मुझे नफरत पंसद है मगर,
दिखावे का प्यार नही!!
गुज़रे है आज इश्क के उस मुकाम से, नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से ।
जीवन में एक दोस्त कर्ण जैसा भी जरूर होना चाहिए, जो तुम्हारे गलत होते हुए भी तुम्हारे लिए युद्ध करे.
इश्क में तेरे मरने का इरादा नहीं…..! प्यार है तुमसे पर जिन्दगी से ज्यादा नहीं.!! 🙂
मैं रोज अपने खून का दिया जलाऊँगा, ऐ इश्क तू एक बार अपनी मजार तो बता
वो मेरा हमसफर भी था वो मेरा राहगुजर भी था, मंजिलें ही एक न थीं, दरमियाँ ये फासला भी था।
मंजिलो पर जाकर साथ छोडते तो कोई बात न थी गुमराह कर गया मुझे तेरा यूँ बीच राह में छोड Continue Reading..
तेरी मुहब्बत की तलब थी तो हाथ फैला दिए वरना, हम तो अपनी ज़िन्दगी के लिए भी दुआ नहीं करते…
~Aaj Ki Shaam Bhii Qayamat Kii Tarha Guzrii, Na’Jane Kya Baat Thii Har Baat Pe Tum Yaad Ay .. ‘
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