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एक ताऊ अपने पड़ोसी के घर से घी लाने गया
ताऊ–छोरा तेरी माँ ने पूछ थारे घी है के …..
छोरा–माँ घर घी है के ताऊ पूछ है……..
माँ–बेटा तेरे ताऊ न के दे की आपने तो रोटी चोपडन जोगा ही है…..
छोरा– ताऊ मेरी माँ कह की म्हारे तो रोटी चोपडन जोगा ही है….
ताऊ–तो तेरी माँ न कह दे की में के ढुंगा चोपडन खातर लेजा हूँ..



म्हारी म्हैस नै तीन दन होगे , रोज सांज नै बोलै अक आज रात ब्याउंगी … सारी रात उसके सिराहणे बैठे रवां दो तीन जणे कम्बल सोड़ औढ़ कै … अर तड़की फेर दांदरे काड्ढ कै दिखा दे है … अक इबी मूढ नाहै … 😬😬

हद ऐ यार मतबल … डांगर बी जाड्डे मैं सुआद लेरे हैं …

न्यू कवैं अक वक्त एक बार खुद को दोहराता है …
हे भगवान … इसका मतलब वा फेर आवैगी मेरी जिंदगी मैं …
पिज्जा खुआदे … नंवी मूवी आरी देखण चाल्लै के टिकट के पीसे लेरी मैं … या सूट देखिए किसाक लागै है मेरै मन्नै तो ना जचया

कोई भी हरियाणा से बाहर का डाक्टर हरियाणा
में आकर डाक्टर की दुकान नहीं खोल सकता

क्यों? 😉😉

क्योंकि हरियाणा के मरीज की बिमारी हरियाणा के डाक्टर के अलावा कोई समझ ही नहीं सकता

जैसे :-

“भीतरले म धूमा सा उठै है”
“आख्या म त झल सी लकडै हैं”
“गात में उचाटी सी लाग री है।”
“जी कुलमुलावे है।”
“पेट मे धुकड़ धुकड़ हो री है।”
“हाथ झूठे पड़ रे स”
“हरकत हो री स”
“कालजा लकर लकर करे स”
“सिर मै चिड़िया सी बोले सै”
“कड़ मै तरेड़ सी पाटै सै”


या न्यूज चैनल आल्यां की मानै तो वा कोरिया का कुत्तरु बेरा ना कद दुनिया का खात्मा करदै …

बस एक आखरी अवाज आवैगी …

सूंऊंऊंऊंऊंऊंऊं ठांआंआंआंअअ……. .. . .

हाम तो ज्यांतै तावली तावली पोस्ट गेरां हाँ … रै बैरियो ले ल्यो जी सा … बेरा ना कल हो ना हो .

भूंडू के भीरे कै लट्ठ लाग्गे आज … 😝😝😝
एक टैंट आली दकान पै लिख राख्या था …. यंहा ब्याह शादी का सब सामान मिलता है ,
जाकै बोल्या हां जी सेठ जी एक बढ़िया सी छोरी दिखाओ ब्याह खात्तर …
टैंट आली दरी मैं लपेट कै कुट्या मेरा साला … 😜😜
पाँच मिन्ट पाच्छै चूचे की ढाल दरी मैं तै गरदन बाहर लिकाड़ कै बोल्या … हां बइ फीजिकल फैल होया मेरा अक पास …
फेर दुबारा फीजिकल टैस्ट शुरु कर दिया … उसके सुसराड़ आल्यां नै


मेरी रश्के कमर … तेरी दुक्खै कमर ,
तेरी होई सगाई …
मजा आ गया

तन्नै ब्लॉक मैं करया … कसूर मेरा धरया ,
फेर बी ना भूल पाई …
मजा आ गया

ना गिला तेरे तै … मैं तो आदी धूप का
तूं थी छांव बण कै आई …
मजा आ गया

जिंदगी पाणी सी … नदी बण कै तन्नै
कुछ दन सीधी चलाई …
मजा आ गया

( किसी की कसम तोड़ कै लिखी हैं ये लाइन भाई … कोई उल्टा सुल्टा मतलब मत लिकाड़िओ


जै कोई दस बजे उठै तो
जरूरी ना स की आलसी ए हो
हो सकै है आगला के सपने बड़े हों

छोटी बहन बड्डी तै :- या छोरी हर जन्म मैं एक इ पति क्यों मांगै सैं … 😩
बड्डी :- ए बेब्बे हर जन्म नंवे गधे नै ट्रेनिंग कौण दे … 😗

