बुद्ध अपने शिष्यों के साथ बैठे थे। एक शिष्य ने पूछा- “कर्म क्या है?”
बुद्ध ने कहा- “मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ।”
एक राजा हाथी पर बैठकर अपने राज्य का भ्रमण कर रहा था।अचानक वह एक दुकान के सामने रुका और अपने मंत्री से कहा- “मुझे नहीं पता क्यों, पर मैं इस दुकान के स्वामी को फाँसी देना चाहता हूँ।”
यह सुनकर मंत्री को बहुत दु:ख हुआ। लेकिन जब तक वह राजा से कोई कारण पूछता, तब तक राजा आगे बढ़ गया।
अगले दिन, मंत्री उस दुकानदार से मिलने के लिए एक साधारण नागरिक के वेष में उसकी दुकान पर पहुँचा। उसने दुकानदार से ऐसे ही पूछ लिया कि उसका व्यापार कैसा चल रहा है? दुकानदार चंदन की लकड़ी बेचता था। उसने बहुत दुखी होकर बताया कि मुश्किल से ही उसे कोई ग्राहक मिलता है। लोग उसकी दुकान पर आते हैं, चंदन को सूँघते हैं और चले जाते हैं। वे चंदन कि गुणवत्ता की प्रशंसा भी करते हैं, पर ख़रीदते कुछ नहीं। अब उसकी आशा केवल इस बात पर टिकी है कि राजा जल्दी ही मर जाएगा। उसकी अन्त्येष्टि के लिए बड़ी मात्रा में चंदन की लकड़ी खरीदी जाएगी। वह आसपास अकेला चंदन की लकड़ी का दुकानदार था, इसलिए उसे पक्का विश्वास था कि राजा के मरने पर उसके दिन बदलेंगे।
अब मंत्री की समझ में आ गया कि राजा उसकी दुकान के सामने क्यों रुका था और क्यों दुकानदार को मार डालने की इच्छा व्यक्त की थी। शायद दुकानदार के नकारात्मक विचारों की तरंगों ने राजा पर वैसा प्रभाव डाला था, जिसने उसके बदले में दुकानदार के प्रति अपने अन्दर उसी तरह के नकारात्मक विचारों का अनुभव किया था।
बुद्धिमान मंत्री ने इस विषय पर कुछ क्षण तक विचार किया। फिर उसने अपनी पहचान और पिछले दिन की घटना बताये बिना कुछ चन्दन की लकड़ी ख़रीदने की इच्छा व्यक्त की। दुकानदार बहुत खुश हुआ। उसने चंदन को अच्छी तरह कागज में लपेटकर मंत्री को दे दिया।
जब मंत्री महल में लौटा तो वह सीधा दरबार में गया जहाँ राजा बैठा हुआ था और सूचना दी कि चंदन की लकड़ी के दुकानदार ने उसे एक भेंट भेजी है। राजा को आश्चर्य हुआ। जब उसने बंडल को खोला तो उसमें सुनहरे रंग के श्रेष्ठ चंदन की लकड़ी और उसकी सुगंध को देखकर बहुत प्रसन्न हुआ। प्रसन्न होकर उसने चंदन के व्यापारी के लिए कुछ सोने के सिक्के भिजवा दिये। राजा को यह सोचकर अपने हृदय में बहुत खेद हुआ कि उसे दुकानदार को मारने का अवांछित विचार आया था।
जब दुकानदार को राजा से सोने के सिक्के प्राप्त हुए, तो वह भी आश्चर्यचकित हो गया। वह राजा के गुण गाने लगा जिसने सोने के सिक्के भेजकर उसे ग़रीबी के अभिशाप से बचा लिया था। कुछ समय बाद उसे अपने उन कलुषित विचारों की याद आयी जो वह राजा के प्रति सोचा करता था। उसे अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए ऐसे नकारात्मक विचार करने पर बहुत पश्चात्ताप हुआ।
यदि हम दूसरे व्यक्तियों के प्रति अच्छे और दयालु विचार रखेंगे, तो वे सकारात्मक विचार हमारे पास अनुकूल रूप में ही लौटेंगे। लेकिन यदि हम बुरे विचारों को पालेंगे, तो वे विचार हमारे पास उसी रूप में लौटेंगे।
यह कहानी सुनाकर बुद्ध ने पूछा- “कर्म क्या है?” अनेक शिष्यों ने उत्तर दिया- “हमारे शब्द, हमारे कार्य, हमारी भावनायें, हमारी गतिविधियाँ…”
बुद्ध ने सिर हिलाया और कहा- *”तुम्हारे विचार ही तुम्हारे कर्म हैं।”*

