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किसी को बुरा मत कहो
किसी की चुगली मत करो
किसी आचछे ईंसान के बारे
मे गलत मत बोलो
जो लोग आचछे होते
है वो किसी की भी बुराई नही करते है



“फरेब था हम आशिकी समझ बैठे,
मौत को अपनी ज़िंदगी समझ बैठे,
वक़्त का मज़ाक था या बदनसीबी,
उनकी दोस्ती की दो बातों को,
हम प्यार समझ बैठे.”

ज़िंदगी एक सेल्फ़ी जैसी होनी चाहिये,
जो कभी कभी Clear ना दिखे, लेकिन Smile हमेशा देती रहे,,

Pagal wo kar deti hogi…
Ab bhi jab wo hansti hogi…
Mujh ko to barbad kiya hai…
Khud bhi shayed roti hogi…
Arsa beeta hai bin dekhe…
Jane ab wo kaisi hogi…
Us k hath ki rekhaon mein…
Ik rekha meri bhi hogi…
Jis din us se milna hoga…
Shaam bhi us k jaisi hogi…
Dulhan ban kar wo is dil mein…
Socho kaisi lagti hogi…
Jin hathon ko main ne chooma…
Un ko ab tak takti hogi…
Sun kar mera naam wo shayed…
Mujh ko yaad to karti hogi…
Arsa beeta hai bin dekhe…
Jane ab wo kaisi hogi Kaisi hogi


में खुश हूँ कि
उसकी नफरत का अकेला वारिस हूँ
वरना मोहब्बत तो उसे कई लोगो से है…..

अपने खिलाफ बातों को अक्सर मैं ख़ामोशी से सुनता हूँ क्योकि जवाब देने का हक़.. मैंने वक़्त को दे रखा है


तुम्हारे सब चाहने वाले मिलकर भी उतना चाह सकते,
तुम्हें जितनी मोह़ब़्बत मैं अकेला करता हूँ तुम से…!!


नवाज : झूठ बोलना पाप है कश्मीर हमारा अपने आप है…
भारत : झूठ बोलना पाप है हिन्दुस्तान तुम्हारा बाप है.

एक बालक जिद पर अड़ गया

बोला कि “छिपकली” खाऊंगा .

घरवालों ने बहुत समझाया
पर नहीं माना !!

हार कर उसके गुरु जी को बुलाया गया।
वे जिद तुड़वाने में महारथी थे…

गुरु के आदेश पर छिपकली मंगवाई गई.

उसे प्लेट में परोस बालक के सामने रखकर गुरु बोले,
ले ! अब खा.

बालक मचल गया.. बोला-

“तली हुई खाऊंगा..”

गुरुजी ने छिपकली तलवाई और दहाड़े, “ले अब चुपचाप खा..”

बालक फिर गुलाटी मार गया
और बोला, आधी खाऊंगा…

छिपकली के दो टुकड़े किये गये..

अब बालक गुरुजी से बोला,
पहले आप खाओ..तभी मैं खाऊंगा

गुरु ने आंख नाक भींच किसी तरह आधी छिपकली निगली.

गुरु के छिपकली निगलते ही
बालक दहाड़ मार कर रोने लगा
की आप तो वो टुकड़ा खा गये
जो मुझे खाना था..

गुरु ने धोती सम्भाली और
वहां से भाग निकले,

करना-धरना कुछ नहीं,
नौटंकी दुनिया भर की.

वो ही बालक बड़ा होकर
*”नरेंद्र मोदी”*
के नाम से मशहुर हुआ, और अब जिद्द पकड़ रखी है कि भारत का विकास करुंगा …

😂😂😂😂😂


वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हूँ मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
कि एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी।


-Naya Dard Ek Dil Main Jaga’Kar Chala Geya
Kal Phiir Woh Mere Shehar Main Aa Kar Chala Geya
Jiise Dhoondtii Rahi Main Logon Kii Bheer Main
Mujhse Wo Apna Ap Chupakar Chala Geya
Main Us Kii Khamoshi Ka Sabab Poochtii Rahi
Woh Qisse Idher Udher Kay Sunakar Chala Geya
Yeh Sochtii Hoon Kaise Bhulaon’Gi Ab Usey
Ek Shakhs Woh Jo Mujh’Ko Bhulakar Chala Geya .. ‘

सुना है पाकिस्तान की हरकतों की,
पूर्व प्रधानमंत्री मनमौन सिंह ने कड़े शब्दों में निंदा की है,
और शब्द इतने कड़े थे कि गले में ही अटककर रह गए.


दुनिया मे ऐसा कोई व्यवसाय ही नहीं है, जो चले नहीं…

यदि आप साँप बेचने की दुकान खोल लोगे तो भी,
लोग ये सोच कर खरीदेंगे कि
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चलो पड़ोसी के घर में ही छोड़ देंगे..

तु मिले या न मिले ये मेरे मुकद्दर की बात है..
”सुकुन” बहुत मिलता है तुझे अपना सोचकर

कड़वी बात है लेकिन सच है ..
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हम किसी के लिए उस वक़्त तक स्पेशल है..
जब तक उन्हें कोई दूसरा नहीं मिल जाता..