टीचर: – संजू यमुना नदी कहॉं
बहती है…??
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संजू: – जमीन पर…!!!
टीचर: – नक्शे में बताओं कहॉं बहती है…???
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संजू: – नक्शे में कैसे बह सकती है, नक्शा गल
नहीं जाएगा…!!!
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मुरारी बापू का छत्तीसगढ़ में दोपहर में प्रवचन चल रहा था, बीच में एक अनाउंसमेंट हुआ कि “” बाबू लाल जहाँ भी हो अपने घर चले जाये । उनकी पत्नी , उनका इंतज़ार कर रही है”
बाबू लाल उठकर जाने लगा तभी कुछ दूर पर बैठी हुई उसकी पत्नी बोली :
“बैठ जा , बैठ जा …
मैं ये देख रही थी कि प्रवचन में ही आया है , दारू भट्टी में लाइन लगाने को तो नहीं चला गया !
सलीक़ा हो अगर भीगी हुई आँखों को पढने का,😓❤
तो फिर बहते हुए आंसू भी अक्सर बात करते हैं
वो ज़हर देकर मारते तो दुनिया की नज़र में आ जाते;
अंदाजे कत्ल तो देखो मोहब्बत करके हमसे शादी ही कर ली।
Ye arzoo nahi ki kisi ko bhulayein hum.
Na tammana hai kisi ko rulayein hum.
Par dua hai us rab se ek hi,
Jisko jitana yaad karte hain usko utna yaad aayein hum.
Ae-Dost,
Agar Kabhi Toot Kar Bikhhar Jaao Toh Mujhe Yaad Karlena.
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Qki.. Mere Paas 5Rupaye Wali FEVI-QWICK Bekaar Padi Hai
उससे बिछड़ के हम रोये इतना..
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कि उसकी बहन बोली तू मुझे पटा ले..😐 फिर क्या था हमने आँसू पोछते हुए उसको गले लगा लिया..
पति को बाजार जाते हुए देख पत्नी
ने पैसे देकर कहा
“कुछ ऐसी चीज़ लाना जिस से मैं सुन्दर दिखूं” 👗👠🎀👓👛💄
पति खुद के लिए Whisky की दो बोतल ले आया।
उसकी तो फितरत थी
सबसे मोहब्बत करने की
हम तो बिना बजह अपने आप को
खुशनसीब समझ बेठे…
Jab udaas ho tum
Toh Gun-Guna lena mujhe……
Jab tumhara koi na bane
Toh apna bana lena mujhe……
Kabhi agar socho
Ki Tum se zyada tumhe kaun chahta hai……
Toh apne naam ke saath
Phir se dohra lena mujhe……
Hansne ke liye toh
Mil hi jayenge hazaaron tum ko……
Jab rone ke liye na mile koi
Toh bula lena mujhe…..
“झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता,
मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने…””
Bahot Rulaya Hai khud Gharz Logo ney mujh..
,,Ay Mout,,
Agr tum sath Do To sub ko Rulany ka Irada Hai Mera..
पत्नी: शादी से पहले तुम मुझे होटल, सिनेमा और न जाने कहां-कहां घुमाते थे…!
शादी हुई तो घर के बाहर भी नहीं ले जाते…!
पति: अरी भोली…! कभी चुनाव के बाद प्रचार देखा है…!
में भी योग करने जा रहा हूं
अभी
औऱ मेरा फ़ेवरेट आसन है
निद्रासन
Dilruba साथ अगर दोगे तो मुस्कुराएंगे ज़रूर,
प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे ज़रूर,
कितने भी काँटे क्यों ना हों राहों में,
आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर.
जब हम बोलना नहीं जानते थे,
तो हमें बोले बिना माँ हमारी बातों को समझ जाती थी;
और आज हम हर बात पर कहते हैं छोड़ो माँ आप नहीं समझोगी।