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दरिया ने झरने से पूछा
तुझे समन्दर नहीं बनना है क्या..?
झरने ने बड़ी नम्रता से कहा
बड़ा बनकर खारा हो जाने से अच्छा है
छोटा रह कर मीठा ही रहूँ

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जब मैं ट्रैफिक में गाड़ी चला रहा होता हूँ और थोड़ी ज्यादा भीड़ रहती है तो स्पीड कम रखनी पड़ती है और तभी…..पीछे से एक तेजतर्रार हॉर्न सुनाई देता है….बार बार….लगातार….🙄
अरे नहीं साहब….ये हॉर्न किसी एम्बुलेंस का नहीं है….🤔
वो तो पीछे गर्दन घुमाई तो….एक दिव्य तेज प्रकाश में समाई छवि के दर्शन होते हैं….😊
16-17 साल का लड़का….आँखों पर मीना बाज़ार में 20 रु में मिलने वाले बेहूदा चश्मा लगाए….कानों में काले रंग की बालियाँ….हाथों में सलमान खान टाईप का ब्रेसलेट पहने….जिसकी शक्ल देखकर….चमगादड़ और मनुष्य में फर्क करना मुश्किल हो जाता है….😁
वो पल्सर या उसी किस्म की हाई पावर नये मॉडल की बाइक पर बैठकर हॉर्न पर हाॅर्न बजा रहा होता है…😳
उसे आगे जाना है…
मुझसे पहले….हम सब से पहले….!!
भले ही जगह ना हो….सड़क पर भीड़ हो….या सामने से बच्चे ही आ रहे हों लेकिन….उस अक्ल के दुश्मन को तेज गति से आगे जाना है क्योंकि…..
अगले मोड़ में ओबामा या मोदी उसके साथ चाय-सुट्टा पीने के लिए इन्तज़ार कर रहे होते हैं….😁
मुझे ऐसे लोगों पर बहुत गुस्सा आता है मगर फ़िर भी….मैं मुस्कान (और अंदर से गाली भी) देकर उन्हें आगे जाने का रास्ता दे देता हूँ….😊
दरअसल ये लोग बुरे नहीं हैं ।।
ये तो भगवान के भेजे हुए वो शांति दूत होते हैं….जो खुद का एक्सीडेंट करवा के हमें समझा जाते हैं….कि बाइक धीरे चलायें….😁
ये लोग….सामने खड़ी मौत को गले लगाकर….हमारी जान बचा जाते हैं….😁
ये लोग एक्सीडेंट में खुद के प्राण त्याग कर….समाज को शिक्षा दे जाते हैं कि….हेलमेट पहनना क्यों जरुरी है….और सन्तुलित वेग में वाहन चलाना क्यों आवश्यक है….😁
अत: ऐसा कोई भी बन्दा (गधा, जाहिल, उल्लू का पठ्ठा) मिले तो….उसे नफ़रत से नहीं….बल्कि स्नेह की दृष्टि से देखें..

