बड़ी बड़ी आँखे थी उसकी,
और मेरी छोटी छोटी आँखे,
फिर भी मेरी आँखों में ठहर गयी,
उसकी मोटी मोटी आँखे !
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मन की मैं पौसो से गरीब हु,
पर कोई माझे अपना बनाये तो उसके सारे गम खरीद सकता हूं
जिन 🤓नेताओ पर
हिंदुस्तान में सिर्फ 😝चुटकुले बनते है..
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पाकिस्तान उन्हें 😜सीरियस ले रहा है…
😥😥😥जीने भी दे ,,,😓😓दुनिया हमें इल्जाम न लगा एक बार तो करते हैं सब कोई हँसी गुन्हा,,,,,,😢😢
क्यों करते हो मुझसे इतनी ख़ामोश मुहब्बत.
लोग समझते है.
इस बदनसीब पागल का कोई नहीँ
जब सुकून नही मिलता दिखावे की बस्ती में…
तब खो जाता हूँ मेरे महाकाल की मस्ती में…
सहजता से निभ सके वे ही रिश्ते सुखद है
जिन्हें निभाना पड़े वो रिश्ते नहीं दुनियादारी है !!
Suna tha pyar krna art hai per
main too commerce ka student hu
Main apne ego ko credit krta hai
Or wo apne attitude ko debite krti rhi
ट्रेन गुजर रही थी स्टेशन पर..
तुम्हारी यादआई.
मालूम नहीं क्यूँ.
तुम्हें वो गाना याद है..
जो मैं अक्सर तुम्हें देख कर गुनगुनाया करता था.
तुझे ना देखूं तो चैन, मुझे आता नही है..
एक ऐसा भी दौर गुजरा है.
वाकई कैसे भूलना मुमकिन है.
याद है, तुम्हारे शहर में जब बारिश होती थी,
तो तुम मुझे बताती थी.
तुम्हारा शहर भीगा होगा वैसे फिर कभी या शायद नहीं.
मेरे बाद तुम्हारा शहर भी खाली हो गया होगा ना,
पता नहीं.
Fb से दूर हो, अच्छा कर रहे हो.
सच के लोग होते हैं असल ज़िंदगी में,
यहाँ तो सब काल्पनिक है.
अब भी तुम रहते हो मेरी बातों,
मेरे ख़यालों, मेरी कविताओं में कहीं.
पर ना जाने क्यूँ अब तुम मिलते ही नहीं.
कभी सोचता हुँ की फिल्म बनाऊँगा तो मेरे डायलॉग कोई नहीं लिख पाएगा तुम्हारे सिवा.
क्यूंकी तुम मेरे किरदारों को समझोगे,
जैसे मुझे समझते आए हो अभी तक.
अब तो ना जाने तुम कौनसी दुनिया में रहते हो
और मोहब्बत किसका नाम है.
तुम्हारे मेरे बीच में क्या है ये भी मालूम नहीं..
तुम कभी थे नहीं तो क्या है जिसकी कमी महसूस होती है.
तुम्हारी बातें सोच – सोच कर अब भी क्यूँ मुस्कुराता रहता हूँ.
किसी से रुठजाते हो,
तो अब किसे बताते हो.
मेरे जैसे कोई और ढूँढ लिया है क्या?
क्या हम तुम मिलेंगे
फिर कभी या फिर ट्रेन की पटरी की तरह साथ होकर भी अलग रहेंगे हमेशा…
तुम ही तो कहते थे ना कि हमारी मंज़िलें एक हैं
तो फिर रास्ते अलग – अलग क्यूँ हो गये…???
गुजर रही है ये जिंदगी बड़े ही नाज़ुक दौर से ……!!!
मिलती नहीं तसल्ली तेरे सिवा किसी और से…..!!!
इस मेसेज ने तो दिल ही छू लिया…..
एक दोस्त अपने दोस्त के शव को देख कर मुस्कुराया….!!
तो एक बुजुर्ग ने कहा… “बेटा..!! जवान मौत पर मुस्कुराते नहीं…!!”
लड़के ने आँखें साफ की और बोला… “बाबा क्या बताऊँ, दिल तो खून के आँसु रो रहा है..!!
लेकिन दोस्त से वादा किया था जब भी मिलेंगे…हँसते हुए मिलेंगे….!!
उसने कहा था… *”मैं जब मर जाऊँ, तो हसते हुए आना यारों, क्यों की उस वक्त मेरे हाथ तुम्हारे आंसू नहीं पोंछ सकेंगे!”*
Teri Sorat Ko Daikhnay Walay !!
Apni Aankhon Se Pyar Kartay Hain……..!!!
क्यों पहनती हो चूड़ी, क्यों पहनती हो कंगना,*
*सजने का ही शोक है तो फिर बना लो न सजना .😀
Jab laga seene par teer tab hume itna dard ni hua,
Zakhm ka ehsas to tab hua jb pta chla kaman apno ke hatho me thi..
ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है,
ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते हे. –
~Toot Kar Chubh Raha Hai Aankhon Main,
Aaina To Nahi Tha Khawab Mera .. ^