( छोरियां तो इस पोस्ट नै पढ़ कै खुसी के मारे गिद्दा लावणी भरत नाट्यम सब किमै नाच लेंगी …

बेट्टा :- मां आज ना बाब्बू कामआली तै बैडरूम मैं पोट्टी करण की कवै था …😩

बाब्बू के अपणी लुगाई के स्यामी तोत्ते से उड़गे बोल्या :- ओ हरामजादे मन्नै कद कई थी … 😡

बेट्टा :- आच्छया तूंए ना तड़की बैड पै पड़या पड़या उसतै बोल रया था मेरी जान वैलेनटांइन चल रया आजा हग दे ..


मै तो इसे जाडे म्य नहाया मखा उसतै विडियो कालिंग करुंगा,
उस बैरण नै फोन काट दिया नू कह के अक मने शर्म आवे से.


पद्मावती मूवी का नाम पद्मावत करके रीलीज करने की तैयारी …

अर यंहा करनी सेना वाले भी अपणा नाम बदल कै करण सेणा रखण की सोचरे हैं ,

तूम डाल डाल … हम पात पात ..

पड़ोसन भाब्भी रंगी पुती दोपहर मेरे आग्गै खड़ी होकै बोली … देख देवर रंग नी ला देगा मेरै … 😗

मखा भाब्बी लाऊं कित रंग कोई जंगाह बच इ ना रई … नहा कै आ एक बै पहल्यां …

मुंह बणा कै बोली … ईब आइए भाई की मोटरसैकल मांगण हुंह ,

फेर दो बजे उसके नहाए पाच्छै कोए आधा किलो गुलाल गैल्यां रंगदी … छोह मैं आण का दिखावा तो करै थी पर ईब भाई आली मैटरसैकल तो देदेगी काम पड़े पै दिक्खै ..


रुट्ठी बैठी … न्यू कवै तन्नै आज फेर पी ली … तेरी लाइफ मैं मेरी जगाह के है … पुराणी सिम बरगी … जब जी करया घाल दी , जब जी करया लिकाड़ दी … 😏

तो आ जा नैं लाइफ टाइम रिचार्ज बणकै … जिंदगी भर दूसरी सिम की सोचूं भी कोनी

मेरे तै कार मैं किडनैप कर लिआ …
उनकी कोई बात सुणन तै प्हल्यां ए मैं बोल्या … Thanks भाइयो बचपन तै सपना था कार मैं बैठण का आज आपनै पूरा करया … 😊😊😊
सालेयां नै कार सैड मैं रोक कै मैं ठाकै बाहर गेर दिया
घणे बेकार लिकड़े यार … मेरे तै कैंदे मैं अपणे आप ना उतर जांदा … औच्छे बदमास हुंह .

पड़ोस मैं एक भाभी दिल्ली की स। आज तड़के 7 बजे म्हारै घर आयी, मैने दरवाजा खोला तो वो बोली:- कोई बात नही जी मैं फिर आ जाऊँगी।
मनै दरवाजा बंद कर दिया।
7:30 बजे दोबारा आई, दरवाजा खोलते ही बोली:-कोई बात नही जी मैं थोड़ी देर में आ जाऊँगी।
मेरे बात समझ नहीं आई, मनै दरवाजा बंद कर दिया।
8 बजे फिर आई,दरवाजा खोला तो बोली कोई बात नही जी, मैं कल ही आ जाऊँगी।
मैं बोल्या :- रूक भाभी, के चक्कर है???
तीन बार आली, फेर न्यू कहदे है बाद म्हं आऊँगी!
भाभी बोली:- जी मैं जब भी आती हूँ आपके हाथ में चम्मच मिलती है, मैं सोची आप खाना खा रहे हो तो बाद में आ जाऊँ।
मैं बोल्या रै बावलीबूच या चम्मच तो हाम साँकल म्हं लाया कराँ….!!