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एक राजा था जिसकी केवल एक टाँग और एक आँख थी। उस राज्य में सभी लोग खुशहाल थे क्योंकि कि राजा बहुत बुद्धिमान और प्रतापी था।एक बार राजा के विचार आया कि क्यों खुद की एक तस्वीर बनवायी जाये।फिर क्या था, देश विदेशों से चित्रकारों को बुलवाया गया और एक से एक बड़े चित्रकार राजा के दरबार में आये।राजा ने उन सभी से हाथ जोड़ कर आग्रह किया कि वो उसकी एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनायें जो राजमहल में लगायी जाएगी।
सारे चित्रकार सोचने लगे कि राजा तो पहले से ही विकलांग है, फिर उसकी तस्वीर को बहुत सुन्दर कैसे बनाया जा सकता है ?ये तो संभव ही नहीं है और अगरतस्वीर सुन्दर नहीं बनी तो राजा गुस्सा होकर दंड देगा।यही सोचकर सारे चित्रकारों ने राजा की तस्वीर बनाने से मना कर दिया।
तभी पीछे से एक चित्रकार ने अपना हाथ खड़ा किया और बोला कि मैं आपकी बहुत सुन्दर तस्वीर बनाऊँगा जो आपको जरूर पसंद आएगी।फिर चित्रकार जल्दी से राजा की आज्ञा लेकर तस्वीर बनाने में जुट गया।काफी देर बाद उसने एक तस्वीर तैयार की जिसे देखकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ और सारे चित्रकारों ने अपने दातों तले उंगली दबा ली।
उस चित्रकार ने एक ऐसी तस्वीर बनायीं जिसमें राजा एक टाँग पूरी तरह से दिखाई दे ऐसे घोड़े पर बैठा है,और एक आँख रानीसाहिबा के लटक रहे झुल्फो से ढकी हुई है!राजा ये देखकर बहुत प्रसन्न हुआ कि उस चित्रकार ने राजा की कमजोरियों को छिपाकर कितनी चतुराई से एक सुन्दर तस्वीर बनाई है।राजा ने उसे खूब इनाम एवं धन दौलत दी।
तो क्यों ना हम भी।दूसरों की कमियों को छुपाएँ,उन्हें नजरअंदाज करें और अच्छाइयों पर ध्यान दें।आजकल देखा जाता है कि लोग एक दूसरे की कमियाँ बहुत जल्दी ढूंढ लेते हैं चाहें हममें खुद में कितनी भी बुराइयाँ हों लेकिन हम हमेशा दूसरों की बुराइयों पर ही ध्यान देते हैं कि अमुक आदमी ऐसा है, वो वैसा है।
हमें नकारात्मक परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोचना
चाहिए और हमारी सकारात्मक सोच हमारी हर समस्यों को हल करती है।

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बहाने (Excuses) बनाम (Vs) सफलता (Success)* अवश्य पढ़े प्रेरणादायक (Must Read! Very Motivational)
बहाना 1 :- मेरे पास *धन नही….*
जवाब :- इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन *नारायणमूर्ति* के पास भी *धन नही था,* उन्होंने अपनी *पत्नी के गहने बेचने पड़े…..*
बहाना 2 :- मुझे *बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी…..*
जवाब :- *लता मंगेशकर* को भी *बचपन से परिवार की जिम्मेदारी उठानी पङी थी….*
बहाना 3 :- मैं *अत्यंत गरीब घर से हूँ….*
जवाब :- पूर्व राष्ट्रपति *अब्दुल कलाम भी गरीब घर से थे….*
बहाना 4 :- बचपन में ही मेरे *पिता का देहाँत हो गया था….*
जवाब :- प्रख्यात संगीतकार *ए.आर.रहमान के पिता का भी देहांत बचपन में हो गया था….*
बहाना 5 :- मुझे *उचित शिक्षा लेने का अवसर नही मिला….*
जवाब :- *उचित शिक्षा का अवसर फोर्ड मोटर्स के मालिक हेनरी फोर्ड को भी नही मिला….*
बहाना 6 :- मेरी *उम्र बहुत ज्यादा है….*
जवाब :- *विश्व प्रसिद्ध केंटुकी फ्राइड चिकेन के मालिक ने 60 साल की उम्र मे पहला रेस्तरा खोला था….*
बहाना 7 :- मेरी *लंबाई बहुत कम है….*
जवाब :- *सचिन तेंदुलकर की भी लंबाई कम है….*
बहाना 8 :- *बचपन से ही अस्वस्थ था….*
जवाब :- *आँस्कर विजेता अभिनेत्री मरली मेटलिन भी बचपन से बहरी व अस्वस्थ थी….*
बहाना 9 :- मैं *इतनी बार हार चूका, अब हिम्मत नहीं…*
जवाब :- *अब्राहम लिंकन 15 बार चुनाव हारने के बाद राष्ट्रपति बने….*
बहाना 10 :- *एक दुर्घटना मे अपाहिज होने के बाद मेरी हिम्मत चली गयी…..*
जवाब :- *प्रख्यात नृत्यांगना सुधा चन्द्रन के पैर नकली है….*
बहाना 11 :- मुझे *ढ़ेरों बीमारियां है…..*
जवाब :- *वर्जिन एयरलाइंस के प्रमुख भी अनेको बीमारियो थी, राष्ट्रपति रुजवेल्ट के दोनो पैर काम नही करते थे…..*
बहाना 12 :- मैंने *साइकिल पर घूमकर आधी ज़िंदगी गुजारी है….*
जवाब :- *निरमा के करसन भाई पटेल ने भी साइकिल पर निरमा बेचकर आधी ज़िंदगी गुजारी….*
बहाना 13 :- मुझे *बचपन से मंद बुद्धि कहा जाता है….*
जवाब :- *थामस अल्वा एडीसन को भी बचपन से मंदबुद्धि कहा जाता था….*
बहाना 14 :- मैं *एक छोटी सी नौकरी करता हूँ, इससे क्या होगा….*
जवाब :- *धीरु अंबानी भी छोटी नौकरी करते थे….*
बहाना 15 :- मेरी *कम्पनी एक बार दिवालिया हो चुकी है, अब मुझ पर कौन भरोसा करेगा….*
जवाब :- *दुनिया की सबसे बड़ी शीतल पेय निर्माता पेप्सी कोला भी दो बार दिवालिया हो चुकी है….*
बहाना 16 :- मेरा *दो बार नर्वस ब्रेकडाउन हो चुका है, अब क्या कर पाउँगा….*
जवाब :- *डिज्नीलैंड बनाने के पहले वाल्ट डिज्नी का तीन बार नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था…..*
बहाना 17 :- मेरे पास *बहुमूल्य आइडिया है पर लोग अस्वीकार कर देते है…*
जवाब :- *जेराँक्स फोटो कॉपी मशीन के आईडिया को भी ढेरो कंपनियो ने अस्वीकार किया था, लेकिन आज परिणाम सबके सामने है…..*
*सबक…..*
आज आप जहाँ भी है या कल जहाँ भी होंगे इसके लिए आप किसी और को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते, इसलिए आज चुनाव कीजिए, *सफलता और सपने चाहिए या खोखले बहाने???*

