हाँ मैं डरता हूँ कहने से , कि मुझे मुहब्बत है तुमसे ,

मेरी जिंदगी बदल देगा , तेरा इकरार भी इनकार भी ….



उसे किस्मत समझ कर गले से लगाया था हमने,
पर भूल गए थे हम किस्मत बदलते देर नही लगती

शायरी शौक नही, और नाही कारोबार है मेरा,
बस दर्द जब सह नही पाता, तो लिख देता हूँ

हम जिस्म को नही रूह को
वश मे करने का शोक रखते है


याद आती है अब भी उनकी हमें हद से ज्यादा..
मगर वो याद ही नही करते तो हम क्या करें

कुछ नहीं होगा तो आँचल में छुपा लेगी मुझे,
माँ कभी सर पे खुली छत नहीं रहने देगी !


-Dooriyan Huye Toh Galat’Fehmiyaan Bhi Barh Gaye,
Phiir Usne Woh Bhii Suna Jo Maiine Kaha Hi Nahii .. ‘


-Har Ek Ne Rakha Mujhe Zaroorat Ki Mayar Par
Lekiin
Chorrh Woh Bhi Geya Jeeta Tha Jisey Saanson Ko Haar Kar .. ‘

आँसूं उठा लेते हैं तेरे ग़मों का बोझ,
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ये वो दोस्त हैं जो एहसान जताया नहीं करते …।

न रुकी वक़्त की गर्दिश और न ज़माना बदला……!!
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पेड़ सूखा तो परिन्दों ने ठिकाना बदला……!!


मंजूर थे हमें वक्त के सारे सितम मगर….

तुमसे बिछड़ कर जी लेना ~ सज़ा ज़रा ज्यादा हो गई !


सुना है प्यार मे लोग अकसर,
अपनी औकात से बडा काम कर जाते है

पत्थर समझ कर हमे मत ठुकराओ
कल हम मंदिर मे भी हो सकते है


मुझको खो दोगे तो पछताओगे बहुत …!

ये आखरी गलती तुम बहुत सोच-समझ कर करना …!!

सुना है कि मिल जाती है हर चीज दुआ से ……
आज तुम्हें मांग के देखेंगे खुदा से।