एक होए करैं बेसुरे सिंगर …
एक होए करैं बेहुदे सिंगर …
फेर आवैं वे बेवड़े सिंगर जो रात साड्डे यारां बजे इमोशनल हो कै बची खुची गर्ल फ्रैंड तै फोन पै नशे मैं गल्त सल्त गाणा सुणा कै बचे खुचे रिलेशन का बी ब्रेकअप कर कै बैठ जां हैं … ओ रै लक फोर्टी एट कुड़ी दा … भाई रै एटी सेवन वेट कुड़ी दा … हट जा ताऊ पाच्छे नै मेरी डार्लिंग नाचैगी …
दिल्ली में प्रदूषण का कारण हरियाणा के जाट सं
जो हुक्के का धुमा दिल्ली कण मुंह करके छोड़े सं
चीन मैं एक कपल के घर दो छोरे जुड़वां पैदा होए उनका नाम रख्या
“Jo hoya”-“So hoya”
वहां दो तै जादा पैदा करना जुर्म , पर अगले साल फेर एक हो ग्या …
उसका नाम राख्या … “Ya ke hoya” 🤔
सरकार उस कपल तै ढूंढ री है … पर वे बालकां समेत फरार हो कै वापस रोहतक आ गए अपणे घर
म्हारे गाम का सुक्की वेहला ब्याह खात्तर छोरी देखण मन्नै अपने गैल्यां ले ग्या …
छोरी के सारे घर के बैठे थे , छोरी चाय लेकै आई अर सामने बैठगी … सुक्की थोड़ी हाण छोरी कान्नी देखकै छोरी के बाब्बू तै बोल्या :- अंकल जी है तो या बी ठीक पर इस्तै बढ़िया कोई और हो तो वा बी दिखा द्यो ……..
या सुन्दे ई मैं तो औढ़े तै अंतरध्यान हो ग्या …
सुक्की गैल्यां के बणी पाच्छे तै या तो वो होस मैं आण के बाद बतावैगा … आई सी यू मैं बेहोस पड़या फिलहाल तो
कहानी घर घर की …
पत्नी :- एजी सुणे है सब्जी के बणांऊ रात खात्तर …
पति :- बणाले यार जो तेरा जी करै ,
… ना थम बताओ ,
… दाल बणाले ,
… दपैहरी बी तो दाल थी
… फेर आलू बैंगण बणाले ,
… बालक ना खाते खुश होकै ,
… राजमा …
… ईब भिगो ना राक्खे घणा टैम लाग जागा ,
… अंडे पड़े होंगे फ्रिज मैं ,
… राम राम वीरवार है आज ,
… होटल तै लिआऊं कुछ ,
… ऐं हैं गंदी संदी सब्जी रांद दें हैं होटल आले तो ,
… तो बणाले नै यार जो तेरा जी करै ,
… ना थम बताओ …
इब या किसनै फैलाई…
कोहली ब्याह मै बाज्या आल्या के रपिये मार गया
एक बै एक चौधरी साहब की लाटरी लाग गी, अर लाटरी भी थोड़ी नहीं, पूरे 50 करोड़ की लागी। पूरे गोहान्ड मै रुक्का पङग्या अर मीडिया आले चौधरी कै पाच्छै पाच्छै चक्कर काटैं। एक मीडिया आला चौधरी कै मुह आगै माईक लगा कै बोल्या :-
चौधरी साहब। आप नै के बेरा लाग्या के इस नम्बर पै ऐ लाटरी लागै गी?
चौधरी :- जब मैं पहली रात नै सोया तो मन्नै सूपने मैं 16 दिख्या।। अर दूसरी रात नै सोया तो सूपने मै 2 दिख्या।। मन्नै 16 अर 2 की गुणा करकै 8 नम्बर पै लाटरी लगा दी।।
मीडिया आला ( अचम्भे मै ) :- रै चौधरी साहब। यो के कर्या आप नै। 16 अर 2 की गुणा तो 32 होव सै।।
चौधरी साहब :- रै बावलीबूच। तेरै हिसाब तै चालदा तो लाग ली थी लाटरी।।
हाय हाय रे मजबूरी …
या जाड्डा अर या दूरी ,
मन्नै कसम आज या खाई …
मेरा ब्याह जब तक ना हो जाता …
मैं ओढूंगा दो रजाई …
थम के सोच्चो थे अक मैं अपणा स्मयंवर रचण आला हूं तड़की … छोरेयां का ना होता याaaaर 😏😏
पर भाई क्लेश आला काम हो ग्या … कसम तो खा बैठया रै पतंदर गरमियां मैं के करैगा …
मृत्यु क्या है … ???