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एक बहुत बड़ा सरोवर था। उसके तट पर मोर
रहता था, और वहीं पास एक
मोरनी भी रहती थी। एक दिन मोर
ने मोरनी से प्रस्ताव रखा कि- “हम
तुम विवाह कर लें,
तो कैसा अच्छा रहे?”
मोरनी ने पूछा- “तुम्हारे मित्र
कितने है ?”
मोर ने कहा उसका कोई मित्र
नहीं है।
तो मोरनी ने विवाह से इनकार कर
दिया।
मोर सोचने लगा सुखपूर्वक रहने के
लिए मित्र बनाना भी आवश्यक है।
उसने एक सिंह से.., एक कछुए से.., और
सिंह के लिए शिकार का पता लगाने
वाली टिटहरी से.., दोस्ती कर लीं।
जब उसने यह समाचार
मोरनी को सुनाया, तो वह तुरंत
विवाह के लिए तैयार हो गई। पेड़ पर
घोंसला बनाया और उसमें अंडे दिए, और
भी कितने ही पक्षी उस पेड़ पर रहते
थे।
एक दिन शिकारी आए। दिन भर
कहीं शिकार न मिला तो वे उसी पेड़
की छाया में ठहर गए और सोचने लगे,
पेड़ पर चढ़कर अंडे- बच्चों से भूख बुझाई
जाए।
मोर दंपत्ति को भारी चिंता हुई,
मोर मित्रों के पास सहायता के लिए
दौड़ा। बस फिर क्या था..,
टिटहरी ने जोर- जोर से
चिल्लाना शुरू किया। सिंह समझ गया,
कोई शिकार है। वह उसी पेड़ के नीचे
चला.., जहाँ शिकारी बैठे थे। इतने में
कछुआ भी पानी से निकलकर बाहर आ
गया।
सिंह से डरकर भागते हुए
शिकारियों ने कछुए को ले चलने
की बात सोची। जैसे ही हाथ
बढ़ाया कछुआ पानी में खिसक गया।
शिकारियों के पैर दलदल में फँस गए।
इतने में सिंह आ पहुँचा और उन्हें ठिकाने
लगा दिया।
मोरनी ने कहा- “मैंने विवाह से पूर्व
मित्रों की संख्या पूछी थी, सो बात
काम की निकली न, यदि मित्र न
होते, तो आज हम सबकी खैर न थी।”
मित्रता सभी रिश्तों में
अनोखा और आदर्श रिश्ता होता है।
और मित्र
किसी भी व्यक्ति की अनमोल
पूँजी होते है।
अगर गिलास दुध से भरा हुआ है तो आप उसमे और दुध
नहीं डाल
सकते । लेकिन आप उसमे शक्कर डाले । शक्कर अपनी जगह
बना लेती है और अपना होने का अहसास दिलाती है।
जीवन में किसी के दोस्त बनो तो शक्कर की तरह बनों।
राधे राधे।

