हिमालय पै था …
एक पत्रकार उसका इंटरव्यू लेंदा बुझण लाग्या :- महाराज आप इतनी ठंड में कैसे रह लेते हो ?

महाराज नैं जवाब दिया :- बस जी तपस्या और चाय मुझे ठंड से बचाते हैं … आप क्या पसंद करेंगे तपस्या यां चाय ?

पत्रकार बोल्या ;- जी चाय …

बाबा नैं रुक्का दिया :- ए तपस्या सुणैं है या बाऊजी खात्तर चाय बणा लिया ..


मेरे तै कार मैं किडनैप कर लिआ …
उनकी कोई बात सुणन तै प्हल्यां ए मैं बोल्या … Thanks भाइयो बचपन तै सपना था कार मैं बैठण का आज आपनै पूरा करया … 😊😊😊
सालेयां नै कार सैड मैं रोक कै मैं ठाकै बाहर गेर दिया
घणे बेकार लिकड़े यार … मेरे तै कैंदे मैं अपणे आप ना उतर जांदा … औच्छे बदमास हुंह .


मैडम_तू_धोखा_इसा_देगी

कई_बार_तो_अपणे_आप_पै_भी

शक_होजे_है

आज पेपर था ग्रामीण बैंक का, बाहर चैकिंग करण आळा नै भीतर ना बड़ण दिया, मराबटा न्यूं बोल्या तेरी आधार कार्ड की फ़ोटो ना मिलती, भूंडी फ़ोटो है……. मखा आधार कार्ड में कोए भी टॉम क्रूज ना लाग्या करता…. ना मान्या मेरा सुसरा…. मखा जाऊं सूँ, याद राखिए भूखा मैं भी नहीं मरूं, हिसार के जाट कॉलेज आगै गोल गप्प्यां की रेहड़ी लाऊंगा अर तेरी छोरी मेरे ए धोरै आया करैगी पाणी के पतासे खाण 😜
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खैर… घरां आया अर आकै अलमारी खोली जिसमें मेरे आज तक के भरे होड़ सारे फॉर्म थे..IIT तै लेकै MTS तक, कैलकुलेटर लेकै हिसाब लगाया तो बेरा पाट्या इन फार्मां कै पाछै घणे रपिये फूक दिए, इतणे में एक Bullet आ जाती अर विडम्बना देखो…. ईब साली नौकरी की उम्र भी जा ली 😂😂

एक हरियाणा आले आदमी की कार के पीछे लिखी सुंदर लाइन 🚘
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देख के ओवरटेक करें
गाड़ी म लठ भी धरें हैं


हाए रै गरमी …

म्हारे झोट्टे नैं छोह मैं आकै लिया जोड़िया तोड़ ,
भाज्या बिदक कै गाली देंदा बड़ गया भित्तर जोहड़ ,

बड़ गया भित्तर जोहड़ , बोल्या बाहर नी आंदा ,
ना तूं कदे नहावै … अर ना मन्नैं नुहांदा …


रुट्ठी बैठी … न्यू कवै तन्नै आज फेर पी ली … तेरी लाइफ मैं मेरी जगाह के है … पुराणी सिम बरगी … जब जी करया घाल दी , जब जी करया लिकाड़ दी … 😏

तो आ जा नैं लाइफ टाइम रिचार्ज बणकै … जिंदगी भर दूसरी सिम की सोचूं भी कोनी

मैं अपणे छोरे तै बोल्या … देख ब्रो मैं रुढ़ीवादी बाब्बू ना हूं … मैं अर तूं फ्रैंड हैं आज तै तूं मेरी गैल्यां खुल कै बात कर सकै है बडी …

आग्गे तै बोल्या … या ब्रो आई थिंक सो … बट देअर इज सम प्रोब्लम भाई … अपणी आईटम नै समझा ले … कदिए छेत गेरै मन्नै … आई डोंट लाइक दिस हुंह …

कूण मैं बैठया रो रया है इब झकोई … मेरे अंदर का बाब्बू जाग ग्या अर उसनै मेरी इजाजत लिए बिना थप्पड़ा दिया मेरा फ्रैंड … 😏😏😏

अरै कुत्ते तेरी मां है मेरी आइटम …


काम धंधे के चक्कर मैं घर तै बाहर जाणा पड़या पहली बार …

साउथ इंडिया मैं चेन्नई … ओढ़ै एक घर मैं पी जी सैट हो ग्या , दो चार दन तो उनके डोस्सा , उपमा साम्भर बड़ा , इडली ठीक लागे … फेर मन भर ग्या घर की रोटी याद आण लाग्गी ,

होटलां कान्नी चल दिया पर ना रोटी ढंग की अर ना सब्जी रुह सर की … हार माणनियां तो होए ना करते हरयाणा आले मखा रै रोटी मैं बणाउंगा रूम पै खुद …

कर लिआ सारा जुगाड़ अर बणाई आड्डी टेड्डी सी रोटी अर कच्ची पक्की सी दाल … जैसी बी थी घाल्या घी अर खाई … भाई बणी तो बात सी किम्मै पर वा माँ के हाथ का सुआद ना था …

दो तीन दन बाद हाथ तो चालण लाग गया रोटी सब्जी बणान मैं पर वा बात क्यों ना बणरी यार …

फेर के बांध लिआ परणा सर पै … लाल टोप्पी आले बाबा तै ले कै अर लाल चड्डी आले बाबा तक सारेआं के मसाले जो टीवी मैं देखे थे बरते … सब्जी चरचरी सी होजा थी पर वा बात ना ,

मिहनेंक पाच्छै रात साड्डे यांरा बजे रूम पै आया आलू गाजर मटर की सब्जी बणान लाग्या … ना तो लाल मिर्च ना मसाले सब किम्मै निमट रया था … बस थोड़ी हरी मिर्च अदरक लहसण पड़या था … चाल रै आज याए सइ … बणाई सब्जी रोटी अर पहली बुरकी मुंह मैं गेरिए थी माँ के हाथ बरगी सी लाग्गी …

मन्नै तड़कै माँ तै सारी कहानी बताई … माँ बोल्ली रै बेट्टा सुआद किसी बी औरत के हाथ मैं ना होता उसकी नीयत मैं हो सै वा स्वाद गैल्यां परिवार की सेहत का बी ख्याल राक्खै सै अर घणे तेल मसाले ना गेरदी वाए पोस्टिक सुआद मर्दां की जबान पै रच बस जा है … जिसनै थम्म परदेसां मैं याद करो अक माँ के हाथ का खाणा ,

मखा ए माँ मन्नै बी आ लिया थोड़ा थोड़ा माँ के हाथ का खाणा बणाना … बेसक टोह ले कोइ मेरे खात्तर जिसनै रोटी बणानी ना आंदी हो … मैं तो न्यू चांहू अक मेरे बालक याद करैं …

बाब्बू के हाथ का खाणा … 👍👍👍

Love you माँ …

सास :- या बर्तन किसनै तोड़े …

बहु :- सोरी मांजी म्हारा झगड़ा हो ग्या था …

सास :- अर या डबल बैड … ???

बहु ( शरमांदे होए ) :- या तो समझौता करदे हाण टूट ग्या

कोई लुगाई अपने खसम तै घणी तंग हो तो रात नै उसके सोए पाच्छै … उसके फोन तै अपने फोन पै एक वाट्स एप मैसेज भेजो …

तलाक , तलाक , तलाक ,

तीन साल तंइ पैंडा छूट सकै है .