कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में,
कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो…!
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शिकायतों की पाई पाई जोड़कर रखी थी मैंने,
उसने गले लगाकर सारा हिसाब बिगाड़ दिया.
~Zaroorat’E-Zindagii Hum Se
Poochney Waaley Tujhe Kaiise Batayein Ke Tu Sabse
Zaroorii Haii .. ‘
आजकल के बच्चे मोबाइल खराब होने पर
नया ले लेते हैं ….!!
एक हम थे …
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.
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जो फूटे हुए गुब्बारे तक की “पिपनी” बना कर
सर पर फोड़ कर पूरा मज़ा लेते थे..!!
😝😝😜😜😂
इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी मुझे
फिर से आज जीने की वजह मिल गयी
खाना बना रही थी ना इसलिए गरम हूं,
ये केहकर एक माँ ने अपना बुखार छूपा लिया.
~Meri Ek Khata Pe Woh Mera Pyaar Hi Bhool Gaya,
Us Ne Ye Bhi Yaad Na Rakha K Aesi Hazaron Khatain Woh Roz Kia Karta Tha .. ‘
Chalo Reh Lo Masroof Tum,
Kisi Or Ki Muhabbat Main…, .!
Itni Chahat K Baad Tum Mere Na Howe To Kisi Or K Kya HoGy.
Mohobbat Main Jhukna Koi Ajeeeb Baat Nahi,
Chamakta Suraj Bhi to Dhal Jata Ha Chaand k
Liye.! …
संता ने अपना एक्स-रे केरवाया।
डॉक्टर बन्ता
आप के एक्स-रे में आप की हड्डी टूटी हुई है।
सन्ता:
चलो शुक्र है कि
एक्स-रे में ही टूटी है,
अगर असल में टुटी होती तो काफी खर्चा होता।।
😂😂😂
पहले शादी में सात फेरे लेते थे , अब चार फेरे लेते हैं , ऐसा क्यों ?
पहले शादी में 7 फेरे लेते थे तब घर में सात अक्षर वाले HUSBAND की चलती थी !
अब शादी में 4 फेरे लेते हैं , क्योंकि घर में चार अक्षर वाली WIFE की चलती है !
उनकी नजर में फर्क आज भी नही,
पहले मुड़ कर देखते थे..
अब देख कर मुड़ जाते है ..
Ehsaan Kiya Usne Mujhe Pyaar Sikha Kar,
Kya Hoti Hai Chahat Ye Mujh Ko Bata Kar,
Judai Hota Hai Pyaar Ka Asli Matlab,
Chod Diya Mera Saath Bas Itna Batakar.
जिँदगी से हम अपनी कुछ भी उधार नही लेते
.
कफन भी लेते है तो अपनी जिँदगी देकर
मर्द और औरत का रिश्ता भी अजीब होता हैं!
दूर रहो तो जुदाई और
.
.
.
पास रहो तो
.
.
.लड़ाई!
…
हां वो भी होता है, जो तूम सोच रहे हो!
एक पार्क मे दो बुजुर्ग बातें कर रहे थे….
पहला :- मेरी एक पोती है, शादी के लायक है… MA किया है, नौकरी करती है, कद – 5″2 इंच है.. सुंदर है
कोई लडका नजर मे हो तो बताइएगा..
दूसरा :- आपकी पोती को किस तरह का परिवार चाहिए…??
पहला :- कुछ खास नही.. बस लडका MA /M.TECH किया हो, अपना घर हो, कार हो, घर मे एसी हो, अपने बाग बगीचा हो, अच्छा job, अच्छी सैलरी, कोई लाख रू. तक हो…
दूसरा :- और कुछ…
पहला :- हाँ सबसे जरूरी बात.. अकेला होना चाहिए..
मां-बाप,भाई-बहन नही होने चाहिए..
वो क्या है लडाई झगड़े होते है…
दूसरे बुजुर्ग की आँखें भर आई फिर आँसू पोछते हुए बोला – मेरे एक दोस्त का पोता है उसके भाई-बहन नही है, मां बाप एक दुर्घटना मे चल बसे, अच्छी नौकरी है, डेढ़ लाख सैलरी है, गाड़ी है बंगला है, नौकर-चाकर है..
पहला :- तो करवाओ ना रिश्ता पक्का..
दूसरा :- मगर उस लड़के की भी यही शर्त है की लडकी के भी मां-बाप,भाई-बहन या कोई रिश्तेदार ना हो…
कहते कहते उनका गला भर आया..
फिर बोले :- अगर आपका परिवार आत्महत्या कर ले तो बात बन सकती है.. आपकी पोती की शादी उससे हो जाएगी और वो बहुत सुखी रहेगी….
पहला :- ये क्या बकवास है, हमारा परिवार क्यों करे आत्महत्या.. कल को उसकी खुशियों मे, दुःख मे कौन उसके साथ व उसके पास होगा…
दूसरा :- वाह मेरे दोस्त, खुद का परिवार, परिवार है और दूसरे का कुछ नही… मेरे दोस्त अपने बच्चो को परिवार का महत्व समझाओ, घर के बडे ,घर के छोटे सभी अपनो के लिए जरूरी होते है… वरना इंसान खुशियों का और गम का महत्व ही भूल जाएगा, जिंदगी नीरस बन जाएगी…
पहले वाले बुजुर्ग बेहद शर्मिंदगी के कारण कुछ नही बोल पाए…
दोस्तों परिवार है तो जीवन मे हर खुशी, खुशी लगती है अगर परिवार नही तो किससे अपनी खुशियाँ और गम बांटोगे.