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दम है तो “`3 सवाल के जवाब बताओ…….
और अगर इन सवालो के जवाब दे दिये तो हम आपको Whatsapp और फेसबूक के राजा कहेंगे..
सवाल 1- बाप ने बेटी को 1 गिफ्ट दिया और कहा भूख लगे तो खा लेना, प्यास लगे तो पी लेना और ठंड लगे तो जला लेना, ये गिफ्ट क्या है।
सवाल 2 – एक चीज ऐसी है जो सुखी हो तो 2 किलो , गीली हो तो 1 किलो और जल जाए तो 3 किलो
सवाल 3 – वो क्या चीज़ है जो साल में 1 बार,
महीने में 2 बार,
हफ्ते में 4 बार,
और दिन में 6 बार आती है…?
उत्तर दो इन सभी सवाल का..
आप के पास एक दिन का समय है देखते हैं कौन सबसे ज्यादा जीनीयस है
Reply Must
””””””””””””
जिसको भी फारवर्ड कर सकते है, करीए और जबाब तलाश कीजिए ।
आपको चैलेंज है 24 घंटे के भीतर आप अपने दोस्तों को भेजे।
आपका समय अब शुरु “`

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6 सवाल और 6 चुनौतियॉं : 
1. किस का जन्मदिन हर साल नहीं आता ?  
2. कौन सी चीज धूप में नहीं सूख सकती.?  
3. कौन सा फल मीठा होने के बावजूद बाजार में नही बिकता ?  
4. कौन सी चीज है जिसका नाम लो तो टूट जाती है ?  
5. वो कौन है जो बगैर पैरों के भागता है और लौटकर नहीं आता ?  
6. कौन सी मछली  समुद्र में तैर नहीं सकती ?  
इन सवालों का जवाब 24 घंटों में देने की कोशिश करें | अपने अन्य मित्रों के पास भी यह संदेश भेजें ताकि आप उनसे भी इनके सही उत्तर जान सकें | आप समय शुरू होता है अब … दिमाग लगाकर देखें …..

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जो नसीब मे है..वो चलकर आयेगा.
जो नही है..वो आकर भी चला जायेगा.
जिंदगी को इतना सीरियस लेने की जरूरत नही है दोस्तो…
यहाँ से जिंदा बचकर कोई नही जायेगा..
एक सच है की…..
अगर जिंदगी इतनी अच्छी होती तो हम इस दुनिया मे रोते रोते ना आते…
लेकिन एक मीठा सच ये भी है अगर ये जिंदगी बुरी होती तो हम जाते जाते लोगो को रुलाकर ना जाते….
जी ले आज….कल किसने देखा हैं ।
🌹 *Enjoy life*

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जीवन के 6 सत्य:-
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने खूबसूरत हैं ?
क्योंकि लंगूर और गोरिल्ला भी अपनी ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर लेते हैं ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शरीर कितना विशाल और मज़बूत है ?
क्योंकि श्मशान तक आप अपने आपको नहीं ले जा सकते ।
आप कितने भी लम्बे क्यों न हों,
मगर आने वाले कल को आप नहीं देख सकते ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि, आपकी त्वचा कितनी गोरी और चमकदार है ।
क्योंकि अँधेरे में रोशनी की जरूरत पड़ती ही है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि ” आप ” नहीं हँसेंगे तो सभ्य कहलायेंगे ?
क्योंकि ” आप ” पर हँसने के लिए दुनिया खड़ी है ।
कोई फर्क नहीं पड़ता कि, आप कितने अमीर हैं ? और दर्जनों गाड़ियाँ आपके पास हैं ?
क्योंकि घर के बाथरूम तक आपको चल कर ही जाना पड़ेगा ।
इसलिए संभल कर चलिए …ज़िन्दगी का सफर छोटा है , हँसते हँसाते काटिये, आनंद आएगा ।

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एक आदमी ने देखा की एक गरीब बच्चा उस की कीमती कार को निहार रहा है।
उसे रहम आ गया और उसने उस बच्चे को अपनी कार में बैठा लिया।

बच्चा : आपकी कार बहुत महंगी है ना.?

