मेला लग जायेगा उस दिन शमशान मे,
जिस दिन मे चला जाँऊगा आसमान मे
कोई वकालत नही जलती जमीन वालो की, जब कोई फैसला आसमान से उतरता है
लफ्ज़ पहचान बने मेरी तो बेहतर है..!! चेहरे का क्या है, साथ ही चला जाएगा एक दिन
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी, पहले पागल किया, फिर पागल कहा, फिर पागल समझ कर छोड़ दिया.
~Ab Toh Bas Jaan Dene Ki Baari Haii, Meiin Kaha Tak Saabit Karu Mujh Meiin Bhii Waffa Haii .. ‘
यही सोच कर उसकी हर बात को सच मानते थे.. की इतने खुबसूरत होंठ झूठ कैसे बोलेंगे..
चलता रहूँगा मै पथ पर, चलने में माहिर बन जाउंगा, या तो मंज़िल मिल जायेगी, या मुसाफिर बन जाउंगा !
~Toot Kar Chubh Raha Hai Aankhon Main, Aaina To Nahi Tha Khawab Mera .. ^
जन्नत का हर लम्हा दीदार किया था, माँ तूने गोद मे उठा कर जब प्यार किया था.
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