हम जिस्म को नही रूह को वश मे करने का शोक रखते है
~Tujhe Roz Dekhu Kareeb Se Mere Shoq Bhii Haii Ajeeb Se .. ^
तूने फैसले ही सारे दूर जाने वाले किये, नहीं तो बता मेरे से करीब तेरे और कौन था।
तेरी मुहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना, हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते…
पहचान ना पाया तेरी हकीक़त को वक्त रहते। ये मेरी मोहब्बत थी या तेरे झुठ बोलने का हुनर
हमारी तो ज़ुबान भी इतनी बात नहीं करती •• जितनी तुम्हारी आंखें करती है
आप जिस पर आँख बंद करके भरोसा करते हैं, अक्सर वही आप की आँखें खोल जाता है.
-Hum Gareeb Ache Haiin Duniiya Dar Logon Se, Hum Apne Khawab Zaroor Torty Haiin Kisii Ka Dil Nahii .. ‘
हम तो नरम पत्तों की शाख़ हुआ करते थे. छीले इतने गए कि “खंज़र ” हो गए….
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