आदमी : हाँ। मेरे बड़े भाई ने मुझे उपहार में दी है।

बच्चा : आपके बड़े भाई कितने अच्छे आदमी हैं।

आदमी: मुझे पता है तुम क्या सोच रहे हो। तुम भी ऐसी कार चाहते हो ना.?

बच्चा: नहीं, मै भी आपके बड़े भाई जैसा बनना चाहता हूँ। मेरे भी छोटे भाई बहन हैं ना..।

Thought of the day:-
“अपनी सोच को हमेशा ऊंचा रखें, दूसरों की अपेक्षाओं से भी कहीं ज्यादा ऊँचा.

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पैदल वापस घर आ रहा था ।
रास्ते में एक बिजली के खंभे पर एक कागज लगा हुआ था ।
‘कृपया पढ़ें’___________________________
पास जाकर देखा – “इस रास्ते पर मैंने कल एक ₹50 का नोट गंवा दिया है । मुझे ठीक से दिखाई नहीं देता । जिसे भी मिले कृपया इस पते पर दे सकते हैं ।” …
यह पढ़कर पता नहीं क्यों उस पते पर जाने की इच्छा हुई । पता याद रखा । यह उस गली के आखिरी में एक झुग्गी झोपड़ी का है । वहाँ जाकर आवाज लगाया तो एक वृद्धा लाठी के सहारे धीरे-धीरे बाहर आई । मुझे मालूम हुआ कि वह अकेली रहती है । उसे ठीक से दिखाई नहीं देता ।
“माँ जी”, मैंने कहा – “आपका खोया हुआ ₹50 मुझे मिला है उसे देने
आया हूँ ।”
यह सुन वह वृद्धा रोने लगी ।
“बेटा, अभी तक करीब 50-60 व्यक्ति मुझे 50-50 ₹ दे चुके हैं । मै पढ़ी-लिखी नहीं हूँ, । ठीक से दिखाई नहीं देता । पता नहीं कौन मेरी इस हालत को देख मेरी मदद करने के उद्देश्य से लिख गया है ।”
बहुत ही कहने पर माँ जी ने पैसे तो रख लिए । पर एक विनती की – ‘ बेटा, वह मैंने नहीं लिखा है । किसी ने मुझ पर तरस खाकर लिखा होगा । जाते-जाते उसे फाड़कर फेंक देना बेटा ।’
मैनें हाँ कहकर टाल तो दिया पर मेरी अंतरात्मा ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन 50-60 लोगों से भी “माँ” ने यही कहा होगा । किसी ने भी नहीं फाड़ा । मेरा हृदय उस व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता से भर गया । जिसने इस वृद्धा की सेवा का उपाय ढूँढा । सहायता के तो बहुत से मार्ग हैं , पर इस तरह की सेवा मेरे हृदय को छू गई ।
उस अकेली वृद्धा की जिंदगी के लिए इससे अच्छा कोई उपाय नहीं है ।
मैंने उस कागज को फाड़ा नहीं ।
अच्छा लगा तो share करे

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धयान से पढ़ना आँखों में पानी आ जाएगा.
बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..
इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया
मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा …
जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है …..
आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था …. जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे …
मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी ….
पता तो चले कितना माल छुपाया है …..
माँ से भी …
इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को..
जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है ….
मैंने जूता निकाल कर देखा …..
मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था …
जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था ..
और मुझे जाना ही था घर छोड़कर …
जैसे ही कुछ दूर चला ….
मुझे पांवो में गिला गिला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था ….
पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था …..
जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी …..
मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये ….
मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था..
लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिए
पर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ?
दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा था
उन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना ……
ओह….अच्छे जुते पहनना ???
पर उनके जुते तो ………..!!!!
माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो …
और वे हर बार कहते “अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे ..”
मैं अब समझा कितने चलेंगे
……तीसरी पर्ची ……….
पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये …
पढ़ते ही दिमाग घूम गया…..
पापा का स्कूटर ………….
ओह्ह्ह्ह
मैं घर की और भागा……..
अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी ….
मैं घर पहुंचा …..
न पापा थे न स्कूटर …………..
ओह्ह्ह नही
मैं समझ गया कहाँ गए ….
मैं दौड़ा …..
और
एजेंसी पर पहुंचा……
पापा वहीँ थे ……………
मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया ..
…..नहीं…पापा नहीं…….. मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल…
बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है..
वो भी आपके तरीके से …।।

