दोस्तो से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले,,
कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे नहीं.
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आग लगना मेरी फितरत में नही पर लोग
मेरी सादगी से ही जल जाये उस में मेरा कया कसूर!✅
मरने का मज़ा तो तब है,
जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोये.
मरने का मज़ा तो तब है,
जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोये.
बिना मतलब के दिलासे भी नहीं मिलते यहाँ ,
लोग दिल में भी दिमाग लिए फिरते हैं !!
लश्कर भी तुम्हारा है, सरदार भी तुम्हारा है,
तुम झूठ को सच लिख दो, अखबार भी तुम्हारा है..!!
लश्कर भी तुम्हारा है, सरदार भी तुम्हारा है,
तुम झूठ को सच लिख दो, अखबार भी तुम्हारा है..!!
हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते हैं,
हम इसी वास्ते, अब हर शख्स से कम मिलते हैं
हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते हैं,
हम इसी वास्ते, अब हर शख्स से कम मिलते हैं
बेवफाई तो सभी कर लेते है जानेमन ,
तू तो समझदार थी कुछ तो नया करती
बेवफाई तो सभी कर लेते है जानेमन ,
तू तो समझदार थी कुछ तो नया करती
मुझे नफरत पंसद है मगर,
दिखावे का प्यार नही!!
मेला लग जायेगा उस दिन शमशान मे,
जिस दिन मे चला जाँऊगा आसमान मे
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता,
बात करना ना सही, देखना तो नसीब होता
कोई वकालत नही जलती जमीन वालो की,
जब कोई फैसला आसमान से उतरता है
” बुंलदी तक पहुंचना चाहता हूँ मै भी,
पर गलत राहो से गुजर के जाऊ ”
इतनी भी जल्दी नही !