बचपन मैं पड़़ोस आली लड़की दोस्त के स्यामी माँ के रैहप्टे खाणा है मृत्यू …
स्कूल मैं छोरियां के स्यामी मास्टर का मुर्गा बनाणा है मृत्यू …
नौकरी पै बॉस छोह मैं आ रया हो अर उस्से टैम चुतड़ां मैं खुजली होणा है मृत्यू …
ब्याह के बाद सालियां के बीच बैठ होए पाद लिकड़ जाणा है मृत्यू …
अर बुढ़ापे मैं बुढ़िया का “अपणा ख्याल राखिओ जी” बोल कै साथ छोड़ जाणा है मृत्यू .
मैथ टीचर ने एक बच्चे से सवाल पूछा :- मान लो तुम्हारी भैंस ने दूध नही दिया और तुम्हे घर आए मेहमानों को चाय पिलानी है तो क्या करोगे … ?
बच्चा बोला … जी बजार से दूध ले आंउगा …
टीचर ( मुस्कुराते हुए ) :- वैरी गुड , अच्छा मान लो घर की भैंस का दूध पड़ता है बियालिस रुपये किलो , और बजार से मिलता है साड्डे बावन रुपये किलो … तुमने दूध लिया डेढ़ पाव , और दूध वाले नें उसमें पैंसठ ग्राम पानी मिला रखा था … तो बताओ तुम्हे कुल कितना नुक्सान हुआ … ?
जवाब ना देने पर मास्टर ने उस बच्चे को धूप में मुर्गा बना दिया …
अब दूसरे छात्र से वही सवाल पूछा …
छात्र बोला जी अपणे ताऊ के घर तै दूध लिआऊंगा …
टीचर बोला :- मान लो उनके घर भी दूध नही है तो …
छात्र :- जी पड़ोस आली चाची तै दूध मांग लूंगा …
टीचर चिढ़ के :- अगर उनके घर भी ना मिला तो …
छात्र :- मास्टर जी सारे गाम मैं हांड जाउंगा दूध मांगण खातर , ना मिलया तो मेहमाना तै नींबू पाणी प्या दूंगा … पर बजार तै मोल कोनी ल्यांऊ … मन्नैं धूप मैं मुर्गा ना बणना ..
पड़ोसन भाब्भी रंगी पुती दोपहर मेरे आग्गै खड़ी होकै बोली … देख देवर रंग नी ला देगा मेरै … 😗
मखा भाब्बी लाऊं कित रंग कोई जंगाह बच इ ना रई … नहा कै आ एक बै पहल्यां …
मुंह बणा कै बोली … ईब आइए भाई की मोटरसैकल मांगण हुंह ,
फेर दो बजे उसके नहाए पाच्छै कोए आधा किलो गुलाल गैल्यां रंगदी … छोह मैं आण का दिखावा तो करै थी पर ईब भाई आली मैटरसैकल तो देदेगी काम पड़े पै दिक्खै ..
दुकान पै गया था अंडे लेण मखा कितने का एक है …
बैल्या भाई सात का …
मखा यार स्यामी दकाण आला तो पाँच का दे है …
चारौं कान्नी देख कै खड़या होकै मेरे कान मैं बोल्या …
भाई उसकी मुर्गी का करैक्टर खराब है …
पत्थर उठा के मारते हैं मेरे ही मुझको …
दीवाना हो गया हूं मैं … देख के तुझको ,
तूं खुद भी खुद के जलवे से अंजान है शायद …
तिरछी नजर से आइने में देख तो खुद को
आज की शोले …
कालिया हरयाणवी होंदा तो … 😎😎
गब्बर :- कितने आदमी थे … टूंऊंऊंऊंऊं ( बैकग्रांऊड सांउड )
कालिया :- सरदार चालिस पचास तो होंगे गिणे ना ,
गब्बर :- ओ बकलोल न्यु कए करैं सरदार दो ,
कालिया :- आहो साले अर फेर तूं हमनै हंसा हंसा कै गोली मार दिए … तेरे फुफ्फे वे गाम आले बी तो थे उन गैल्यां …
मैडम_तू_धोखा_इसा_देगी
कई_बार_तो_अपणे_आप_पै_भी
शक_होजे_है
ताई- शादी हो गयी के बेटी तेरी??
छोरी- हां ताई।
ताई-छोरा के करा करें ??
छोरी- अफसोस