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एस वार की सर्दियों में अैसा ना होने पाए,
चड़ती रहें चादरें मज़ार पर,
और बाहर बैठा फ़क़ीर
ठंड से मर जाए।



zindgi me 4 bate APKA saat kabhi nhi chodegi
1-dil ki dhakhan 2-parchayi 3-kushiya
or
4-ek us se rishta jiska aap msg padh rahe ho.

एक तरफ़ा इश्क से परहेज़ कीजिये जनाब…
दिल टूट गया अगर तो बस आप ज़िम्मेदार होंगे

45 दिन शराब न पीकर जनता ने बता दिया कि वो बिना शराब के जिंदा रह सकते हैं।

लेकिन ठेके खोल कर सरकार ने बता दिया कि शराब के बिना सरकार मर जाएगी।


जिसके भी घर जायें,
बच्चों को बराबर पैसे देकर आयें
वरना उस घर में कयामत भी आ सकती है

मंदिर के पुजारी को दस्त हो गये
दवाई लेते समय पुजारी ने डॉक्टर से पूछा,
“कोई चीज की परहेज.. ?”
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डॉक्टर बोला:
“शंख जोर से मत बजाना”. 😝 😜


*”गलतफहमीं की हद तो देखो!!”*

एक महिला नाराज होकर अपने पति से बोलचाल बिलकुल बंद कर देती है,🤐🤐🤐🤐🤐

… और समझती है,

…. कि वह अपने पति को कड़ी सजा दे रही है!!


एग्जाम प्रेशर
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कैरियर प्रेशर
फिर
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गोलगप्पे वाले के देने से पहले ,
प्लेट वाला गोलगप्पा खत्म करने का प्रेशर

दोस्त : ओय सुन….!

Me: भोंक……….!

दोस्त : तमीज़ से बात कर लिया करो..!

Me: भोंकिये जी….

😂😂😂😂😂

कक्षा 7 की बात है
गाँव के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे।
संस्कृत का कालांश चल रहा था।
गुरूजी दिवाली की छुट्टियों का कार्य बता रहे थे।
तभी शायद किसी शरारती विद्यार्थी के पटाखे से स्कूल के स्टोर रूम में पड़ी दरी और कपड़ो में आग लग गयी।
देखते ही देखते आग ने भीषण रूप धारण कर लिया।
वहां पड़ा सारा फर्निचर भी स्वाहा हो गया।
सभी विद्यार्थी पास के घरो से, हेडपम्पों से जो बर्तन हाथ में आया उसी में पानी भर भर कर आग बुझाने लगे।
आग शांत होने के काफी देर बाद स्टोर रूम में घुसे तो सभी विद्यार्थियों की दृष्टि स्टोर रूम की बालकनी(छज्जे) पर जल कर कोयला बने पक्षी की ओर गयी।
पक्षी की मुद्रा देख कर स्पष्ट था कि पक्षी ने उड़ कर अपनी जान बचाने का प्रयास तक नही किया था और वह स्वेच्छा से आग में भस्म हो गया था,
सभी को बहुत आश्चर्य हुआ।
एक विद्यार्थी ने उस जल कर कोयला बने पक्षी को धकेला तो उसके नीचे से तीन नवजात चूजे दिखाई दिए, जो सकुशल थे और चहक रहे थे।
उन्हें आग से बचाने के लिए पक्षी ने अपने पंखों के नीचे छिपा लिया और अपनी जान देकर अपने चूजों को बचा लिया था।
एक विद्यार्थी ने संस्कृत वाले गुरूजी से प्रश्न किया –
“गुरूजी, इस पक्षी को अपने बच्चो से कितना मोह था, कि इसने अपनी जान तक दे दी ?”
गुरूजी ने तनिक विचार कर कहा –
“नहीं,
यह मोह नहीं है अपितु माँ के ममत्व की पराकाष्ठा है, मोह करने वाला ऐसी विकट स्थिति में अपनी जान बचाता और भाग जाता।”
भगवान ने माँ को ममता दी है और इस दुनिया में माँ की ममता से बढ़कर कुछ भी नहीं है।


जनगणना वाले -आपके मिंया की मौत 5 साल पहले हुई
और आपका छोटा बेटा
फिर 3 साल का कैसे?

सलमा- हाँ तो वो मरे हैं
मैं नहीं


उन लोगों को कभी मत भुलाना जिंदगी में,
जिन्होंने आपका साथ तब दिया जब आपके पास कोई नहीं था !!

मोहब्बत का इजहार करके मेरे दर्द को बेघर ना कर…
ताउम्र काटी है इसने मेरे सीने में रह कर…..।।।।”


* Mujhey Guman Hai K Chaha Hai Bohut Zamanay Ne Mujhey,
Main Azeez To Sab Ko Hon Magar . . .
Zaroraton Ki Tarah..!

तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,
हम ‘जान’ दे देते हैं मगर ‘जाने’ नहीं देते !!