“माँ” एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है…
और
“पापा” एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है…
Always Love Your Parents

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एक गांव में बाढ़ आ गई। घरों में पानी भरने लगा तो गांव के लोग जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की तरफ चले गये। केवल एक आदमी, जो भगवान का बड़ा भक्त था, अपने घर में फंसा रह गया। जब पानी ज्यादा बढ़ने लगा तो वह छत पर चढ़ गया और भगवान से प्रार्थना करने लगा। तभी एक नाव उसके घर के पास से गुजरी। नाव पर सवार आदमी ने चिल्लाकर उसे नाव पर आने के लिए कहा पर आदमी ने मना कर दिया। बोला – मुझे अपने भगवान पर पूरा विश्वास है। वे मुझे जरूर बचा लेंगे। तुम जाओ।
नाव वाला नाव लेकर चला गया। आदमी फिर प्रार्थना करने लगा। करीब एक घंटे बाद एक मोटरबोट उसकी तरफ आई। मोटरबोट सवार ने भी उस आदमी से चलने का अनुरोध किया पर उस आदमी ने उसे भी मना कर दिया – नहीं भाई। तुम जाओ । मेरे प्रभु मुझे बचाने अवश्य आएंगे। और फिर प्रार्थना में तल्लीन हो गया।
कुछ देर बाद एक हेलिकॉप्टर वहां से गुजरा। छत पर खड़े अकेले आदमी को देखकर उन्होंने रस्सी उसकी ओर फेंकी और हेलिकॉप्टर पर आने का इशारा किया। पर उस आदमी ने उनकी भी मदद लेने से इनकार कर दिया। बोला – आप लोग चिन्ता न करें । मेरे भगवान मुझे बचा लेंगे।
अंतत: पानी छत पर आ गया और उस आदमी की डूब कर मौत हो गई।
परलोक पहुंचने पर वह सीधा भगवान के सामने जा खड़ा हुआ और फट पड़ा – भगवान ! ये आपने ठीक नहीं किया ! मैंने सच्चे मन से आपकी प्रार्थना की ! आप पर भरोसा किया, इसके बावजूद आपने मुझे नहीं बचाया ! आखिर क्यों ?
भगवान आवेश में आकर बोले – अरे मूर्ख ! मैंने तुझे बचाने के लिए एक नाव, एक मोटरबोट और एक हेलिकॉप्टर भेजा ! अब और तुझे क्या चाहिए था ………

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*”एक सुनार था, उसकी दुकान से मिली हुई एक लोहार की दुकान थी।*
*सुनार जब काम करता तो उसकी दुकान से बहुत धीमी आवाज़ आती, किन्तु जब लोहार काम करता तो उसकी दुकान से कानों को फाड़ देने वाली आवाज़ सुनाई देती।*
*एक दिन एक सोने का कण छिटक कर लोहार की दुकान में आ गिरा।* *वहाँ उसकी भेंट लोहार के एक कण के साथ हुई।*
*सोने के कण ने लोहे के कण से पूछा- भाई हम दोनों का दुख एक समान है, हम दोनों को ही एक समान आग में तपाया जाता है और समान रूप ये हथौड़े की चोट सहनी पड़ती है।*
*मैं ये सब यातना* *चुपचाप सहता हूँ, पर तुम बहुत चिल्लाते हो, क्यों?*
*लोहे के कण ने मन भारी करते हुऐ कहा-*
*तुम्हारा कहना सही है, किन्तु तुम पर चोट करने वाला हथौड़ा तुम्हारा सगा भाई नहीं है।*
*मुझ पर चोट करने वाला लोहे का हथौड़ा मेरा सगा भाई है।*
*परायों की अपेक्षा अपनों द्वारा दी गई चोट अधिक पीड़ा पहुचाँती है”*

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मंज़िलों तक पहुँचने का जब रास्ता मिलेगा मुझे
अंजानों का चेहरा भी तब, हसता मिलेगा मुझे।
.
माना की ज़रा महँगे हैं अब दो पल भी लोगों के
ऊँचाइयों पर अच्छा अच्छा सस्ता मिलेगा मुझे।

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